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NCC exam

राज्य के पुलिस फोर्सेज परीक्षा में एनसीसी सर्टिफिकेट धारकों को मिलेगी वरीयता

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) में भारत के युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए एनसीसी सर्टिफिकेट धारकों को बोनस अंक देने का निर्णय लिया है. अब केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF), राज्य सशस्त्र बलों की परीक्षाओं में एनसीसी कैडेट को अलग से अंक दिए जाएंगे।

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में एनसीसी कैडेट होने का फायदा :

  • एनसीसी ‘C’ सर्टिफिकेट धारकों को परीक्षा के अधिकतम अंकों का 5% बोनस अंकों के रूप में दिया जाएगा।
  • एनसीसी ‘B’ सर्टिफिकेट धारकों को परीक्षा के अधिकतम अंकों का 3% बोनस अंकों के रूप में दिया जाएगा।
  • एनसीसी ‘A’ सर्टिफिकेट प्राप्त करने वालों को परीक्षा के अधिकतम अंकों का 2% बोनस अंकों के रूप में दिया जाएगा।

ऑनलाइन एक्सिबिशन ऑफ माइन आर्ट 2020 की झलकियां।

सीएपीएफ भर्ती में एनसीसी ‘ए’ प्रमाण पत्र धारकों को बोनस अंक देने की ये योजना उप निरीक्षक और कांस्टेबल (जीडी) के पदों के लिए आगामी सीधी भर्ती परीक्षा में लागू होगी। भारत सरकार सभी राज्य सरकारों से अपने संबंधित पुलिस बलों के लिए सीधी भर्ती परीक्षा में समान प्रावधान करने का भी आग्रह करेगी ताकि एनसीसी प्रमाणपत्र धारकों को उनके साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके । केंद्रीय गृहमंत्री ने इस बारे में कहा कि ये निर्णय न केवल युवाओं को एनसीसी में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगा, बल्कि सीएपीएफ को प्रशिक्षित और अनुशासित युवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित करेगा ।

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राष्ट्रीय कैडेट कोर का परिचय:

एनसीसी एक त्रिकोणीय सेवा संगठन है जिसमें सेना के तीनों विंग शामिल है- थल सेना नौसेना और वायु सेना। संगठन का आदर्श वाक्य ‘एकता और अनुशासन’ है, जिसके पालन से यह युवाओं को अनुशासित और देशभक्त नागरिकों के रूप में तैयार करता है। इसका गठन राष्ट्रीय कैडेट कोर अधिनियम, 1948 के तहत किया गया था. गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने युवाओं को एनसीसी में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने और देश की भलाई के लिए समर्पित तरीके से काम करने के लिए कई कदम उठाए हैं. सशस्त्र बलों के अधिकारियों की सेवा करके कैडेटों को एनसीसी में बुनियादी सैन्य और हथियार प्रशिक्षण दिया जाता है. उनकी प्रवीणता और निपुणता का समय-समय पर परीक्षण किया जाता है, जिसके बाद ही उन्हें प्रमाणपत्र से सम्मानित किया जाता है ।

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एनसीसी सर्टिफिकेट:

एनसीसी में प्रथम स्तर से उत्तीर्ण होने पर कैडेट को ‘A’ प्रमाणपत्र से सम्मानित किया जाता है. वहीं दूसरे स्तर को उत्तीर्ण करने पर ‘B’ प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है. केवल वे कैडेट जिनके पास ‘बी’ प्रमाण पत्र है, वे ‘सी’ प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए पात्र होते है।

झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी, रांची की ऑफिसियल वेबसाइट www.jru.edu.in के अलावा ब्लॉग के जरिये जानकारी प्राप्त करने के लिए लॉग इन करें https://www.jru.edu.in/my-campus-life/

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माइनिंग इंजीनियर बनकर सवारें अपना भविष्य

आज के युग में खनन और माइनिंग इंजीनियर (Mining Engineer) की मांग हर क्षेत्र में देखने को मिलती है क्योकि आजकल देश में ईंधन की खपत लगातार बढ़ रही है।

माइन (Mine) मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है – अंडर ग्राउंड माइन (Underground mine) और ओपेन-पिट माइन (Open-Pit Mine)

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अंडरग्राउंड माइन (Underground Mine) में ही खनिज (Mineral) मिलते हैं, जिन्हें माइनिंग के द्वारा निकाला जाता है. अंडरग्राउंड माइन के माध्यम से सोने और कोयले को निकाला जाता है, इसके अलावा ओपन पिट माइनिंग (Open pit Mining) द्वारा आयरन (Iron) ओर लाइमस्टोन (limestone), मैग्नीज (Manganese) आदि को निकाला जाता है।

माइनिंग या खनन इंजीनियरिंग में कैरियर बनाने के लिए सबसे पहले उम्मीदवार का किसी मान्यताप्राप्त विद्यालय से साइंस स्ट्रीम में 12 वीं कक्षा पास करना अनिवार्य है। इसके बाद उम्मीदवार माइनिंग से डिप्लोमा(Diploma) बीटेक (B.Tech), बीई (B.E) और बीएससी (BSC) कोर्स कर सकते है। माइनिंग कोर्स के अन्तर्गत उम्मीदवार को ड्रिलिंग (Drilling), ब्लास्टिंग (Blasting), माइन कॉस्ट इंजीनियरिंग (Mine Cost Engineering), अयस्क रिजर्व विश्लेषण (Ore Reserve Analysis), ऑपरेशन विश्लेषण (Operation Analysis), माइन वेंटीलेशन (Main ventilation), माइन प्लानिंग (Mine Planning), माइन सेफ्टी (Mine Safety), रॉक मैकेनिक्स (Rock Mechanics), कम्प्यूटर एप्लीकेशन (Computer Applications), इंडस्ट्रियल मैनेजमेंट (Industrial Management) से सम्बंधित जानकारी दी जाती है।

पॉपुलर कोर्स

  1. डिप्लोमा इन माइनिंग इंजीनियरिंग
  2. बीटेक इन माइनिंग इंजीनियरिंग।

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** माइनिंग इंजीनियरिंग करने वाले स्टूडेंट्स डिप्लोमा इन माइनिंग इंजीनियरिंग और बीटेक इन माइनिंग इंजीनियरिंग कोर्स को बेहद पसंद करते है। ये दोनों कोर्सेज में रोजगार के अवसर सालों भर मौजूद रहते है। बड़ी कंपनियां जैसे सीसीएल, बीसीसीएल,हिंडाल्को अपने यहाँ इंटर्न के अलावा मांइनिंग सरदार और अन्य पदों पर जॉब्स के लिए नियुक्तियां करती रहती है।

मुख्य रूप से इस कोर्स के तहत उम्मीदवार को खनिज पदार्थों की संभावनाओं का पता लगाना, उनके नमूने एकत्रित करना भूमिगत तथा भूतल खदानों का विस्तार और विकास करना, खनिजों को परिष्कृत करना आदि के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है।

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अवसर:

माइनिंग इंजीनियरिंग क्षेत्र मे रोजगार के अपार अवसर उपलब्ध है।एक माइनिंग इंजीनियर स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (Steel Authority of India Limited), कोल इंडिया लिमिटेड (Cole India Limited), आईबीपी लिमिटेड (IBP Ltd), आईपीसीएल (IPCL), नेवली लिग्नाइट कॉरपोरेशन (Nevali Lignite Corporation), यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (Uranium Corporation of India) में रोजगार पा सकते है।

** झारखंड में माइनिंग इंजीनियरिंग के टॉप 3 इंस्टिट्यूट

  • इंडियन स्कूल ऑफ माइंस, धनबाद
  • बिरसा इंस्टीटूट ऑफ टेक्नोलॉजी,झरिया, धनबाद
  • झारखंड राय यूनिवर्सिटी, रांची।

माइनिंग इंजीनियरिंग करने के बाद कौन – कौन सी कंपनियां देती हैं नौकरियां ?

माइनिंग इंजीनियरिंग के बाद कोल इंडिया लिमिटेड, टाटा स्टील, रियो टिनटो, वाइजैग स्टील, मोनेट इस्पात, वेदांता, एचजेडएल, एचसीएल, इलेक्ट्रोस्टील, द इंडियन ब्यूरो ऑफ माइनिंग, जियॉलजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, आईपीसीएल, नालको, अडानी माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियां नौकरिया प्रदान कराती है।

सैलरी:

माइनिंग इंजीनियरिंग कोर्स पूरा करने के बाद कैंडिडेट्स शुरुआत में 4 से 5 लाख रुपये सालाना कमा सकते हैं। आप जैसे-जैसे इस फील्ड में पुराने होते जाएंगे वैसे-वैसे इनकम भी बढ़ती जाएगी। इसी के साथ अगर आप रिसर्च कर रहे हैं तो ये इनकम और भी ज्यादा हो सकती है।

माइनिंग इंजीनियर बनने के लिए होने चाहिए ये स्किल्स :-

  • माइंस/खानों में काम करने के प्रति रुझान
  • मेहनत और मशक्कत करने में कोई परेशानी नहीं
  • लीडरशिप और श्रमिकों से काम करवाने की क्षमता
  • खदान की चुनौतीपूर्ण स्थितियों में किसी भी जोखिम का सामना करने का आत्मविश्वास
  • माइनिंग की तकनीकी और वैज्ञानिक अपडेटेड जानकारी
  • मैथ्स और फिजिक्स जैसे विषयों में दिलचस्पी
PM MODI LOCAL VOCAL GLOBAL

LOCAL, VOCAL, GLOBAL – THE RISING INDIA

लोकल, वोकल- ग्लोबल : झारखंड राय यूनिवर्सिटी।
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भारत को कभी विश्वगुरु कहा जाता था’, यह वाक्य आपने कई बार सुना होगा लेकिन क्या आपने इस विषय पर चिंतन करने की कोशिश की आखिर भारत को विश्वगुरु क्यों कहा जाता था?

विश्वभर के विद्यार्थी शिक्षा के लिए भारत की ओर क्यों देखते थे? लेकिन आज बढ़िया शिक्षा की बात आते ही देश के लोग अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, जर्मनी इत्यादि देशों की ओर जाने लगे है, छोटे शहरों के स्टूडेंट्स दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर और कोलकाता जाते है।

यह ट्रेंड कोई नया नहीं है बड़े शहरों के प्रति मोह और उसकी चकाचौंध ज्यादा आकर्षित करती है जबकि अवसर और इंस्टिट्यूशन छोटे शहरों में भी है।

उच्च शिक्षा की बात करें तो झारखंड की राजधानी वर्षो से अपने संस्थानों के कारण चर्चित रहा है। पिछले कुछ वर्षों से निजी संस्थानों ने झारखंड के प्रति अपना आकर्षक दिखाया है।

वोकेशनल और टेक्निकल कोर्स के साथ मजबूत उपस्थिति दर्ज करने में झारखंड राय यूनिवर्सिटी, रांची अग्रणी नाम है। पिछले 8 वर्षों के दौरान यूनिक पेडोगोजी, जॉब ओरिएंटेड वोकेशनल कोर्सेज, इंडस्ट्री इंटरफ़ेस और प्लेसमेंट सेल के जरिये झारखंड राय यूनिवर्सिटी, रांची ने लोकल- वोकल, ग्लोबल के कांसेप्ट को अपनाया है। यानी आपके अपने शहर में ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा औऱ बेहतरीन सुविधाओं से युक्त विश्वविद्यालय।

पीएम नरेन्द्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और स्वदेशी को अपनाने पर जोर दिया ।उन्होंने एक लाइन में अपनी पूरी बात कह दी और वह लाइन थी ‘लोकल के लिए वोकल बनें’। “मोदी ने साफ कहा कि हमें अपने सामानों पर गर्व करना सीखना होगा, और उनकी जमकर तारीफ भी करना होगी।”
यानी लोकल पर वोकल हो जाइये और इसे ग्लोबल बनाइये।

MCA - Blog

एआईसीटीई ने एमसीए पाठ्यक्रम में किया बदलाव : अब दो वर्ष में करें एमसीए

मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर एप्लीकेशन (एमसीए )कोर्स अब तीन साल की जगह दो साल का होगा। ऑल इंडिया कौंसिल ऑफ़ टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने मंगलवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा की एमसीए कोर्स सत्र 2020-21 से 3 वर्ष की जगह 2 साल का ही होगा। एआईसीटीई ने सभी हाईयर एजुकेशनल इंस्टीटूशन्स से कहा है की वे अपने यहां कोर्स की अवधी में बदलाव संबंधी जरुरी संशोधन कर लें।

RANCHI CBSE ICSE EXAMS

ICSE और CBSE बोर्ड परीक्षाएं रद्द । विश्वविद्यालयों में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत अक्टूबर तक ।

सुप्रीम कोर्ट ने ICSE द्वारा आयोजित परीक्षा रद्द करने का आदेश दिया है. ICSE ने सुप्रीम कोर्ट को कहा है कि हम परीक्षा रद्द करने के लिए सहमत हैं। इसलिए अब ICSE बोर्ड की परीक्षाएं भी रद्द कर दी गई है। स्टूडेंट्स प्रोन्नति देने में आंतरिक मूल्यांकन प्रणाली का पालन होगा. हालांकि ICSE ने बाद में परीक्षा देने का विकल्प नहीं रखा है।

इधर सीबीएसई (CBSE) बोर्ड की बची हुई परीक्षाओं को लेकर चल रहा सस्पेंस खत्म हो गया है। सीबीएसई ने आज इस मसले पर अपना अंतिम फैसले में बताया की एक जुलाई से 15 जुलाई के बीच होने वाली वालीं बोर्ड परीक्षाएं रद्द की जाती हैं।

इस मसले पर 25 जून को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। हालांकि, 12वीं बोर्ड के बच्चों को एग्जाम देने का विकल्प भी दिया जाएगा, लेकिन यह तब होगा, जब हालात बेहतर हो जाएंगे। अगर 12 वीं के छात्र परीक्षा देने का विकल्प चुनते हैं तो उनके लिए परीक्षा आयोजित की जा सकती हैं, लेकिन यह तभी हो पाएगा, जब हालात बेहतर हों जाएंगे।

कोरानावायरस संक्रमण से पीड़ित लोगों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में अंतिम वर्ष के छात्रों की जुलाई में होने वाली परीक्षाएं रद्द की जा सकती हैं।

नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत को अक्टूबर तक टाला जा सकता है। मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) को कहा है कि वह इंटरमीडिएट और अंतिम समेस्टर परीक्षा और शैक्षणिक कलेंडर के संबंध में पहले से जारी दिशा-निर्देशों का पुनरीक्षण करे ।

Webinar Agriculture 24 June

Medicinal Plant Based Integrated Farming System: An Option for Entrepreneurship Development

Speaker: Mr. Pradip Kumar Sarkar – Agroforestry Scientist, ICAR RCER, FSRCHPR, Ranchi, Jharkhand

Date: June 24, 2020
Time: 11:00 am

Platform: Google Meet

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Organized by Department of Agriculture in coordination with University Entrepreneurship Cell (IIC), Jharkhand Rai University, Ranchi

Webinar 13 June

Application of Intellectual Property Right in the field of Agriculture

Speaker: Dr. Sunil Kumar

Assistant Professor, Dept. of Biotechnology, Akal College of Agriculture, Eternal University, Baru Sahib, Himachal Pradesh

Date: 13 June, 2020
Time: 3:00 pm

Platform: Zoom Meeting

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Organized by Department of Agriculture, Jharkhand Rai University, Ranchi

Webinar 16 June

Webinar on: Evolving Role of Management Graduates Post COVID : A Corporate Perspective

Speaker: Capt. Kumar Devashish
Founder & CEO – 3S Consultants, ISDG Research Foundation
Ex Chief Minister Fellow (Chhattisgarh), Ex Master Mariner

Speaker: Dr. Abhishek Pratap
Assistant Professor, Jharkhand Rai University, Ranchi

Date: 16 June, 2020
Time: 12:00 – 1:00 pm

Platform: Webex

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Organized by Jharkhand Rai University, Ranchi in association with Nirmala College, Ranchi

Webinar 15 June

Webinar on: 2020 Trends in Workforce Productivity through Computer Applications

Speaker: Mr Aditya Lodha

Career Specialist, Datalogy

Speaker: Prof. Anuradha Sharma
Assistant Professor, Jharkhand Rai University, Ranchi

Date: 15 June, 2020
Time: 12:00 – 1:00 pm

Platform: Webex

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Organized by Jharkhand Rai University, Ranchi in association with Nirmala College, Ranchi