सुप्रीम कोर्ट ने ICSE द्वारा आयोजित परीक्षा रद्द करने का आदेश दिया है. ICSE ने सुप्रीम कोर्ट को कहा है कि हम परीक्षा रद्द करने के लिए सहमत हैं। इसलिए अब ICSE बोर्ड की परीक्षाएं भी रद्द कर दी गई है। स्टूडेंट्स प्रोन्नति देने में आंतरिक मूल्यांकन प्रणाली का पालन होगा. हालांकि ICSE ने बाद में परीक्षा देने का विकल्प नहीं रखा है।
इधर सीबीएसई (CBSE) बोर्ड की बची हुई परीक्षाओं को लेकर चल रहा सस्पेंस खत्म हो गया है। सीबीएसई ने आज इस मसले पर अपना अंतिम फैसले में बताया की एक जुलाई से 15 जुलाई के बीच होने वाली वालीं बोर्ड परीक्षाएं रद्द की जाती हैं।
इस मसले पर 25 जून को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। हालांकि, 12वीं बोर्ड के बच्चों को एग्जाम देने का विकल्प भी दिया जाएगा, लेकिन यह तब होगा, जब हालात बेहतर हो जाएंगे। अगर 12 वीं के छात्र परीक्षा देने का विकल्प चुनते हैं तो उनके लिए परीक्षा आयोजित की जा सकती हैं, लेकिन यह तभी हो पाएगा, जब हालात बेहतर हों जाएंगे।
कोरानावायरस संक्रमण से पीड़ित लोगों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में अंतिम वर्ष के छात्रों की जुलाई में होने वाली परीक्षाएं रद्द की जा सकती हैं।
नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत को अक्टूबर तक टाला जा सकता है। मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) को कहा है कि वह इंटरमीडिएट और अंतिम समेस्टर परीक्षा और शैक्षणिक कलेंडर के संबंध में पहले से जारी दिशा-निर्देशों का पुनरीक्षण करे ।