आज के युग में खनन और माइनिंग इंजीनियर (Mining Engineer) की मांग हर क्षेत्र में देखने को मिलती है क्योकि आजकल देश में ईंधन की खपत लगातार बढ़ रही है।
माइन (Mine) मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है – अंडर ग्राउंड माइन (Underground mine) और ओपेन-पिट माइन (Open-Pit Mine)।
अंडरग्राउंड माइन (Underground Mine) में ही खनिज (Mineral) मिलते हैं, जिन्हें माइनिंग के द्वारा निकाला जाता है. अंडरग्राउंड माइन के माध्यम से सोने और कोयले को निकाला जाता है, इसके अलावा ओपन पिट माइनिंग (Open pit Mining) द्वारा आयरन (Iron) ओर लाइमस्टोन (limestone), मैग्नीज (Manganese) आदि को निकाला जाता है।
माइनिंग या खनन इंजीनियरिंग में कैरियर बनाने के लिए सबसे पहले उम्मीदवार का किसी मान्यताप्राप्त विद्यालय से साइंस स्ट्रीम में 12 वीं कक्षा पास करना अनिवार्य है। इसके बाद उम्मीदवार माइनिंग से डिप्लोमा(Diploma) बीटेक (B.Tech), बीई (B.E) और बीएससी (BSC) कोर्स कर सकते है। माइनिंग कोर्स के अन्तर्गत उम्मीदवार को ड्रिलिंग (Drilling), ब्लास्टिंग (Blasting), माइन कॉस्ट इंजीनियरिंग (Mine Cost Engineering), अयस्क रिजर्व विश्लेषण (Ore Reserve Analysis), ऑपरेशन विश्लेषण (Operation Analysis), माइन वेंटीलेशन (Main ventilation), माइन प्लानिंग (Mine Planning), माइन सेफ्टी (Mine Safety), रॉक मैकेनिक्स (Rock Mechanics), कम्प्यूटर एप्लीकेशन (Computer Applications), इंडस्ट्रियल मैनेजमेंट (Industrial Management) से सम्बंधित जानकारी दी जाती है।
पॉपुलर कोर्स
- डिप्लोमा इन माइनिंग इंजीनियरिंग
- बीटेक इन माइनिंग इंजीनियरिंग।
B.Tech Mining – Click here for more details
** माइनिंग इंजीनियरिंग करने वाले स्टूडेंट्स डिप्लोमा इन माइनिंग इंजीनियरिंग और बीटेक इन माइनिंग इंजीनियरिंग कोर्स को बेहद पसंद करते है। ये दोनों कोर्सेज में रोजगार के अवसर सालों भर मौजूद रहते है। बड़ी कंपनियां जैसे सीसीएल, बीसीसीएल,हिंडाल्को अपने यहाँ इंटर्न के अलावा मांइनिंग सरदार और अन्य पदों पर जॉब्स के लिए नियुक्तियां करती रहती है।
मुख्य रूप से इस कोर्स के तहत उम्मीदवार को खनिज पदार्थों की संभावनाओं का पता लगाना, उनके नमूने एकत्रित करना भूमिगत तथा भूतल खदानों का विस्तार और विकास करना, खनिजों को परिष्कृत करना आदि के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है।
Diploma Mining Engineering – Click here for more details
अवसर:
माइनिंग इंजीनियरिंग क्षेत्र मे रोजगार के अपार अवसर उपलब्ध है।एक माइनिंग इंजीनियर स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (Steel Authority of India Limited), कोल इंडिया लिमिटेड (Cole India Limited), आईबीपी लिमिटेड (IBP Ltd), आईपीसीएल (IPCL), नेवली लिग्नाइट कॉरपोरेशन (Nevali Lignite Corporation), यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (Uranium Corporation of India) में रोजगार पा सकते है।
** झारखंड में माइनिंग इंजीनियरिंग के टॉप 3 इंस्टिट्यूट
- इंडियन स्कूल ऑफ माइंस, धनबाद
- बिरसा इंस्टीटूट ऑफ टेक्नोलॉजी,झरिया, धनबाद
- झारखंड राय यूनिवर्सिटी, रांची।
माइनिंग इंजीनियरिंग करने के बाद कौन – कौन सी कंपनियां देती हैं नौकरियां ?
माइनिंग इंजीनियरिंग के बाद कोल इंडिया लिमिटेड, टाटा स्टील, रियो टिनटो, वाइजैग स्टील, मोनेट इस्पात, वेदांता, एचजेडएल, एचसीएल, इलेक्ट्रोस्टील, द इंडियन ब्यूरो ऑफ माइनिंग, जियॉलजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, आईपीसीएल, नालको, अडानी माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियां नौकरिया प्रदान कराती है।
सैलरी:
माइनिंग इंजीनियरिंग कोर्स पूरा करने के बाद कैंडिडेट्स शुरुआत में 4 से 5 लाख रुपये सालाना कमा सकते हैं। आप जैसे-जैसे इस फील्ड में पुराने होते जाएंगे वैसे-वैसे इनकम भी बढ़ती जाएगी। इसी के साथ अगर आप रिसर्च कर रहे हैं तो ये इनकम और भी ज्यादा हो सकती है।
माइनिंग इंजीनियर बनने के लिए होने चाहिए ये स्किल्स :-
- माइंस/खानों में काम करने के प्रति रुझान
- मेहनत और मशक्कत करने में कोई परेशानी नहीं
- लीडरशिप और श्रमिकों से काम करवाने की क्षमता
- खदान की चुनौतीपूर्ण स्थितियों में किसी भी जोखिम का सामना करने का आत्मविश्वास
- माइनिंग की तकनीकी और वैज्ञानिक अपडेटेड जानकारी
- मैथ्स और फिजिक्स जैसे विषयों में दिलचस्पी