झारखंड राय विश्वविद्यालय में भारतीय ज्ञान प्रणाली केंद्र की स्थापना
झारखंड राय विश्वविद्यालय में भारतीय ज्ञान प्रणाली केंद्र की स्थापना भारत की विशाल बौद्धिक विरासत को संरक्षित, प्रोत्साहित और आधुनिक वैज्ञानिक प्रगति के साथ एकीकृत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत के पास वेद विज्ञान, आयुर्वेद, खगोल विज्ञान, वास्तुकला और संगणन विज्ञान जैसे विविध क्षेत्रों में समृद्ध ज्ञान परंपरा है, जो आज भी अत्यधिक प्रासंगिक है। हालांकि, इस ज्ञान का एक बड़ा भाग मुख्यधारा की अकादमिक और औद्योगिक दुनिया में अभी भी व्यापक रूप से अन्वेषित नहीं किया गया है।
हमारा मानना है कि “विरासत” केवल संरक्षित करने के लिए नहीं है; बल्कि यह नए तरीकों के नवाचार के बारे में है, जो प्राचीन और आधुनिक को मिलाकर स्थानीय और वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए रचनात्मक प्रयोग करने में सहायक हो। विचारों का संगम हमेशा नए अवसरों और महत्वपूर्ण उपलब्धियों को जन्म देता है।
हम मानते हैं कि भारतीय ज्ञान प्रणाली को मुख्यधारा की शिक्षा में शामिल करने की दिशा में एक सुव्यवस्थित प्रतिबद्धता समय के साथ अधिक से अधिक लोगों को लाभ पहुंचा सकती है। उभरती प्रक्रियाओं, विधियों और विचारों को समृद्ध प्राचीन ज्ञान के साथ जोड़कर, मौजूदा कार्यों को नए तरीकों से करना संभव हो सकता है, जिससे ऐसे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं जो पहले अकल्पनीय थे।

यह केंद्र भारतीय ज्ञान प्रणाली की समृद्ध विरासत को सक्रिय रूप से एकीकृत करने, संरक्षित करने, संजोने और इससे लाभान्वित होने पर चर्चा को प्रेरित करने और बनाए रखने में सहायक होगा, जिससे यह हमारे कार्य और जीवन के प्रत्येक पहलू में प्रभावी रूप से समाहित हो सके।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत की बौद्धिक परंपराओं के पुनरुद्धार पर जोर देती है, जिसमें शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार में भारतीय ज्ञान प्रणाली को एकीकृत कर एक समग्र और बहु-विषयक दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया गया है। इस दृष्टिकोण के अनुरूप, झारखंड राय विश्वविद्यालय में भारतीय ज्ञान प्रणाली केंद्र अनुसंधान, पाठ्यक्रम विकास, उद्यमिता और नीति वकालत का एक प्रमुख केंद्र होगा, जो पारंपरिक ज्ञान को न केवल विस्तार और प्रकाश में लाने का कार्य करेगा बल्कि इसे स्थिरता, स्वास्थ्य सेवा और प्रौद्योगिकी जैसी समकालीन चुनौतियों के समाधान में भी लागू करेगा। यह केंद्र आत्मनिर्भर भारत और ज्ञान व नवाचार में भारत के वैश्विक नेतृत्व में योगदान देगा, साथ ही विश्वविद्यालय की अकादमिक उत्कृष्टता और सामाजिक प्रभाव के प्रति प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करेगा।
दृष्टि (Vision):
एक अग्रणी भारतीय ज्ञान प्रणाली केंद्र की स्थापना करना, जो अंतःविषयक अनुसंधान, नवाचार और भारत की समृद्ध वैज्ञानिक, तकनीकी, दार्शनिक और सांस्कृतिक विरासत के प्रचार का केंद्र बने। यह केंद्र पारंपरिक भारतीय ज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक प्रगति के साथ एकीकृत कर सतत विकास, तकनीकी उन्नति और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देगा।
लक्ष्य (Mission):
कार्य योजना
- चरित्र निर्माण और व्यक्तित्व का समग्र विकास
- शैक्षणिक प्रगति
- उद्यमिता और उद्योग सहयोग
- वैज्ञानिक और तकनीकी नवाचार
- सांस्कृतिक और सामाजिक प्रभाव
- स्वास्थ्य सेवा और आयुर्वेद
- भारतीय भाषाओं का संवर्धन एवं ज्ञान नेटवर्क


भारतीय ज्ञान प्रणाली केंद्र की संरचना

- अधोसंरचना एवं सुविधाएँ (Infrastructure and Facilities)
- डिजिटल लाइब्रेरी और पांडुलिपि संग्रहालय
- अनुसंधान प्रयोगशालाएँ
- नवाचार केंद्र
- सेमिनार और प्रशिक्षण हॉल
- सहयोग और भागीदारी (Collaborations and Partnerships)
- शैक्षणिक संस्थान
- उद्योग और स्टार्टअप
- सरकारी एवं नीति-निर्धारण निकाय
- अंतरराष्ट्रीय संगठन