लोकल, वोकल- ग्लोबल : झारखंड राय यूनिवर्सिटी।
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भारत को कभी विश्वगुरु कहा जाता था’, यह वाक्य आपने कई बार सुना होगा लेकिन क्या आपने इस विषय पर चिंतन करने की कोशिश की आखिर भारत को विश्वगुरु क्यों कहा जाता था?
विश्वभर के विद्यार्थी शिक्षा के लिए भारत की ओर क्यों देखते थे? लेकिन आज बढ़िया शिक्षा की बात आते ही देश के लोग अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, जर्मनी इत्यादि देशों की ओर जाने लगे है, छोटे शहरों के स्टूडेंट्स दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर और कोलकाता जाते है।
यह ट्रेंड कोई नया नहीं है बड़े शहरों के प्रति मोह और उसकी चकाचौंध ज्यादा आकर्षित करती है जबकि अवसर और इंस्टिट्यूशन छोटे शहरों में भी है।
उच्च शिक्षा की बात करें तो झारखंड की राजधानी वर्षो से अपने संस्थानों के कारण चर्चित रहा है। पिछले कुछ वर्षों से निजी संस्थानों ने झारखंड के प्रति अपना आकर्षक दिखाया है।
वोकेशनल और टेक्निकल कोर्स के साथ मजबूत उपस्थिति दर्ज करने में झारखंड राय यूनिवर्सिटी, रांची अग्रणी नाम है। पिछले 8 वर्षों के दौरान यूनिक पेडोगोजी, जॉब ओरिएंटेड वोकेशनल कोर्सेज, इंडस्ट्री इंटरफ़ेस और प्लेसमेंट सेल के जरिये झारखंड राय यूनिवर्सिटी, रांची ने लोकल- वोकल, ग्लोबल के कांसेप्ट को अपनाया है। यानी आपके अपने शहर में ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा औऱ बेहतरीन सुविधाओं से युक्त विश्वविद्यालय।
पीएम नरेन्द्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और स्वदेशी को अपनाने पर जोर दिया ।उन्होंने एक लाइन में अपनी पूरी बात कह दी और वह लाइन थी ‘लोकल के लिए वोकल बनें’। “मोदी ने साफ कहा कि हमें अपने सामानों पर गर्व करना सीखना होगा, और उनकी जमकर तारीफ भी करना होगी।”
यानी लोकल पर वोकल हो जाइये और इसे ग्लोबल बनाइये।