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वर्ल्ड फार्मेसी डे: फार्मेसी स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत कर रही है

दुनिया भर में 25 सितंबर विश्व फार्मेसी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हर साल यह दिवस एक खास थीम पर आधारित होता है जिसे अंतरराष्ट्रीय फार्मास्युटिकल फेडरेशन तय करता है। इस साल अंतर्राष्ट्रीय फार्मासिस्ट दिवस की थीम है “फार्मेसी स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत कर रही है” । पिछले वर्ष “एक स्वस्थ दुनिया के लिए कार्रवाई में फार्मेसी एकजुट” थीम इस दिवस को मानाने के लिए चुना गया था। भारत में महादेव लाल श्रॉफ को फार्मेसी के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए भारतीय फार्मेसी का जनक माना जाता है।

हमें स्वस्थ रखने और विभिन्न बीमारियों को दूर करने में डॉक्टर्स के साथ-साथ फार्मासिस्ट का भी बड़ा रोल है। फार्मासिस्ट को ‘केमिस्ट’ भी कहा जाता है। यह एक ऐसा व्यक्ति होता है, जिसे दवाइयों के बारे में संपूर्ण जानकारी होती है।

वर्ल्ड फार्मेसी डे : फार्मेसी की पढ़ाई क्यों जरुरी है
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इंटरनेशनल फार्मास्युटिकल फेडरेशन (FIP) के नेतृत्व में हर वर्ष 25 सितंबर को विश्व फार्मासिस्ट दिवस मनाया जाता है। इसके साथ ही 19 से 25 सितंबर तक विश्व फार्मेसिस्ट सप्ताह का आयोजन भी किया जाता है। 2009 से प्रतिवर्ष 25 सितंबर को स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमि‍का न‍िभाने वाले फार्मासिस्ट्स को समर्प‍ित यह दिन उन्हें सम्मान देने तथा उनके योगदानों को याद दिलाने के लिए मनाया जाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि फार्मासिस्ट हमारे लिए कितने जरूरी हैं।

स्वस्थ जीवन का मूल सूत्र फार्मासिस्ट :
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  • फार्मासिस्ट ना केवल दवाइयों के बारे में सलाह देते हैं बल्कि इसके साथ-साथ वे दवाइयां वितरित करने तथा टीकाकरण का काम भी करते हैं।साथ ही वे नई दवाओं का प्रशिक्षण, खोजें तथा रिसर्च भी करते हैं इसीलिए उन्हें दवा विशेषज्ञ (मेडिसिन एक्सपर्ट) भी माना जाता है। साथ ही कोई दवाई सुरक्षित और प्रभावकारी है या नहीं इसे सुनिश्चित करने का काम भी इन्हीं के कंधों पर होता है।
  • एक काबिल फार्मासिस्ट को यह भी पता होना चाहिए कि अलग-अलग दवाई एक दूसरे के साथ कैसे प्रतिक्रिया करती है।
  • हमारे स्वस्थ जीवन का मूल-सूत्र डॉक्टर्स के साथ-साथ फार्मासिस्ट भी है। इसलिए हमें डॉक्टरों के साथ ही फार्मासिस्टों का भी सम्मान करना चाहिए।

फार्मेसी की पढ़ाई समय की मांग:

  • झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी रांची में फार्मेसी की पढ़ाई से जुड़े दो कोर्सेज संचालित होते हैं। डिप्लोमा इन फार्मेसी और बैचलर ऑफ़ फार्मेसी। डिप्लोमा इन फार्मेसी 2 वर्षीय पाठ्यक्रम है जबकि बैचलर ऑफ़ फार्मेसी 4 वर्षीय पाठ्यक्रम है। फार्मेसी कौंसिल ऑफ़ इंडिया एवं झारखण्ड फार्मेसी कौंसिल से मान्यता प्राप्त ये दोनों ही पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं।
  • फार्मेसी की पढ़ाई में व्यावहारिक ज्ञान आवश्यक शर्त है। लैब आधारित ज्ञान इसका महत्वपूर्ण अंग है। झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी का डिपार्टमेंट ऑफ़ फार्मास्यूटिकल्स साइंस छात्रों को लैब आधारित ज्ञान देने को संकल्पित है। इसके अलावा यहाँ पढ़ने वाले छात्रों को देश की महत्वपूर्ण दवा कंपनियों में एक्सपोज़र विजिट के अलावा इंटर्नशिप करने का भी अवसर प्रदान किया जाता है।

NCF 2023: स्कूली शिक्षा में बदलाव के लिए नई राष्ट्रीय पाठ्यचर्या का प्री-ड्राफ्ट जारी

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल कॅरिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) का ड्राफ्ट जारी कर दिया है। इसमें 12वीं की बोर्ड परीक्षा को दो टर्म में लेने का प्रस्ताव है।10वीं-12वीं के नतीजों में पिछली कक्षाओं के अंक जोड़ने की सिफारिश भी की गई है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को ध्यान में रखकर तैयार इस फ्रेमवर्क में साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स के विभाजन को भी खत्म करने का प्रस्ताव है। गुरुवार को जारी किये गए स्कूली शिक्षा के लिए एनसीएफ प्री-ड्राफ्ट पर छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और विद्वानों से सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। कोरोना के दौरान बोर्ड परीक्षा दो हिस्सों में ली गई थी, अब उसी व्यवस्था को स्थायी बनाया जाएगा। नया फ्रेमवर्क सत्र 2024-25 से लागू हो सकता है।

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10वीं, 12वीं के परीक्षा परिणाम में पिछली कक्षा के अंक भी जुड़ सकते हैं:

ड्राफ्ट रिपोर्ट के मुताबिक, 10वीं और 12वीं कक्षा के अंतिम परिणाम में पिछली कक्षा के अंकों का भी मूल्यांकन जोड़ा जा सकता है। इसके आधार पर बच्चों के पास परीक्षा देने का पर्याप्त समय और मौके उपलब्ध होंगे। बच्चे जब भी खुद को तैयार पाएंगे, वे परीक्षा की मांग रख सकते हैं। इसके लिए व्यापक स्तर पर बोर्ड को प्रश्नों का बैंक तैयार करना होगा और परीक्षा के समय उपयुक्त सॉफ्टवेयर की मदद ली जाएगी।

12वीं के बाद इंटीग्रेटेड कोर्स का है जमाना

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विभिन्न श्रेणियों में ये विषय होंगे शामिल:

ह्यूमैनिटीज में भाषा, साहित्य व दर्शन की पढ़ाई होगी, जबकि समाज विज्ञान में इतिहास, भूगोल, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र की और विज्ञान में भौतिकी, रसायन और जीव विज्ञान की पढ़ाई करनी होगी। वहीं, गणित और कंप्यूटिंग में गणित, कंप्यूटर विज्ञान, बिजनेस गणित और कला में संगीत, नृत्य, थियेटर, चित्रकला, वोकेशनल में कौशल विकास के कोर्स, स्पोर्ट्स में गेम्स, योग की जानकारी मिलेगी।

अब 12वीं नहीं 9वीं से भविष्य बनाने में मिलेगी मदद:

अब छात्र को कक्षा नौवीं से अपने भविष्य को लेकर तैयारी शुरू करनी होगी। उसे सभी विषयों के बारे में पढ़ाया जाएगा, ताकि वह 12वीं के बाद किस क्षेत्र में भविष्य बनाना है,उसमें उलझन न हो। मसौदे में 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं को सेकेंडरी स्टेज में रखते हुए दो भागों में बांटा गया है। इसमें कई बड़े बदलाव हो सकते हैं। कक्षा 10वीं को पूरा करने के लिए छात्रों को कक्षा नौंवी और 10वीं के दो वर्षों में कुल आठ-आठ पाठ्यचर्या क्षेत्रों में से प्रत्येक से दो आवश्यक पाठ्यक्रम पूरे करने होंगे। उदाहरण के तौर पर अभी 10वीं बोर्ड परीक्षा के छात्रों को कम से कम पांच विषयों की पढ़ाई करनी होती है, लेकिन नई सिफारिश में आठ विषयों को अनिवार्य किया जा सकता है।

मेडिकल क्षेत्र में जाने का सपना है तो करें बैचलर ऑफ़ फिजिओथेरेपी
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11वीं में भविष्य के आधार पर तीन क्षेत्रों में से एक चुनने का विकल्प:

मेडिकल, इंजीनियरिंग क्षेत्र में भविष्य बनाने को लेकर अक्सर छात्र तनाव में रहते हैं। इसी कारण महंगी कोचिंग के बाद भी छात्र असफलता के डर से अपना जीवन समाप्त कर देते हैं। इन्हीं दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए नौंवी कक्षा से 12वीं कक्षा के कोर्स को इस तरह से डिजाइन करने की सिफारिश की गयी है, दसवीं कक्षा तक विभिन्न विषयों को पढ़ने और विस्तार से जानने के बाद उसे 11वीं कक्षा में तीन विकल्प मिलेंगे। पहले विकल्प में ह्यूमैनिटीज, सोशल साइंस, साइंस,मैथमेटिक्स और कंप्यूटिंग विषय होंगे। दूसरे में इंटरडिसिप्लिनरी एरिया ऐसे बच्चों के लिए स्नातक के बाद रिसर्च एरिया में भविष्य बनाना चाहते होंगे। तीसरे वर्ग में ऑटर्स, स्पोर्ट्स और वोकेशनल को चुनने का विकल्प मिलेगा।

बीओपीटी के रीजनल अप्रेंटिस डे ’22 को कुलपति डॉ. सविता सेंगर ने किया संबोधित ।

बीओपीटी (व्यावहारिक प्रशिक्षण बोर्ड (पूर्वी क्षेत्र)),के रीजनल अप्रेंटिस डे (क्षेत्रीय प्रशिक्षुता दिवस ’22) के अवसर पर झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी, रांची की कुलपति डॉ. सविता सेंगर सम्मानित अतिथि के तौर पर उपस्थित रही । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा की “बीओपीटी न केवल अप्रेंटिसशिप के अवसर प्रदान करने बल्कि अप्रेंटिसशिप के बाद स्थायी रूप से रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में भी अग्रणी भूमिका निभाता रहा है। कुलपति डॉ. सेंगर ने अप्रेंटिसशिप के बाद बीओपीटी के सहयोग से 80℅ छात्रों के सफल प्लेसमेंट रिकॉर्ड की भी सराहना किया।“

भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित व्यावहारिक प्रशिक्षण बोर्ड नए उत्तीर्ण स्नातक इंजीनियरों, डिप्लोमा धारकों को अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।

तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और उद्योगों के लिए मानव संसाधन विकसित करने के लिए उद्योगों और तकनीकी संस्थानों के बीच संपर्क स्थापित करना, तकनीकी संस्थानों के विद्यार्थियों के लिए दोनों निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों के विभिन्न स्थापनाओं में प्रशिक्षण हेतु सुविधाओं को संरक्षित करना,शिक्षओं, उद्योगों और अन्य संबंधित एजेंसियों से परामर्श कर उनके लिए प्रशिक्षण संबंधी कार्यक्रम तैयार करना,प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा कर चुके उचित उम्मीदवारों को प्रमाणपत्र जारी करना , योग्य युवाओं के आत्मविश्वास के स्तर को बेहतर बनाने के लिए तकनीकी दक्षता को बढ़ाने के लिए कार्य करना बीओपीटी के प्रमुख कार्य हैं ।

Goonj 2022 – Inter University Fest – Jharkhand Rai University, Ranchi

Goonj '22 - Inter University Fest

हिंदी पखवाड़ा के अवसर पर “काव्य उत्सव” का आयोजन

हिंदी पखवाड़ा के अवसर पर “काव्य उत्सव” का आयोजन झारखंड राय विश्वविद्यालय में किया गया। रांची के प्रसिद्ध कवियों ने दीप प्रज्वलन कर इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

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नीट यूजी परीक्षा 2022 का परिणाम घोषित, जमशेदपुर के आयुष झा स्टेट टॉपर

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NEET) नीट (UG)2022 परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं । राजस्थान की तनिष्का 99.99 प्रतिशत अंको के साथ नेशनल टॉपर है । झारखण्ड के जमशेदपुर के रहने वाले आयुष कुमार झा स्टेट टॉपर घोषित हुए है । आयुष ने देश भर में 133 वां स्थान हासिल किया है । इस वर्ष झारखण्ड से 5154 परीक्षार्थी सफल हुए है । नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नीट परीक्षा का परिणाम बुधवार की देर रात जारी किया । परीक्षा में दिल्ली के वत्स आशीष बत्रा को दूसरा और कर्नाटक के ऋषिकेश नागभूषण को चौथा स्थान प्राप्त हुआ है ।

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नीट यूजी 2022 परीक्षा में इस वर्ष 18,72,343 परीक्षार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था जिनमें से परीक्षा में 17,64,571 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। इस वर्ष 9,93,069 परीक्षार्थी सफल हुए है। एनटीए ने नीट यूजी का फाइनल आंसर – की भी जारी कर दिया है ।

एनटीए के अधिकारीयों के अनुसार इस वर्ष चार अभ्यर्थियों को 720 में से 715 अंक प्राप्त हुए है।नेशनल टॉपर तनिष्का को पहला स्थान देने के लिए टाई ब्रेकर नीति का इस्तेमाल किया गया है। टाई ब्रेकर नीति से रैंक तय करने के लिए पूर्व- निर्धारित क्रम में नौ कारकों का उपयोग किया गया है ।

Abhivadan 2022

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