हमारे देश मे वकील बनने के लिए एलएलएम कोर्स सबसे ज्यादा पॉपुलर है। इस कोर्स को करने के बाद एडवोकेट बनने की राह आसान हो जाती है। यह इंटरनेशनल करियर के साथ हाई सैलरी की नौकरी दिलाने में सहायक है। एलएलएम का फुलफॉर्म मास्टर ऑफ़ लेजिस्लेटिव लॉ होता है। यह स्नातकोत्तर डिग्री कोर्स है। मास्टर्स ऑफ लॉ दो वर्षीय पाठ्यक्रम है। मास्टर्स की यह डिग्री आपको कई सारे क्षेत्रों में विशेषज्ञता देने का काम करती है। इसके साथ विशेष फील्ड में इंसेंटिव रिसर्च के जरिए विस्तृत जानकारी देने में मदद भी करता है।
LLM की डिग्री क्यों है जरूरी?
लॉ कॉलेज से ग्रेजुएट होने के बाद आप प्रोग्रेसिव करियर बनाने के बारे में सोच रहे हैं, तो ये डिग्री आपके लिए बेहतर शुरुआत बन सकती है, क्योंकि एलएलएम कई सारे क्षेत्रों में स्पेशलाइजेशन प्रदान करती है, जैसे अंतरराष्ट्रीय कानून, कॉर्पोरेट कानून, श्रम कानून, मानवाधिकार के साथ और भी बहुत कुछ। एलएलएम की डिग्री पूरा करने के बाद आपके पास नौकरी के लिए कई सारे बेहतरीन अवसर होंगे। जो आपको बेहतरीन सैलरी हाईक भी देंगे, जोकि साधारण लॉ की बैचलर डिग्री से कहीं ज्यादा होगी।
BA LLB के बाद करें LLM:
https://www.jru.edu.in/programs/department-of-law/ba-llb/
LLM कोर्स करने के लिए योग्यता:
- सबसे पहले 12वीं पास होना अनिवार्य है।
- इसके उपरांत ग्रेजुएशन करने के बाद 3 साल का एलएलबी का कोर्स करना होगा।
- अगर आप ग्रेजुएशन नहीं करना चाहते हैं तो आप 12th के बाद तुरंत इंटीग्रेटेड एलएलबी कोर्स कर सकते हैं जो कि 5 साल का होता है।
- इंटीग्रेटेड एलएलबी अथवा एलएलबी में आपको कम से कम 50% मार्क्स से उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
LLB करने के बाद वकील बनकर शुरू करें प्रैक्टिस:
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LLM कोर्स की फीस क्या है?
जो भी छात्र मास्टर ऑफ लॉ का कोर्स करना चाहते हैं, उनके मन में सबसे पहला प्रश्न यही होता है कि इस कोर्स की फी क्या होगी तो में आपको बता दें कि हर एक कॉलेज में फीस अलग – अलग हो सकती है। यहाँ आपके लिए झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी, रांची www.jru.edu.in में संचालित 2 वर्षीय एलएलएम कोर्स के फी से सम्बंधित जानकारी दी जा रही है जो 30 हजार रूपए प्रति सेमेस्टर है। अनुभवी शिक्षक और मूट कोर्ट की सुविधा के साथ विधि विषय की हजारों किताबें भी विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में उपलब्ध हैं।
https://www.jru.edu.in/programs/department-of-law/llm/
LLM करने के फायदे:
- LLM करने के बाद विधि नियमों की समाज बढ़ती है और लॉ से जुड़े विविध विषयों में एक्सपर्ट हो जाते है।
- LLM करने के बाद आप पोस्ट ग्रेजुएट कहलाते है।
- LLM की डिग्री कानून के एक विशेष क्षेत्र में अनुसंधान के माध्यम से विशेष ज्ञान लेने में सक्षम बनाती है।
- LLM की डिग्री लेने के बाद आपकी प्रैक्टिकल नॉलेज बहुत ज्यादा हो जाता है।
- LLM करने के बाद आप प्रैक्टिस करने के अलावा विशेष कानूनी सलाहकार के तौर पर अपनी सेवाएं दे सकते हैं।
LLM के बाद जॉब:
पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर दोनों क्षेत्रों में रोजगार के अवसर हैं। अधिकांश पोस्ट पोस्ट ग्रेजुएट वकील के तौर पर प्रैक्टिस करना पसंद करते हैं। केंद्र / राज्य सरकार की नौकरियां भी वकीलों के लिए खुली है। इसके अलावा विभिन्न न्यायालयों में सहायक लोक अभियोजक, लोक अभियोजक के रूप में अपनी सेवाएं दे सकते है।