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10 वीं और 12 वीं की बोर्ड परीक्षा अब साल में दो बार होगी आयोजित

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत किए जा रहे बदलावों को लेकर एक बड़ा फैसला आया है। वर्ष 2024 से बोर्ड एग्जाम साल में दो बार कराए जाएंगे। यह फैसला शिक्षा मंत्रालय द्वारा लिया गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 23 अगस्त को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि ” NEP 2020 के तहत बनाया जा रहा नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क तैयार है। 2024 के एकडैमिक साल के लिए किताबें भी तैयार की जा रही हैं। नए पैटर्न के अनुसार 2024 से बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित किया जायेगा।

मंत्रालय का यह फैसला परीक्षा के प्रेशर को कम करने के लिए लिया गया है। छात्रों के पास अब एग्जाम की तैयारी के लिए ज्यादा मौका होगा। नए बदलाव के अनुसार छात्र उस वक्त परीक्षा दे सकते हैं जब उन्हें लगे कि वो उस सब्जेक्ट के लिए तैयार हैं। इतना ही नहीं अब छात्र दो बोर्ड एग्जाम में स्कोर किए गए अपने बेस्ट स्कोर को दिखा सकेंगे। मंत्रालय की ओर से कहा गया कि देश के स्कूलों को उचित समय में ‘ऑन डिमांड’ परीक्षा कराने की क्षमता विकसित करनी होगी।

12वीं के बाद कृषि क्षेत्र में हैं करियर के कई मौके:
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NEP 2020 के तहत छात्रों को अब दो भाषाएं पढ़नी होंगी। जिसमें से एक भारतीय भाषा होगी। ऐसा भारत की सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। छात्रों को क्लास 11वीं और 12वीं में ये दो भाषाएं पढ़नी होंगी। नए पाठ्यक्रम के तहत छात्रों को उनकी समझ और योग्यता के आधार पर परखा जाएगा, न कि कोचिंग और किसी सब्जेक्ट को रटने के आधार पर। इसके अलावा छात्रों में प्रैक्टिकल स्किल्स भी विकसित करने पर जोर रहेगा।

बीबीए देता है प्रोफेशनल डिग्री के बाद नौकरी और हायर एजुकेशन का ऑप्शन
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कला, विज्ञान और वाणिज्य का रुकावट हुआ दूर:
एनसीएफ के तहत छात्रों के पास अलग-अलग सब्जेक्ट चुनने की आजादी होगी। कला, विज्ञान, वाणिज्य संकाय में किसी भी छात्र को उसी संकाय के विषय लेने के लिए मजबूर नहीं किया जायेगा। करेगी। यानि अगर कला का विद्यर्थी गणित और भौतिकी पढ़ना चाहता है तो वो यह विषय पढ़ सकता है। इसके साथी ही विज्ञानं के छात्र वाणिज्य और अर्थशास्त्र जैसे विषय पढ़ सकते हैं। शिक्षा की पहुँच सभी तक सुलभ हो इसके लिए शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल में इस्तेमाल की जाने वाली किताबों के दामों को कम करने पर भी गंभीरता के साथ विचार प्रारंभ किया है।

BLOG 15 AUGUST

हम राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम

15 अगस्त 2023 को देश की आजादी को 76 वर्ष पूरे हो रहे हैं। पिछले वर्ष आजादी के 75 साल पूरे होने देश भर में हर घर तिरंगा अभियान चलाया गया था।

इस स्वतंत्रता दिवस पर आजादी का जश्न पूरा देश ‘राष्ट्र पहले, हमेशा पहले’ थीम के साथ मनाएगा। यह थीम हमें एकजुट रहते हुए देश को सर्वोच्च मानकर आगे बढ़ने का सन्देश देता है। प्रधानमंत्री मोदी ने 30 जुलाई को मन की बात कार्यक्रम के 103वें एपिसोड में मेरी माटी मेरा देश अभियान की घोषणा करते हुए देश के वीरों को याद करने का आह्वान किया। 9 अगस्त से यह अभियान देश भर में प्रारंभ हुआ। जिसमें देश के लिए बलिदान देने वाले शहीदों की कहानियों से सभी को अवगत कराने का कार्य किया जाना है। इस अभियान में अमृत कलश यात्रा निकल कर शहीदों के गावों की मिट्टी और पौधे दिल्ली लाकर उन्हें राष्ट्रिय युद्ध स्मारक के पास अमृत वाटिका में लगाया जाना है।

“राष्ट्र पहले हमेशा पहले”
स्वतंत्रता दिवस का थीम राष्ट्र पहले हमेशा पहले बदलते भारत का प्रतिक है। यह विश्व को भारत का संदेश है। विविधता में एकता,बंधुता, वैश्विक शांति और प्रगति भारत का मंत्र है। बदलते भारत की तस्वीर दिखलाने में देश में बने दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम, सबसे ऊंचे रेल ब्रिज, सबसे लंबी टनल, सबसे ऊंची मोटरेबल रोड महत्वपूर्ण साबित हो रहे है। स्वदेशी तकनीक, चन्द्रमा पर बढ़ते कदम, वैश्विक ऊर्जा संकट, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर भारत कि स्पष्ट राय को दुनिया भी स्वीकार्य करती है। दुनिया को स्पष्ट संदेश यह साबित करता है कि देश बदल रहा है।

मेरी माटी मेरा देश:
आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर देश ‘पंच प्राण’की भावना के साथ अमृत काल की ओर बढ़ने के लिए तैयार है।अभियान के तहत नए युग की शुरुआत को चिन्हित करने के लिए स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों और शहीदों को याद करना है। यह अभियान देश की प्रत्येक ग्राम पंचायत में आयोजित होगा जिसमें देश भर से 75,000 युवाओं की भागीदारी होनी है।

अमृत काल में देश की युवा आबादी को जगतगुरु के रूप में ‘इंडिया@2047’ की दिशा में सकारात्मकता, देशभक्ति, स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों के प्रति कृतज्ञता के भाव के साथ ‘पंच प्राण’ की शपथ लेने के लिए प्रेरित करेगा। पांच प्राण अगले २५ वर्षों में भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने के लिए लिए गए पाँच संकल्प हैं। 2047 में देश स्वतंत्रता के 100 साल पूरे करेगा ये पांच संकल्प एक विकसित देश के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। इन पांच संकल्पों में पीएम का ‘विश्वगुरु भारत’का सपना भी शामिल है।

हर घर तिरंगा:
आजादी के अमृत काल में इस स्वतंत्रता दिवस पर हर घर तिरंगा अभियान का दूसरा संस्करण शुरू किया गया है। लोगों में देशभक्ति की भावना जागृत करने के लिए ‘हर घर तिरंगा अभियान’ शुरू किया गया है। यह अभियान दुनिया को यह दिखाने का प्रयास है कि हम भारत के लोग पूरी तरह एकजुट हैं।

Ethical education in higher studies blog

पंचकोश कोश अवधारणा: उच्च शिक्षा में चरित्र निर्माण पाठ्यक्रम

चरित्र का निर्माण शिक्षा का आवश्यक अंग है। चरित्र-निर्माण से व्यक्तित्व का विकास होता है। चरित्र का निर्माण जन्म से ही आरम्भ हो जाता है। पहले मूल प्रवृत्यात्मक व्यवहार चरित्र-निर्माण में होती है। कालांतर में अर्जित की गई अच्छी तथा बुरी आदतों के द्वारा चरित्र एक निश्चित रूप लेने लगता है। “चरित्र की शिक्षा, ईमानदारी, निरन्तरता, सत्य, सहयोग आदि गुणों के विकास के लिए है।

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21वीं सदी की चुनौतियों से मुकाबले के लिए एनईपी-2020 के उद्देश्य बहुत उच्च और दूरगामी हैं। एनईपी-2020 का एक प्रमुख लक्ष्य विद्यार्थियों का चरित्र निर्माण है, ताकि शिक्षार्थियों के जीवन के सभी पक्षों और क्षमताओं का संतुलित विकास हो सके। भारतीय चिंतन परंपरा में चरित्र निर्माण और समग्र व्यक्तित्व विकास, विद्या या कहें कि शिक्षा का महत्वपूर्ण लक्ष्य माना जाता है। वर्तमान युग में चरित्र निर्माण और समग्र व्यक्तित्व विकास की जरूरत और बढ़ जाती है। युवाओं की इन्हीं जरूरतों को ध्यान में रखकर एनईपी-2020 के कार्यान्वयन की दिशा में मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम बनाए गए हैं।

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नई शिक्षा नीति का अनुपालन करते हुए झारखंड राय यूनिवर्सिटी रांची ने भी विद्यार्थियों के होलिस्टिक डेवलपमेंट (पंचकोश) को पाठ्यक्रम में शामिल किया है। इस पाठ्यक्रम को लाइफ स्किल के अंतर्गत शामिल करते इसे तीन भागों में बांटा गया है जिनमें चरित्र निर्माण, योग, सार्वभौमिक मूल्य और नैतिकता शामिल है।

मैकाले माडल की तरह ये कोरे सैद्धांतिक कोर्स नहीं होंगे, बल्कि प्राचीन भारतीय अध्ययन पद्धति या आधुनिक काल में महात्मा गांधी के मॉडल से प्रेरित सभी कोर्सों में प्रायोगिक अध्ययन कम से कम 50 प्रतिशत होगा। इन पाठ्यक्रमों को विज्ञान, कला और कॉमर्स आदि सभी के छात्र पढ़ सकते हैं। ये पाठ्यक्रम हमारे युवाओं में सामाजिक दायित्व का बोध और सेवा का भाव भरने के साथ उन्हें देश प्रेम का भाव भी विकसित करेंगे।

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युवाओं में बढ़ते असंतुलन, मानसिक तनाव और आक्रामकता आदि से निपटने में पंचकोश: होलिस्टिक डेवलपमेंट बहुत सहायक सिद्ध होगा। तैत्तिरीय उपनिषद में उल्लिखित ‘पंचकोश’ के आधार पर व्यक्तित्व-चरित्र का निर्माण युवाओं को एक नई दिशा देने का कार्य करेगा। योग: फिलासफी एंड प्रैक्टिस कोर्स भी आज के जटिल और तनावपूर्ण जीवन में बहुत उपयोगी सिद्ध होने वाला है।

अन्य कार्यों में भी भारतीय ज्ञान परंपरा के तत्वों को यथासंभव शामिल किया है। जैसे कांस्टीट्यूशनल वैल्यूज एंड फंडामेंटल ड्यूटीज वाले कोर्स में सेक्युलरिज्म के साथ-साथ सर्वधर्म समभाव की अवधारणा भी जोड़ी गई है। धर्म को लेकर हमारी संवैधानिक स्थिति सेक्युलरिज्म की अवधारणा के बजाय भारतीय सर्वधर्म समभाव की अवधारणा के ज्यादा अनुरूप है।

21वीं सदी में दुनिया में परचम लहराने को तैयार युवाओं का नया भारत आर्थिक रूप से तो तैयारी कर ही रहा है, लेकिन यह जरूरी है कि न्यू इंडिया संतुलित, चरित्रवान, सामाजिक दायित्व-बोध और राष्ट्र प्रेम के भाव से युक्त भी हो, तभी भारत पुन: जगद्गुरु बन पाएगा।

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झारखंड प्रतियोगी परीक्षा विधेयक 2023: नकल करना पड़ेगा महंगा

प्रतियोगिता परीक्षा में चोरी करते पकड़े जाने पर अब एक से तीन साल तक की सजा होगी। साथ ही पांच लाख रुपये जुर्माने भी देना होगा। राज्य सरकार ने झारखंड प्रतियोगिता परीक्षा (भर्ती में अनुसूचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) विधेयक-2023 गुरुवार को सदन से पारित कर दिया है । विधेयक के पास होने के बाद अब कदाचार करना मतलब जेल की सलाखों के पीछे जाना और आर्थिक दंड का भागीदार बनना होगा। बिल के जरिए सरकार ने कठोर कानून बनाकर परीक्षा में नकल रोकने की पहल की है। 17 पेज के इस बिल में जो प्रावधान किए गए हैं उसमें परीक्षा के दौरान थोड़ी सी भी नकल करते विद्यार्थी पाए गए तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा। विधेयक के दायरे परीक्षार्थी से लेकर परीक्षा लेने वाली एजेंसी, कोचिंग सेंटर तक को शामिल किया गया है। पकड़े जाने पर 1 साल से लेकर 10 साल की सजा के साथ-साथ आजीवन कारावास का भी प्रावधान किया गया है।

विधेयक के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

  • FIR के लिए प्रारंभिक जांच की आवश्यकता नहीं।
  • आरोपित व्यक्ति की गिरफ्तारी से पहले अनुसंधान पदाधिकारी को किसी से अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।
  • इस अपराध के मामले का अनुसंधान डीएसपी से नीचे स्तर का पदाधिकारी नहीं करेंगे। जहां डीएसपी तैनात नहीं होंगे, वहां एसपी स्तर के पदाधिकारी अनुसंधान करेंगे।
  • इस मामले में सुनवाई के लिए राज्य सरकार झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से विशेष न्यायालय का गठन करेगी।

विधेयक का औचित्य:

विधेयक के औचित्य पर सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह विधेयक छात्रों के हित में है। बिल को अन्य राज्यों ने भी अपनाया है। सरकार नौजवानों के भविष्य को सुरक्षित करने का संकल्प ले रही है। हमें मजबूती के साथ आगे बढ़ना चाहिए और पारदर्शिता से हर परीक्षा आयोजित करनी चाहिए, ताकि राज्य के नौजवानों का भविष्य बेहतर हो सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक छात्र कदाचार करता है तो लाखों नौजवान प्रभावित होते हैं। जहां भी जिस स्तर पर कदाचार होगा, कार्रवाई होगी। कदाचार प्रश्नपत्र लीक किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के साथी विधेयक पर जो भय और डर के सवाल खड़े कर रहे हैं, यही सोच सरकार की भी है। इस विधेयक का भय और डर संस्थाओं पर भी हो और छात्रों पर भी हो जो प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होते हैं।

विधेयक में सजा का प्रावधान:

  • नकल करते हुए पहली बार पकड़े जाने पर तीन साल की जगह एक वर्ष की सजा, पांच लाख जुर्माना है।
  • नकल करते हुए दूसरी बार पकड़े जाने पर सात वर्ष की जगह तीन वर्ष की सज़ा, 10 लाख जुर्माना है।
  • व्यक्ति, प्रिंटिंग प्रेस, परीक्षा संचालन के लिए अनुबंधित या प्रबंध तंत्र से षड्यंत्र करने पर 10 साल सजा, 10 करोड़ का जुर्माना है।
  • परीक्षा के बाद प्रश्न पत्र लूटने, चोरी करने या ओएमआर शीट नष्ट करने पर 10 साल सजा, दो करोड़ रुपए जुर्माना है।
  • संगठित अपराध में परीक्षा प्राधिकरण के साथ षड़यंत्र करने पर दस साल सजा, 10 करोड़ रुपए जुर्माना है।

सीयूईटी यूजी का रिजल्ट जारी: दाखिले के लिए पसंद के कॉलेज की वेबसाईट चेक करें

टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने सीयूईटी यूजी का रिजल्ट जारी कर दिया है। जिन उम्मीदवारों ने अंडरग्रेजुएट कोर्स में दाखिले के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट यूजी (CUET UG) 2023 दिया था, वह अब दाखिले के लिए अपने पसंद के विश्वविद्यालय की वेबसाइट्स पर जानकारी प्राप्त कर सकते है।

एनटीए सीयूईटी यूजी के कट-ऑफ अंकों की घोषणा नहीं करेगा। प्रत्येक विश्वविद्यालय के लिए उम्मीदवारों को इसे अलग अलग विश्वविद्यालय की वेबसाइट्स पर जाकर चेक करना होगा। इस साल करीब 15 लाख छात्रों ने यूजी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET UG) 2023 परीक्षा दी थी। झारखण्ड से इस परीक्षा में 178630 परीक्षार्थी सम्मिलित हुए थे। जिसके लिए 19 परीक्षा केंद्र बनाये गए थे।

कॉर्पोरेट और बिजनेस के क्षेत्र में है रूचि तो करें बीबीए

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सीयूईटी परीक्षा विद्यार्थियों को देश की टॉप यूनिवर्सिटीज से ग्रेजुएट होने का मौका देता है। यूजीसी ने 2022 से उच्चशिक्षा को बेहतर और आसान बनाने के लिए सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट परीक्षा प्रारंभ किया है।

कृषि में भविष्य बनाने के लिए बीएससी एग्रीकल्चर करें

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रांची की खुशी सरावगी सीयूईटी परीक्षा में राष्ट्रीय टॉपर बनी हैं। ख़ुशी ने 800 में से 799.64 अंक प्राप्त किया है। इसके अलावा रांची से अपूर्वा गोयनका, पायल सिन्हा, आयशा रमानी, कल्याणी नायर और शिवांगी सुषमा ने भी बेहतर अंकों के साथ सफलता हासिल की है।

12वीं के बाद ऐसे करें बेस्ट कॉलेज और कोर्स का चुनाव

12वीं के रिजल्ट आने वाले हैं। रिजल्ट के बाद अगला मिशन होता है किसी अच्छे कॉलेज में एडमिशन। पूरा करियर कॉलेज के चुनाव पर ही आधारित रहता है, इसलिए कॉलेज का चयन करते समय पूरी सावधानी रखनी चाहिए। यह एक ऐसा समय होता है जो छात्रों के पूरे जीवन पर असर डालता है। कॉलेज और कोर्स का चुनाव करते समय कई बातों को ध्यान रखना पड़ता है, ताकि भविष्य उज्जवल रहे। किसी भी कॉलेज में एडमिशन लेने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आप भविष्य में क्या काम करना चाहते हैं।

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जिस भी फील्ड में आप अपना करियर बनाना चाहते हैं। एक बार उससे संबंधित कोर्स का चुनाव करने के बाद ही कॉलेज में एडमिशन की प्रक्रिया का शुरू करें। अच्छे कॉलेज का चयन ही बढ़िया करियर की नींव रखता है। यह चुनाव करना आसान नहीं है और कक्षा 12वीं के बाद बेस्ट कॉलेजों को चुनने वाले छात्रों के लिए यह सबसे कठिन काम होता है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण असफलता का डर, साथियों और माता-पिता का दबाव है। थोड़ी सी मेहनत, कुछ प्लानिंग और कुछ सेल्फ रिफ्लेशन के साथ, आप अपने करियर लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं। जानिए वे बातें जो कॉलेज चुनते समय ध्यान में रखेंगे तो भविष्य में प्रॉब्लम नहीं होंगी।

सही कोर्स का करें चुनाव: एडमिशन लेने से पहले आप वहां पढ़ने वाले पूर्व छात्रों से बातचीत करके तमाम जानकारी ले सकते हैं । सिलेबस स्कोप क्या है? कोर्स की मार्किट डिमांड कैसी है। कोर्स इंडस्ट्री सेंट्रिक है या नहीं। कोर्स का चुनाव करते हुए उसका भविष्य, बाजार की मांग और फाइनेंस सिक्योरिटी को ध्यान में रखें।

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कोर्स का स्कोप: कोर्स का चयन के बाद यह जानना जरूरी है कि फील्ड में जॉब या करियर ऑप्शन क्या है। उस फील्ड में नौकरियां मिल रही है या नहीं अथवा आने वाले समय में उसका क्या स्कॉप रह सकता है। आज के समय में करियर के असंख्य विकल्प उपलब्ध हैं। कई तरह की नई नौकरियां आ रही है।

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कोर्स रेपुटेसन: कॉलेज का चुनाव करते समय यह भी ध्यान रखें कि आप वहां से जो कोर्स करना चाहते हैं, उसकी रेपुटेशन कैसी है। करियर में वह कोर्स काम आएगा या नहीं। कई बार ऐसा भी होता है कि अच्छे कॉलेज से किए गए कोर्स का भी कोई महत्व नहीं होता।

फेकल्टी इमेज: कॉलेज का चुनाव करते समय इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि वहां की फेकल्टी की इमेज कैसी है। इसके लिए एलुमनाई और पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स से बात करें।

प्लेसमेंट रिकॉर्ड: प्रोफेशनल कोर्स में एडमिशन लेने की प्लानिंग कर रहे हैं तो यह भी पता करना जरूति है कि कॉलेज का प्लेससमेंट रिकार्ड कैसा है। इसके लिए यूनिवर्सिटी / कॉलेज के प्लेसमेंट सेल से संपर्क कर सकते है।

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करियर काउंसलर की मदद: जिन छात्रों और अभिभावकों को सही करियर का चुनाव करने में परेशानी हो, उन्हें हमेशा एक प्रोफेशनल करियर काउंसलर की मदद लेनी चाहिए। वे छात्रों के हितों, योग्यता और कौशल का आकलन करने में विशेषज्ञ होते हैं। वे आपकी क्षमता के अनुसार आपको सही कोर्स, कॉलेज और करियर चुनने में पूरी मदद करेंगे। बहुत सारे कॉलेज अपने यहाँ प्रोफेशनल काउंसलर की नियुक्ति करते है और एडमीशन की इंक्वायरी करने वाले स्टूडेंट्स को फ्री ऑनलाइन/ ऑफ लाइन काउंसलिंग की सुविधा प्रदान करते है।

किसी भी कोर्स में एडमिशन के लिए काउंसलर को कॉल करें: टॉल फ्री नंबर 1800 120 2546

झारखंड राय यूनिवर्सिटी में विदाई समारोह, पास आउट विद्यार्थियों को दी गई विदाई

झारखंड राय यूनिवर्सिटी, रांची में पास आउट विद्यार्थियों के लिए विदाई समारोह ADIEU2023 का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन यूनिवर्सिटी की कुलपति डॉ. सविता सेंगर ने दीप प्रज्वलित कर किया। इसके पश्चात गणेश वंदना से रंगा रंग कार्यक्रम का आगाज किया गया।

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ. सेंगर ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि ” आप एक नई दुनिया में कदम रखने वाले है। कॉलेज की दुनिया से निकल कर प्रतिस्पर्धा भरी एक नयी दुनिया में। सही मायनों में अब विश्वविद्यालय से मिले संस्कार और ज्ञान का उपयोग करते हुए अपने बेहतर भविष्य के निर्माण की ओर कदम बढ़ने का समय है। स्वयं के विकास के साथ बेहतर समाज के निर्माण भी आपका दायित्व है। यह जीवन का मूलमंत्र है।“

यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ. पियूष रंजन ने विदाई समारोह में उपस्थित विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा की “आपके जीवन की असल यात्रा अब शुरू हो रही है। कैंपस से निकल कर अब आप रियल वर्ल्ड से रूबरू होंगे। अबतक आपके जीवन में माता पिता और गुरुजनों को महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अब आपको अपने जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय स्वयं ही लेने के लिए तैयार रहना है। कैंपस से निकलने के बाद आपको मेंटर की भूमिका भी स्वयं ही निभानी है।“

कल्चरल क्लब देता है युवा प्रतिभाओं को मंच
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समारोह के दौरान बीटेक माइनिंग के छात्र सुमित सिन्हा, डिप्लोमा माइनिंग इंजीनियरिंग के प्रियांशु भगत, बीसीए के सायन मंडल, एमसीए की प्राची कुमारी,बीबीए की जेनिफर कुजूर,बीबीए लॉजिस्टिक्स के सौरभ सिंह, एमबीए की उपासना पॉल ,एमएससी एग्रीकल्चर के सुरोजीत और बीएससी एग्रीकल्चर की काव्या कुजूर, डिप्लोमा फार्मेसी के अमर कुमार, एलएलबी के अभिजीत कुमार को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। बेस्ट लाइब्रेरी यूजर का अवार्ड आंचल सिंह को दिया गया।
विदाई समारोह में छात्र और छात्राओं ने नृत्य- संगीत के कई परफॉर्मेंस दिए।

डीजे नाइट का भी आयोजन किया गया था। डीजे नितेश ने अपने ग्रुप के साथ ऐसा समां बांधा की देर रात तक छात्र झूमते रहे। विदाई समारोह में विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी और छात्रों उपस्थित रहे। फेयरवेल कार्यक्रम का आयोजन कल्चरल क्लब के सहयोग से किया गया।

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झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी में एचआर कॉन्क्लेव का आयोजन

झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी रांची में ” चेंजिंग एम्प्लॉई लैंडस्केप:हिडन रोल्स एंड एन्वॉल्विंग रेस्पॉन्सिबिलिटी ” विषय पर शनिवार को एचआर कॉन्क्लेव का आयोजन कराया गया।कॉन्क्लेव का उद्देश्य प्रबंधन क्षेत्र के नेतृत्व कर्ताओं को मंच प्रदान कर उनके ज्ञान, विचार और अनुभव के जरिये प्रबंधन के विद्यार्थियों को भविष्य के लिए इंडस्ट्री रेडी बनाना है। कॉन्क्लेव का उद्घाटन सरस्वती वंदना के उपरांत दीप प्रज्जवलित कर किया गया।

कॉन्क्लेव में देश के प्रतिष्ठित संस्थानों से कई विशेषज्ञ उपस्थित हुए जिनमें प्राइस वाटरहाउस कूपर्स, मुंबई से सीनियर एसोसिएट जयमीन पंचाल, नोवर्टिस, हैदराबाद से मैनेजर (एचआर) अद्रिका चटर्जी सेन, ज्यूविलेंट इंग्रेविआ, दिल्ली के वाईस प्रेसिडेंट एंड हेड सीएसआर विवेक प्रकाश,एचडीएफसी बैंक के एरिया सेल्स हेड (बिहार/झारखण्ड) प्रवीण झा और एसबीआई म्यूच्यूअल फण्ड के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट एंड रीजनल हेड (बिहार/झारखंड) लगन अग्रवाल प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

कॉन्क्लेव के प्रथम वक्ता प्राइस वाटर हाउस कूपर्स, मुंबई से सीनियर एसोसिएट जयमीन पांचाल ने अपने संबोधन के दौरान वर्तमान समय में बहुराष्ट्रीय कंपनियों में चल रही छटनी की समस्या को उठाते हुए मल्टी टास्किंग होने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा की वर्तमान समय में उपयोगिता का पैमाना बल चुका है। सभी को नई तकनीक और कौशल को अपनाना होगा यह समय की जरूरत है।

एसबीआई म्यूच्यूअल फण्ड के डिप्टी वाईस प्रेसिडेंट एंड रीजनल हेड (बिहार/झारखंड) लगन अग्रवाल ने अपने संबोधन में मल्टीपल सीलिंग के पक्ष में अपनी बातें रखी। वहीँ एचडीएफसी बैंक के एरिया सेल्स हेड (बिहार/झारखण्ड) प्रवीण झा ने महिला कर्मचारियों को कार्य स्थल पर अधिक लाभ दिए जाने पर बल देते हुए कहा की महिलाएं ऑफिस और घर दोनों जगहों पर बेहतर प्रबंधन करती है कार्यस्थल पर उन्हें बेहतर माहौल और सहूलियत उन्हें और बेहतर तरीके से अपनी जिम्मेदारियों को संभाल सकें इसके लिए प्रेरित करने का कार्य करती है।

रिलायंस रिटेल (AJIO) के चीफ मैनेजर मनप्रीत सिंह ने कॉर्पोरेट जगत में आज की मांग के आधार पर पाठ्यक्रम में बदलाव की वकालत करते हुए कहा कि इंडस्ट्री और ऐकडेमिया के बीच के अंतर को पाटना जरूरी है।

कॉन्क्लेव के समापन अवसर पर विभिन्न यूनिवर्सिटी और कॉलेज से आये स्टूडेंट्स ने विशेषज्ञों से सवाल जवाब भी किया।

कॉन्क्लेव का आयोजन यूनिवर्सिटी के करियर मैनेजमेंट सेल और डिपार्टमेंट ऑफ़ मैनेजमेंट के संयुक्त प्रयास से किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. अनुषा प्रिया ने किया। कॉन्क्लेव की संयोजक डिपार्टमेंट ऑफ़ मैनेजमेंट की डीन डॉ. हरमीत कौर जबकि सह संयोजक डॉ. रंजना सिन्हा थी। प्लेसमेंट ऑफिसर प्याली सरकार ने आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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सीबीएसई रिजल्ट 2023: मई दूसरे सप्ताह में रिजल्ट, मेरिट लिस्ट भी होगा जारी

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड जल्द ही सीबीएसई बोर्ड रिजल्ट 2023 जारी करेगा। उम्मीद है बोर्ड मई के सप्ताह में नतीजों का एलान कर दे। इस बार सीबीएसई कक्षा 10, 12 के परिणाम के साथ जारी करेगा। कोरोना की वजह से तीन साल से मेरिट लिस्ट नहीं बनायी जा रही थी।

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12 वीं के बाद लॉ के क्षेत्र में बनाये करियर:
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बोर्ड के अनुसार अंक सूची और प्रथम, द्वितीय और तृतीय आने वाले विद्यार्थियों के नाम जारी किये जाने से विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ती है।

बिजनेस और कॉर्पोरेट में करियर बनाना है तो बीबीए है बेस्ट ऑप्शन:
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सीबीएसई कक्षा 10,12 के परिणाम जारी होने के बाद स्टूडेंट्स सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट पर नतीजे चेक कर सकेंगे। इसके साथ ही, उम्मीदवार एसएमएस, डिजीलॉकर के जरिए भी रिजल्ट चेक कर सकते हैं।

मेरिट लिस्ट में टॉपर का नाम जारी किया जायेगा। इस बार टॉपर की घोषणा बोर्ड करेगा। सीबीएसई नेशनल टॉपर के साथ जोन स्तर पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय आने वाले विद्यार्थियों के नाम की घोषणा करता है। विद्यार्थियों की अंक सूची भी बोर्ड ही विद्यालयों में भेजता है। सीबीएसई से इस बारे में सभी विद्यालयों को पत्र जारी कर दिया है।