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टाटा स्टील में चयनित हुआ झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी का माइनिंग इंजीनियरिंग स्टूडेंट आदित्य प्रताप

झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी Jharkhand Rai University (JRU), Ranchi के माइनिंग इंजीनियरिंग का स्टूडेंट आदित्य प्रताप सिंह का चयन टाटा स्टील लिमिटेड में माइनिंग फोरमैन के पद पर हुआ है। इन्हें टाटा स्टील कलिंगा नगर प्रोजेक्ट के जोड़ा नामक स्थान पर पदस्थापित किया गया है। आदित्य प्रताप ने झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी से डिप्लोमा इन माइनिंग इंजीनियरिंग की Diploma in Mining Engineering – Jharkhand Rai University, Ranchi (jru.edu.in) पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने सीसीएल के फुसरो (बोकारो ) स्थित परियोजना में इंटर्नशिप भी पूरा किया है।

मूलतः बिहार के बिहार शरीफ जिले के रहने वाला आदित्य बहुमुखी प्रतिभा के धनी है। डिप्लोमा की पढ़ाई के दौरान भी ये सांस्कृतिक गतिविधियों में हिस्सा लिया करते थे। दोहे और छंद लिख कर उसे अपनी आवाज देना इनका पसंदीदा काम है। इन्होने पिछले ही दिनों अपने गृह जिले के युवा कलाकारों को मंच प्रदान करने के लिए ” पहली उड़ान “नामक संस्था बनाई है। संस्था ओपन माईक प्रस्तुति के जरिये युवा कलाकारों को प्रतिभा दिखाने का मंच प्रदान करता है। Department of Mining Engineering – Jharkhand Rai University (JRU), Ranchi

आदित्य के अनुसार “यूनिवर्सिटी के कल्चरल क्लब में आयोजित कार्यक्रमों में मैं भी शामिल होता था। इंटर्नशिप के दौरान सीसीएल के कर्मियों के लिए आयोजित कल्चरल इवेंट में मुझे परफॉर्म करने का मौका मिला। परफॉर्म करने के बाद मुझे काफी सराहना मिली। इसके बाद उड़ान संस्था चलाने का विचार आया। सोशल मीडिया के जरिये मैंने ओपन माईक प्रस्तुति को लोगों तक पहुँचाने का काम किया है। इससे मुझे काफी जगहों से परफॉर्म करने के लिए बुलाया जाने लगा, मेरी हॉबी आज मेरे लिए करियर का सेकंड ऑप्शन बन चुकी है। “

माइनिंग इंजीनियरिंग : 2025 तक देश में 60 लाख रोजग़ार के नए अवसर

अगर आपकी माइनिंग में दिलचस्पी है तो आप भारत में एक माइनिंग इंजीनियर के तौर पर अपना करियर बना सकते हैं । देश में मेटल और नॉन-मेटल मिनरल्स की कोई कमी नहीं है । भारत की माइनिंग इंडस्ट्री 7 लाख से अधिक लोगों को रोज़गार मुहैया करवाती है और देश के जीडीपी में माइनिंग इंडस्ट्री का कुल योगदान लगभग 2.5 फीसदी है । भारत में कॉपर, गोल्ड, डायमंड, आयरन लीड, टंगस्टन, डोलोमाइट, कोयला, पेट्रोलियम और जिप्सम जैसे तकरीबन 90 किस्म के मिनरल्स पाए जाते हैं । ऐसे में आप खुद ही भारत में एक माइनिंग इंजीनियर के पेशे के महत्त्व और करियर ग्रोथ/ स्कोप का अंदाज़ा लगा सकते हैं ।

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‘न्यू इंडिया @ 75’ मिशन के तहत नीति आयोग ने इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए “एक्स्प्लोर इन इंडिया” मिशन के तहत मिनरल्स एक्सप्लोरेशन और लाइसेंसिंग पॉलिसी को शामिल किया है ।

माइनिंग इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग की वह ब्रांच है जिसके तहत धरती से प्राकृतिक परिवेश में पर्यावरण के अनुकूल टेक्निक्स अपनाकर विभिन्न मेटल और नॉन मेटल मिनरल्स की तलाश और खनन (माइनिंग) किया जाता है । Diploma in Mining Engineering – Jharkhand Rai University, Ranchi (jru.edu.in)

माइनिंग इंजीनियर्स देश-दुनिया की विभिन्न माइनिंग कंपनियों और संबद्ध इंस्टीट्यूशन्स के लिए काम करते हैं और इन कंपनियों और इंस्टीट्यूशन्स को माइनिंग से जुड़े सारे कामकाज के लिए अपनी टेक्निकल सपोर्ट और एक्सपर्ट ओपिनियन/ सर्विसेज प्रदान करते हैं । B. Tech Mining Engineering – Jharkhand Rai University, Ranchi (jru.edu.in)

नई खनन नीति (खान एवं खनिज (विकास एवं नियमन) संशोधन अधिनियम, 2015) से उम्मीद की जा रही है कि 2025 तक देश में कम से कम 60 लाख रोजग़ार के नए अवसर पैदा होंगे। प्रत्येक खान में सैंकड़ों या हजारों की संख्या में कुशल एवं अकुशल लोगों की भर्ती की जाती है। किसी खान के 50-100 किलोमीटर के दायरे में, स्थानीय रोजग़ार सेवा क्षेत्र को बढ़ावा मिलता है और यह देखा गया है कि गरीबों के पोषण स्तर में काफी सुधार होता है। खनिजों की खोज और बड़े पैमाने पर उनके खनन से निश्चित रूप से खनन प्रसंस्करण और उपयोग में भी रोजग़ार के लाखों अवसर पैदा होंगे।

खनन क्षेत्र की व्यापक संभावनाओं की अनदेखी नहीं की जा सकती। प्रति व्यक्ति खनिज एवं ऊर्जा की खपत समृद्धि के महत्वपूर्ण संकेतकों में से एक है। अभी तक हम कोयला और लौह अयस्क जैसे बुनियादी खनिजों का आयात करते रहे हैं, हालांकि हमारे यहां इन खनिजों के कुछ सबसे बड़े ज्ञात भंडार हैं। नई खनन और खनिज नीति इस क्षेत्र में बदलाव लाने का प्रयास करेगी।

माइनिंग इंजीनियरिंग : बेहतर भविष्य और जॉब की गारंटी

झारखंड की पहचान प्राकृतिक सौंदर्य के साथ प्रचुर खनिज संपदा से भी है। खनिज संपदा और खनन का महत्व इससे ही स्पष्ट होता है की भारत सरकार के उद्यम और मिनीरत्न कंपनियों सीसीएल, बीसीसीएल, मेकॉन, सीएमपीडीआई का मुख्यालय रांची में स्थित हैं।

खनिज देश के विकास में मेरुदंड है और इसे निकालने के लिए कुशल कारीगर और इंजीनियर चाहिए। राज्य में आईआईटी धनबाद और बीआईटी सिंदरी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान भी स्थापित हैं। इन प्रतिष्ठित संस्थाओं में एक नाम झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी, रांची भी है। मान्यता प्राप्त निजी संस्थानों की बात करें तो बेहद कम समय में अपनी विशिष्ट पहचान के कारण यहाँ बिहार, बंगाल, ओडिशा ,तेलंगाना जैसे राज्यों के मेधावी विद्यार्थी माइनिंग इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते है । इंडस्ट्री की मांग को ध्यान में रखते हुए नवीनतम पाठ्यक्रम, अनुभवी शिक्षकों और छात्र केंद्रित गतिविधियों ने इसे अलग पहचान दिलाई है। (MINING ENGINEERING ADMISSION FORM 2022)

राज्य में माइनिंग इंजीनियरिंग की पढ़ाई कुछ चुनिंदा संस्थानों में होती है सरकारी संस्थानों में आईआईटी धनबाद, बीआईटी सिंदरी, सीआईएमएफआर धनबाद और गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक निरसा के अलावा छात्रों की पहली पसंद झारखंड राय यूनिवर्सिटी है।

राजधानी रांची में स्थित होने के कारण राज्य के अन्य जिलों से छात्र यहाँ पढ़ने आते हैं क्योंकि धनबाद के अलावा अन्य किसी जिले में माइनिंग की पढ़ाई नहीं होती है। यूनिवर्सिटी का डिपार्टमेंट ऑफ़ माइनिंग इंजीनियरिंग दो कोर्स का संचालन करता है। दोनों ही रेगुलर कोर्स है ।

यहाँ से माइनिंग इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री सेंट्रिक सिलेबस के साथ इस फील्ड के अनुभवी लोगों का मार्गदर्शन समय समय पर मिलता रहता है। इसके अलावा प्रैक्टिकल एजुकेशन की जरुरत को पूरा करने के लिए इंडस्ट्री विजिट,इंटर्नशिप,वर्कशॉप,गेस्ट लेक्चर, माइंस विजिट भी नियमित तौर पर करवाई जाती है।

सीसीएल, मेकॉन, सीएमपीडीआई, एचईसी, सेल जैसे बड़े उद्यमों का मुख्यालय रांची में होने के कारण छात्रों को एक्सपोजर के साथ अवसर भी मिलता है। अनुभवी शिक्षकों का मार्गदर्शन उन्हें इस क्षेत्र में और बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है।

अगर आप भी माइनिंग इंजीनियर बनने का सपना रखते है तो यह एक बेहतरीन कोर्स है जिसमें शामिल होकर आप देश और विदेश ने नामी गिरामी कंपनियों में अपनी सेवा दे सकते है। माइनिंग इंजीनियर में डिप्लोमा कोर्स 3 वर्षीय पाठ्यक्रम है। प्राइमरी लेवल इंट्री के लिए बेस्ट ऑप्शन है जिसे करने के बाद आप माइनिंग सरदार जैसे पद पर कार्य कर सकते है। बीटेक इंजीनियरिंग 4 वर्षीय पाठ्यक्रम है जिसे पूरा करने के बाद आप जूनियर इंजीनियर के तौर पर माइनिंग इंडस्ट्री ज्वाइन कर सकते है और मेहनत और लगन के साथ काम करते हुए कुछ ही वर्षों में उच्चतम वेतनमान प्राप्त करसकते है। Mining Engineering 2022

झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी द्वारा स्टूडेंट को बेहतर माइनिंग इंजीनियर के तौर पर तैयार होने के लिए निम्नलिखित सुविधाएं दी जाती हैं :-

  • 100 प्रतिशत पीडीपीटी (पोस्ट डिप्लोमा प्रैक्टिकल ) ट्रेनिंग। यह ट्रेनिंग संपन्न होती है सीसीएल,एसीएल और बीसीसीएल जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में।
  • कोर्स के दौरान व्यावहारिक (वोकेशनल ) प्रशिक्षण की सुविधा।
  • पढ़ाई के दौरान इंडस्ट्रियल विजिट की सुविधा जिनमें सीएमपीडीआई, सीआईएमएफआर, जीएसआई जैसे संस्थान शामिल है ।
  • गैस टेस्टिंग एग्जामिनेशन और लैंप हैंडलिंग सर्टिफिकेट प्राप्त करने में सहयोग।
  • ओवरमैन एग्जामिनेशन पास करने के लिए कैंपस में फ्री प्रतियोगिता परीक्षा तैयारी की सुविधा।
  • डायरेक्टर जेनेरल ऑफ़ माइंस सेफ्टी (डीजीएमएस ) द्वारा दी जाने वाली योग्यता जाँच प्रमाणपत्र को प्राप्त करने में सहयोग।
  • बोर्ड ऑफ़ प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (बीओपीटी ) कोलकाता द्वारा मान्यता प्राप्त।
  • योग्य और अनुभवी शिक्षकों का मार्गदर्शन।
  • इन हाउस मॉडर्न माइनिंग लेबोरेटरी की सुविधा ।
  • बीटेक माइनिंग इंजीनियरिंग कर रहे स्टूडेंट्स को गेट परीक्षा की निः शुल्क तैयारी है।
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MEET PRIYANKA, THE FIRST GIRL TO STUDY B.TECH MINING AT JRU

Priyanka is a trend setter. When most of her schoolmates have taken admissions in conventional courses, she has decided to pursue B.Tech Mining Engineering at Jharkhand Rai University.

“Why not do something different? Why do the done things?,” Priyanka says.

With passion and dedication in her heart, this girl from Banares is all set to chase her success.

If you ask what made her choose this field, Priyanka says she has always been fascinated by stories about the mines. She finds them mysterious. As if the mines are waiting to be explored.

She is happy to be chasing her dreams. Her father, who also works in the coal and mining sector has been a great inspiration for her always.

Her father, Priyanka says knows that working in underground mines can be challenging. And that is what he expects her daughter to do – to succeed in something that is tough.

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सरहदों पर लड़कियां तैनात तो खदानों में क्यों नहीं: प्रियंका कुमारी

माईनिंग इंडस्ट्री कों हमेशा से पुरुषों के वर्चस्व वाला सेक्टर समझा जाता रहा है यह विडंबना ही कही जायेगी कि महिला सशक्तीकरण के तमाम दावों के बीच आज भी माईनिंग सेक्टर में महिलाओं कि उपस्थिति नगण्य ही है. इस के पीछे सबसे बड़ा कारण रहा है माईनिंग कि पढ़ाई कों लेकर सरकारी और आम जनमानस कि अवधारणा. सरकार ने भी पिछले वर्ष तक इस कि पढ़ाई करने के लिये इक्छुक लड़कियों के नामांकन पर रोक लगा रखी थी क्योंकि कानून आड़े आता था.

माईनिंग कानूनों के अंतर्गत यह प्रतिबंधित किया गया था कि महिलाओं का माईन्स के अंदर काम करना सुरकक्षित नहीं माना जा सकता. इसका कानून का सीधा प्रभाव इसकी पढ़ाई करने और इस फिएल्ड में आने वाली लड़कियों पर पड़ा कि जब माईनिंग इंडस्ट्री में डाईरेक्ट इंट्री ही नहीं हो सकती तो इसकी पढ़ाई कौन करेगा. माईन्स एक्ट 1952 सेक्सन 46 (1)B अबतक कायम था.

इस वर्ष से सरकार ने इसमें संशोधन करते हुए इस फिल्ड कों महिलाओं के लिए ओपन कर दिया है जिसका सकारात्मक असर इस विषय कि पढ़ाई कराने वाले संस्थानों और विभागों में दिखयी पद रहा है. यहाँ नामांकन लेने वाली कतार में पहली बार लड़कियां भी दिखाई दे रही है . ऐसा ही अनुभव प्रियंका कुमारी ने हमारे साथ साझा किया जब उन्हें हमारे संवाददाता ने राँची के झारखण्ड राय युनिवर्सिटी में मीनिंग इंजीनियरिंग विभाग में फॉर्म खरीदते हुए देखा .

पुछने पर प्रियंका ने बताया कि “ में मूलतः बनारस कि रहने वाली हूँ और मैंने बीटेक इन माईनिंग इंजीनियरिंग करने का मन बनाया है और इसलिए यहाँ एडमिशन लेने आई हूँ. माईनिंग इंडस्ट्री में आने और निजी जीवन के बारे में पुछने पर बताते हुए प्रियंका ने बताया कि “ मेरे पिताजी इसी फिल्ड से जुड़े है और वह टाटा माईन्स वेस्ट बोकारो में कार्यरत है जिसके कारण मेरे मन में बचपन से ही इस के प्रति एक अलग आकर्षण है मेरा बड़ा भाई भी डिप्लोमा माईनिंग इंजिनियरिंग कि पढ़ाई कर रहा है, उसने ही जानकारी दी कि इस वर्ष से लड़कियों कों माईनिंग इंजिनियरिंग में एडमिशन लेने की अनुमति मिल गयी है.

मेरे लिये यह खुशी का पल था और मैंने राँची में इसकी पढ़ाई करवाने वाली संस्थाओं कि ऑनलाइन खोज शुरू किया. कोरोना और लॉक डाउन के कारण मोबाइल फोन ही सहारा बना और खोजबीन के दौरान नजर रुकी राँची के झारखण्ड राय युनिवर्सिटी पर जहाँ पढ़ाई के साथ साथ प्रायोगिक शिक्षा पर दिया गया जोर और एक्स्ट्रा एक्टिविटी ने मुझे आकर्षित किया .

झारखण्ड राय युनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. प्रो. पीयूष रंजन ने इस फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि “विभाग कि पहली गर्ल्स स्टुडेंट होने के कारण प्रियंका कुमारी एक बेहद खास स्थान रखती है. माईनिंग कि पढ़ाई में इंटरेस्ट रखने वाली लड़कियों के द्वारा यहाँ नामांकन वर्ष के दौरान पूछताछ कि जाती थी कईयों ने तो माना करने के बाद भी फॉर्म ख़रीदा. यहाँ फैसला बेहद सुखद अहसास देने वाला है और यक़ीनन इससे इस फिल्ड महिलाओं कि उपस्थिथि बढ़ेगी और कार्यों में गुणवत्ता भी. झारखण्ड जैसे राज्य में माईनिंग सेक्टर सबसे ज्यादा अवसर प्रदान करने वाला है “

प्रियंका कुमारी ने बीटेक माईनिंग इंजिनियरिंग में एडमिशन लेकर अपनी पढ़ाई सुरुकर दी है और इसे सफलतापूर्वक पूरा करके जॉब करना चाहती है. झारखण्ड राय युनिवर्सिटी के माईनिंग इंजिनियरिंग विभाग के समन्वयक प्रो. सुमीत किशोर से बात करने पर उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि “ इस वर्ष से फिमेल कैंडिडेट्स के एडमिशन लेने पर लगी रोक को हटाने से लड़कियों में काफी उत्साह देखा जा रहा है हमारे विभाग के लिये भी यह पहला अवसर है जब गर्ल्स स्टुडेंट का नाम अटेंडेंस लिस्ट में देखा जा रहा है. आने वाले वर्षों में यह और ज्यादा लोकप्रिय होने वाला है क्योंकि यहाँ अवसर कि कमी नहीं है.

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माइनिंग इंजीनियरिंग : रोजगार की गारंटी

खनिज संपदा हमारे जीवन का मुख्य आधार है। खनिज संपदा को निकालने का काम प्रशिक्षित लोगों के नेतृत्व में किया जाता है, जिन लोगों को माइनिंग इंजीनियर कहते हैं। खनिज संपदा को निकालने के कार्य को खनन (माइनिंग) इंजीनियरिंग कहते हैं।

भारत में खनिज संपदा का बहुत भंडार है। बिहार, झारखंड, उड़ीसा, मध्य प्रदेश व पश्चिम बंगाल जैसे राज्य में खनिज पदार्थ भारी मात्रा में हैं। खनिज संपदा देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसको देखते हुए देश में माइनिंग इंजीनियर्स की डिमांड काफी तेजी के साथ बढ़ती जा रही है। खनन इंजीनियरिंग में धरती के खनिज पदार्थों का पता लगाना और उनकी खुदाई कर बाहर निकालना होता है। खनन इंजीनियरिंग में प्रमुख रूप से उत्खनन, कच्चे खनिज पदार्थों का टेस्ट करना होता है।

माइनिंग या खनन इंजीनियरिंग में कैरियर बनाने के लिए सबसे पहले उम्मीदवार का किसी मान्यताप्राप्त विद्यालय से साइंस स्ट्रीम में 12 वीं कक्षा पास करना अनिवार्य है. इसके बाद उम्मीदवार माइनिंग से बीटेक (B. Tech), बीई (B.E) और बीएससी (BSC) कोर्स कर सकते है.

माइनिंग कोर्स के अन्तर्गत उम्मीदवार को ड्रिलिंग (Drilling), ब्लास्टिंग (Blasting), माइन कॉस्ट इंजीनियरिंग (Mine Cost Engineering), अयस्क रिजर्व विश्लेषण (Ore Reserve Analysis), ऑपरेशन विश्लेषण (Operation Analysis), माइन वेंटीलेशन (Main ventilation), माइन प्लानिंग (Mine Planning), माइन सेफ्टी (Mine Safety), रॉक मैकेनिक्स (Rock Mechanics), कम्प्यूटर एप्लीकेशन (Computer Applications), इंडस्ट्रियल मैनेजमेंट (Industrial Management) से सम्बंधित जानकारी दी जाती है।

मुख्य रूप से इस कोर्स के तहत उम्मीदवार को खनिज पदार्थों की संभावनाओं (Prospects) का पता लगाना, उनके नमूने एकत्रित करना (To collect their samples), भूमिगत (Underground) तथा भूतल खदानों का विस्तार (Surface mines expand) और विकास करना, खनिजों को परिष्कृत करना (To refine minerals) आदि के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है।

माइनिंग इंजीनियरिंग में पढ़ाई के बाद कैंडिडेट्स के पास सरकारी और निजी सेक्टरों में रोजगार के अवसर हैं। टाटा आयरन एंड स्टील, रिलायंस पेट्रोलियम, इंडियन ऑयल, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया, यूरेनियम कॉपोरेशन ऑफ इंडिया, सरकारी खनन निगम, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड, नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन, इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस लिमिटेड, माइनिंग रिसर्च सेंटर, इंडियन एक्सप्लोसिव लिमिटेड, इंडियन डेटोनेटर्स लिमिटेड में करियर शुरू कर सकते हैं।

    झारखण्ड में माइनिंग इंजीनियरिंग के टॉप संस्थान :

  • आटीआईटी धनबाद
  • बीआईटी सिंदरी
  • सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ़ माइनिंग एंड फ्यूल रिसर्च धनबाद गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक, निरसा, धनबाद
  • झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी, रांची
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WHICH INDUSTRY IS HIRING ENGINEERS?

MINING INDUSTRY IS THE FUTURE FOR ALL ENGINEERS

Good news for those who want to study B.Tech or Diploma in Mining. Mining industry is the future for you. Because, tremendous growth in this sector is creating new jobs. There are several careers related to mining. Jobs in mining offer the opportunity for world travel, good income and the opportunity to make a difference.

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DID YOU KNOW?

  • India is home to 1,531 operating mines and produces 95 minerals
  • The country is the 2nd largest producer of coal.
  • India is the 2nd largest crude steel producer in the world
  • Coal production grew at CAGR 4.6% over FY14-FY19 (to 730.35 MT)
  • Coal’s share in India’s primary energy consumption is expected to be 48% in 2040.
  • India’s steel consumption has risen 7.5% Y-o-Y
  • 100% FDI is now allowed through automatic route in the steel and mining sectors
  • 100% FDI for coal and lignite under automatic route

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WHAT DO THESE NUMBERS TELL YOU?

For B.Tech or Diploma Mining students, this sector offers plenty of job opportunities. It offers career growth. In future, students with a degree in Mining Engineering will be hired by this growing industry.

WHY YOU SHOULD STUDY B.TECH MINING IN JHARKHAND?

  1. Jharkahnd has 40% of nation’s mineral reserves
  2. Provides a solid base for mining and mineral industries
  3. Jharkhand has variety of minerals in abundance
  4. Jharkhand is the sole producer of Coking Coal, Uranium and Pyrite.
  5. It ranks first in India in the production of Coal, Mica, Kyanite and Copper.

MINING CAPITAL OF INDIA – JHARKHAND

Abundant minerals in Jharkhand has led to setting up of a numerous industries in the State including – Iron & Steel, Cement, Coke Ovens, Washeries, Refractories, Alumina, Sponge Iron, Ceramic, Graphite processing, Granite cutting and polishing, etc.

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The State Industrial Policy has identified Mineral based Industries as a thrust area. Hence, creating plenty of jobs in this sector.