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माइनिंग इंजीनियरिंग : बेहतर भविष्य और जॉब की गारंटी

झारखंड की पहचान प्राकृतिक सौंदर्य के साथ प्रचुर खनिज संपदा से भी है। खनिज संपदा और खनन का महत्व इससे ही स्पष्ट होता है की भारत सरकार के उद्यम और मिनीरत्न कंपनियों सीसीएल, बीसीसीएल, मेकॉन, सीएमपीडीआई का मुख्यालय रांची में स्थित हैं।

खनिज देश के विकास में मेरुदंड है और इसे निकालने के लिए कुशल कारीगर और इंजीनियर चाहिए। राज्य में आईआईटी धनबाद और बीआईटी सिंदरी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान भी स्थापित हैं। इन प्रतिष्ठित संस्थाओं में एक नाम झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी, रांची भी है। मान्यता प्राप्त निजी संस्थानों की बात करें तो बेहद कम समय में अपनी विशिष्ट पहचान के कारण यहाँ बिहार, बंगाल, ओडिशा ,तेलंगाना जैसे राज्यों के मेधावी विद्यार्थी माइनिंग इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते है । इंडस्ट्री की मांग को ध्यान में रखते हुए नवीनतम पाठ्यक्रम, अनुभवी शिक्षकों और छात्र केंद्रित गतिविधियों ने इसे अलग पहचान दिलाई है। (MINING ENGINEERING ADMISSION FORM 2022)

राज्य में माइनिंग इंजीनियरिंग की पढ़ाई कुछ चुनिंदा संस्थानों में होती है सरकारी संस्थानों में आईआईटी धनबाद, बीआईटी सिंदरी, सीआईएमएफआर धनबाद और गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक निरसा के अलावा छात्रों की पहली पसंद झारखंड राय यूनिवर्सिटी है।

राजधानी रांची में स्थित होने के कारण राज्य के अन्य जिलों से छात्र यहाँ पढ़ने आते हैं क्योंकि धनबाद के अलावा अन्य किसी जिले में माइनिंग की पढ़ाई नहीं होती है। यूनिवर्सिटी का डिपार्टमेंट ऑफ़ माइनिंग इंजीनियरिंग दो कोर्स का संचालन करता है। दोनों ही रेगुलर कोर्स है ।

यहाँ से माइनिंग इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री सेंट्रिक सिलेबस के साथ इस फील्ड के अनुभवी लोगों का मार्गदर्शन समय समय पर मिलता रहता है। इसके अलावा प्रैक्टिकल एजुकेशन की जरुरत को पूरा करने के लिए इंडस्ट्री विजिट,इंटर्नशिप,वर्कशॉप,गेस्ट लेक्चर, माइंस विजिट भी नियमित तौर पर करवाई जाती है।

सीसीएल, मेकॉन, सीएमपीडीआई, एचईसी, सेल जैसे बड़े उद्यमों का मुख्यालय रांची में होने के कारण छात्रों को एक्सपोजर के साथ अवसर भी मिलता है। अनुभवी शिक्षकों का मार्गदर्शन उन्हें इस क्षेत्र में और बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है।

अगर आप भी माइनिंग इंजीनियर बनने का सपना रखते है तो यह एक बेहतरीन कोर्स है जिसमें शामिल होकर आप देश और विदेश ने नामी गिरामी कंपनियों में अपनी सेवा दे सकते है। माइनिंग इंजीनियर में डिप्लोमा कोर्स 3 वर्षीय पाठ्यक्रम है। प्राइमरी लेवल इंट्री के लिए बेस्ट ऑप्शन है जिसे करने के बाद आप माइनिंग सरदार जैसे पद पर कार्य कर सकते है। बीटेक इंजीनियरिंग 4 वर्षीय पाठ्यक्रम है जिसे पूरा करने के बाद आप जूनियर इंजीनियर के तौर पर माइनिंग इंडस्ट्री ज्वाइन कर सकते है और मेहनत और लगन के साथ काम करते हुए कुछ ही वर्षों में उच्चतम वेतनमान प्राप्त करसकते है। Mining Engineering 2022

झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी द्वारा स्टूडेंट को बेहतर माइनिंग इंजीनियर के तौर पर तैयार होने के लिए निम्नलिखित सुविधाएं दी जाती हैं :-

  • 100 प्रतिशत पीडीपीटी (पोस्ट डिप्लोमा प्रैक्टिकल ) ट्रेनिंग। यह ट्रेनिंग संपन्न होती है सीसीएल,एसीएल और बीसीसीएल जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में।
  • कोर्स के दौरान व्यावहारिक (वोकेशनल ) प्रशिक्षण की सुविधा।
  • पढ़ाई के दौरान इंडस्ट्रियल विजिट की सुविधा जिनमें सीएमपीडीआई, सीआईएमएफआर, जीएसआई जैसे संस्थान शामिल है ।
  • गैस टेस्टिंग एग्जामिनेशन और लैंप हैंडलिंग सर्टिफिकेट प्राप्त करने में सहयोग।
  • ओवरमैन एग्जामिनेशन पास करने के लिए कैंपस में फ्री प्रतियोगिता परीक्षा तैयारी की सुविधा।
  • डायरेक्टर जेनेरल ऑफ़ माइंस सेफ्टी (डीजीएमएस ) द्वारा दी जाने वाली योग्यता जाँच प्रमाणपत्र को प्राप्त करने में सहयोग।
  • बोर्ड ऑफ़ प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (बीओपीटी ) कोलकाता द्वारा मान्यता प्राप्त।
  • योग्य और अनुभवी शिक्षकों का मार्गदर्शन।
  • इन हाउस मॉडर्न माइनिंग लेबोरेटरी की सुविधा ।
  • बीटेक माइनिंग इंजीनियरिंग कर रहे स्टूडेंट्स को गेट परीक्षा की निः शुल्क तैयारी है।
DIPLOMA IN MINING RANCHI JHARKHAND

SHADAB AHMAD, DIPLOMA IN MINING ENGINEERING

शदाब अहमद वॉलीबाल स्टेट लेवेल खिलाडी और डिप्लोमा माईनिंग इंजीनियरिंग स्टुडेंट

 

शदाब अहमद वॉलीबाल स्टेट लेवेल खिलाडी है और वर्तमान में झारखंड राय यूनिवर्सिटी, राँची से डिप्लोमा इन माईनिंग इंजीनियरिंग कि पढ़ाई कर रहें है.

राँची के कांके प्रखंड के रहने वाले शदाब को बचपन से घूमना और वॉलीबाल खेलना पसंद रहा है.  

वॉलीबाल और माईनिंग इंजीनियरिंग कि पढ़ाई को लेकर पूछे गए सवाल को लेकर उनका कहना है “ खेलों से जुड़ने के दौरान मुझे घूमने का मौका भी मिला और मैंने जिला से लेकर राज्य स्तर तक की प्रतियोगिताओं और कैम्पों में बेहतर परिणाम दिया है. स्कूल लेवल पर इंटर स्कूल प्रतियोगिता में और कॉलेज लेवल पर नेशनल स्पोटर्स में शामिल होकर बेहतर प्रदर्शन किया है.

माईनिंग इंजीनियरिंग विषय चयन करने को लेकर उनका कहना था “ यह कार्य रोमांच और जोखिम का मिश्रण है लेकिन यहाँ कार्य करने के दौरान नई जगहों को देखने का अनुभव मुझे इस विषय कि तरफ आकर्षित किया.

माईनिंग की पढ़ाई का मन बनाने के बाद मैंने उन संस्थानों कि खोज शुरू कि जहाँ पढ़ाई के साथ मेरे वॉलीबाल खेल को भी आगे ले जाने का अवसर मिल सके.

यूनिवर्सिटी में आयोजित होने वाले स्पोर्ट्सएक्टिविटी और स्पोर्ट्स क्लब के कार्यों ने मुझे काफी प्रभावित किया और फिर मैंने यहाँ एडमिशन लेने का निर्णय लिया. ऐसा मुझे लगता है झारखंड राय यूनिवर्सिटी में मेरे दोनों ही सपने पुरें होंगे.

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माइनिंग इंजीनियरिंग : रोजगार की गारंटी

खनिज संपदा हमारे जीवन का मुख्य आधार है। खनिज संपदा को निकालने का काम प्रशिक्षित लोगों के नेतृत्व में किया जाता है, जिन लोगों को माइनिंग इंजीनियर कहते हैं। खनिज संपदा को निकालने के कार्य को खनन (माइनिंग) इंजीनियरिंग कहते हैं।

भारत में खनिज संपदा का बहुत भंडार है। बिहार, झारखंड, उड़ीसा, मध्य प्रदेश व पश्चिम बंगाल जैसे राज्य में खनिज पदार्थ भारी मात्रा में हैं। खनिज संपदा देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसको देखते हुए देश में माइनिंग इंजीनियर्स की डिमांड काफी तेजी के साथ बढ़ती जा रही है। खनन इंजीनियरिंग में धरती के खनिज पदार्थों का पता लगाना और उनकी खुदाई कर बाहर निकालना होता है। खनन इंजीनियरिंग में प्रमुख रूप से उत्खनन, कच्चे खनिज पदार्थों का टेस्ट करना होता है।

माइनिंग या खनन इंजीनियरिंग में कैरियर बनाने के लिए सबसे पहले उम्मीदवार का किसी मान्यताप्राप्त विद्यालय से साइंस स्ट्रीम में 12 वीं कक्षा पास करना अनिवार्य है. इसके बाद उम्मीदवार माइनिंग से बीटेक (B. Tech), बीई (B.E) और बीएससी (BSC) कोर्स कर सकते है.

माइनिंग कोर्स के अन्तर्गत उम्मीदवार को ड्रिलिंग (Drilling), ब्लास्टिंग (Blasting), माइन कॉस्ट इंजीनियरिंग (Mine Cost Engineering), अयस्क रिजर्व विश्लेषण (Ore Reserve Analysis), ऑपरेशन विश्लेषण (Operation Analysis), माइन वेंटीलेशन (Main ventilation), माइन प्लानिंग (Mine Planning), माइन सेफ्टी (Mine Safety), रॉक मैकेनिक्स (Rock Mechanics), कम्प्यूटर एप्लीकेशन (Computer Applications), इंडस्ट्रियल मैनेजमेंट (Industrial Management) से सम्बंधित जानकारी दी जाती है।

मुख्य रूप से इस कोर्स के तहत उम्मीदवार को खनिज पदार्थों की संभावनाओं (Prospects) का पता लगाना, उनके नमूने एकत्रित करना (To collect their samples), भूमिगत (Underground) तथा भूतल खदानों का विस्तार (Surface mines expand) और विकास करना, खनिजों को परिष्कृत करना (To refine minerals) आदि के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है।

माइनिंग इंजीनियरिंग में पढ़ाई के बाद कैंडिडेट्स के पास सरकारी और निजी सेक्टरों में रोजगार के अवसर हैं। टाटा आयरन एंड स्टील, रिलायंस पेट्रोलियम, इंडियन ऑयल, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया, यूरेनियम कॉपोरेशन ऑफ इंडिया, सरकारी खनन निगम, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड, नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन, इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस लिमिटेड, माइनिंग रिसर्च सेंटर, इंडियन एक्सप्लोसिव लिमिटेड, इंडियन डेटोनेटर्स लिमिटेड में करियर शुरू कर सकते हैं।

    झारखण्ड में माइनिंग इंजीनियरिंग के टॉप संस्थान :

  • आटीआईटी धनबाद
  • बीआईटी सिंदरी
  • सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ़ माइनिंग एंड फ्यूल रिसर्च धनबाद गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक, निरसा, धनबाद
  • झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी, रांची
DIPLOMA MINING BTECH MINING COLLEGE RANCHI JHARKHAND

WHICH INDUSTRY IS HIRING ENGINEERS?

MINING INDUSTRY IS THE FUTURE FOR ALL ENGINEERS

Good news for those who want to study B.Tech or Diploma in Mining. Mining industry is the future for you. Because, tremendous growth in this sector is creating new jobs. There are several careers related to mining. Jobs in mining offer the opportunity for world travel, good income and the opportunity to make a difference.

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DID YOU KNOW?

  • India is home to 1,531 operating mines and produces 95 minerals
  • The country is the 2nd largest producer of coal.
  • India is the 2nd largest crude steel producer in the world
  • Coal production grew at CAGR 4.6% over FY14-FY19 (to 730.35 MT)
  • Coal’s share in India’s primary energy consumption is expected to be 48% in 2040.
  • India’s steel consumption has risen 7.5% Y-o-Y
  • 100% FDI is now allowed through automatic route in the steel and mining sectors
  • 100% FDI for coal and lignite under automatic route

MINING ENGINEERING RANCHI JHARKHAND COLLEGE

WHAT DO THESE NUMBERS TELL YOU?

For B.Tech or Diploma Mining students, this sector offers plenty of job opportunities. It offers career growth. In future, students with a degree in Mining Engineering will be hired by this growing industry.

WHY YOU SHOULD STUDY B.TECH MINING IN JHARKHAND?

  1. Jharkahnd has 40% of nation’s mineral reserves
  2. Provides a solid base for mining and mineral industries
  3. Jharkhand has variety of minerals in abundance
  4. Jharkhand is the sole producer of Coking Coal, Uranium and Pyrite.
  5. It ranks first in India in the production of Coal, Mica, Kyanite and Copper.

MINING CAPITAL OF INDIA – JHARKHAND

Abundant minerals in Jharkhand has led to setting up of a numerous industries in the State including – Iron & Steel, Cement, Coke Ovens, Washeries, Refractories, Alumina, Sponge Iron, Ceramic, Graphite processing, Granite cutting and polishing, etc.

DIPLOMA MINING BTECH MINING COLLEGE RANCHI JHARKHAND 2020

The State Industrial Policy has identified Mineral based Industries as a thrust area. Hence, creating plenty of jobs in this sector.