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बीबीए इन लॉजिस्टिक्स : 2022 में इस कोर्स को कैसे करे

लॉजिस्टिक्स एक आकर्षक सेक्टर है जो सड़कमार्ग, रेलमार्ग, वायुमार्ग और जलमार्ग जैसे क्षेत्रों तक फैला हुआ है। भारत में करियर का चयन एक चुनौतीपूर्ण कार्य है इसमें किसी विशेष क्षेत्र में ग्रोथ के विकल्पों के साथ ही नौकरी की सुरक्षा आदि कई चीजें शामिल हैं, जिनके बारे में हमें काफी सोचना पड़ता है। ऐसे में अभी हम किसी ऐसे क्षेत्र की बात करें जो तेजी से उभर रहा है, तो वह लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन मैनेजमेंट है। हाल के दिनों में इस सेक्टर में काफी तेज तरक्की देखी गई है। दुनिया भर में करीब 4 करोड़ लोग इस सेक्टर में कार्यरत हैं। आर्थिक सर्वे के मुताबिक, 2021 तक यह सेक्टर 215 बिलियन डॉलर यानी करीब 15 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा।

भारत में भी यह उद्योग काफी तेजी से आगे बढ़ा है और इसने हजारों लोगों को रोजगार मुहैया कराया है। ऑनलाइन मार्केटप्लेस की तेज वृद्धि के साथ ही इस सेक्टर की काफी तरक्की हुई है। किसी कंपनी के सुचारू ढंग से काम करने के लिए लॉजिस्टिक्स उसकी प्राथमिक आवश्यकता है और जितना ज्यादा से ज्यादा लोग हर क्षेत्र में लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट के महत्व को महसूस कर रहे हैं, उतना ही यह लोगों के लिए करियर का महत्वपूर्ण विकल्प बनता जा रहा है।

क्यों फायदेमंद है?

यह ऐसा सेक्टर है जिस पर मंदी का कोई असर नहीं होता है। चाहे कैसी भी आर्थिक स्थिति हो, लॉजिस्टिक्स की जरूरत बनी ही रहेगी। ग्लोबल कंपनियां जैसे फेडेक्स, डीएचए, फ्लिपकार्ट और ऐमजॉन हमेशा इस सेक्टर के स्पेशलिस्ट की तलाश में रहती हैं जिससे इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर काफी होते हैं। इस क्षेत्र में नौकरी काफी सुरक्षित है। अगर आपकी दिलचस्पी लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन में है और आप इस सेक्टर में कोई ऐसा कोर्स करना चहाते हैं जिससे आपका करियर सुनहरा हो तो आप झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी रांची Jharkhand Rai University (JRU), Ranchi से बीबीए इन लॉजिस्टिक्स कोर्स करने पर गौर कर सकते हैं। यह इस क्षेत्र का एक अग्रणी संस्थान है। जो बीबीए लॉजिस्टिक्स में फुल टाइम कोर्स ऑफर कर रहा है।इंडस्ट्री रेडी कोर्स : बीबीए इन लॉजिस्टिक – Jharkhand Rai University (JRU), Ranchi

कहाँ से करें यह कोर्स :

झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी, रांची ने लॉजिस्टिक्स सेक्टर स्किल कौंसिल(एलएसएससी) से एमओयू करते हुए 3 वर्षीय बीबीए इन लॉजिस्टिक्स BBA Logistics – Jharkhand Rai University, Ranchi (jru.edu.in) पाठ्यक्रम शुरू किया है। यह पाठ्क्रम पूर्णकालिक रोजगारपरक कार्यक्रम है जिसे केंद्रीय उच्च शिक्षा मंत्रालय (एमएचआरडी) और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के मार्गदर्शन में चलाया जा रहा है। यह पाठ्यक्रम उद्योग जगत की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए उसकी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रारंभ किया गया है।

लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में काम करने वाले लोगो को काफी बढ़िया सैलरी पैकेज दिया जाता है। इस क्षेत्र में शुरुआत में तीन-साढ़े तीन लाख से पांच लाख सालाना सैलरी आसानी से मिल जाती है। वहीं, एक लॉजिस्टिक्स मैनेजर को शुरुआत में पांच लाख रुपये तक का सालाना सैलरी दिया जाता है जो की समय और अनुभव के साथ बढ़ता जाता है।

बीबीए इन लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट: बने सप्लाई के एक्सपर्ट

Q. लॉजिस्टिक्स किसे कहते है। इस शब्द की उत्पति कैसे हुई ?
Ans. लॉजिस्टिक्स शब्द की उत्पत्ति सेना में हुई थी। लॉजिस्टिक्स शब्द का उपयोग सैनिकों को उपकरण और आपूर्ति प्राप्त करने की प्रक्रिया के लिए किया जाता था। 1950 के दशक तक, जब व्यवसायों के लिए शिपिंग सामग्री की जटिलता बढ़ गई थी, तब तक यह ‘रसद’ व्यावसायिक कार्यों के लिए संदर्भित नहीं था। अब, रसद एक उद्योग है और किसी भी व्यवसाय मॉडल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है; यह किसी व्यवसाय में माल के प्रवाह और भंडारण का नियंत्रण है।अर्थात ग्राहकों को माल परिवहन की आर्थिक गतिविधि या कहें सैनिकों के लिए रसद समार्गी अभियान, उपकरण और आवास की व्यवस्था करने का विज्ञान।

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Q. लॉजिस्टिक्स में होता क्या है ?
Ans. लॉजिस्टिक्स एक कंपनी या प्रोडक्ट डिलीवरी से जुड़े भीतर की गतिविधियों को करता है। इसमें ओपनिंग प्रोडक्शन से फाइनल डिलीवरी तक शामिल है। दूसरी भाषा में कहें तो लॉजिस्टिक्स प्रोडूसर को संतुस्ट करती है की उसके द्वारा मंगाया गया सामान काम समय और उचित खर्चे में उसके पास पहुंचेगा। लॉजिस्टिक्स प्रबंधन प्रक्रिया कच्चे माल के संचय से शुरू होती है जो गंतव्य तक माल पहुंचाने के अंतिम चरण में होती है। ग्राहकों की जरूरतों और उद्योग मानकों का पालन करके, रसद प्रबंधन प्रक्रिया की रणनीति, योजना और कार्यान्वयन की सुविधा प्रदान करता है।

Q. लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन मैनेजमेंट कैसे अलग हैं?
Ans. लॉजिस्टिक्स का तात्पर्य किसी कंपनी के भीतर के कार्यों से है। जैसे : डिस्ट्रीब्यूटर को कच्चे माल की खरीद और डिलीवरी। पैकेजिंग , शिपमेंट। परिवहन इत्यादि। जबकि सप्लाई चेन मैनेजमेंट में बाहरी संगठनों का नेटवर्क है जिसमें वेंडर, ट्रंसपोटशन प्रोवाइडर, वेयरहाउस प्रोवाइडर, कॉल सेंटर और प्रोडक्ट डिलीवरी देने वाले वाले कार्य एक साथ किये जाते है।

Q. लॉजिस्टिक्स क्यों महत्वपूर्ण है ?
Ans. छोटे वयवसाय और ग्राहकों की जरुरत को पूरा करने के लिए। उत्पाद अगर समय पर ग्राहक तक नहीं पहुंचा तो व्यापार विफल हो जायेगा। लॉजिस्टिक्स में कुशलता के साथ कच्चे माल खरीदना उपयोग किये जाने तक स्टोर करके रखना और अधिक समय तक लाभदायक बनाकर रखना होता है।

Q.बीबीए इन लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट कोर्स क्या है ?
Ans. बीबीए इन लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट 3 वर्षीय कोर्स है जिसे उद्योग जगत की आवशयकता को ध्यान में रखते हुए संचालित किया जा रहा है। यह कोर्स उनकी जरूरतों को पूरा करते हुए स्किल्ड फोर्स उपलब्ध करता है। बीबीए इन लॉजिस्टिक पाठ्यक्रम के दौरान स्टूडेंट्स को लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री में कार्य करने के लिए पूरी तरह तैयार किया जाता है जिनमें स्किल और ऐटिट्यूड, लाइफ स्किल, क्लास रूम लर्निंग, इंटर्नशिप के साथ 18 महीने का इंडस्ट्री एक्सपीरिएंस/ ऑन जॉब ट्रेनिंग, स्कॉलरशिप और प्लेसमेंट शामिल है।

Q. लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट क्यों इम्पोर्टेन्ट है ?
Ans. लॉजिस्टिक का क्षेत्र काफी विस्तृत है। वेयर हाउसिंग सिस्टम, डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम भी इसके हिस्से हैं। यहां काम करने वाले प्रोफेशनल को इन सारे कार्यों की जानकारी होनी चाहिए। इसके अलावा लेबर मैनेजमेंट, कस्टमर को-ऑर्डिनेशन, पर्चेजिंग जैसे क्षेत्र भी लॉजिस्टिक के अंतर्गत आते हैं। लॉजिस्टिक मैनेजमेंट किसी भी कारोबार, संगठन या व्यक्ति विशेष के लिए आवश्यक सामग्री या कच्चे माल की आपूर्ति करता है । कोई भी उत्पाद या सेवा या कच्चे माल की मांग और आपूर्ति में संतुलन बना रहे यह देखना और उपभोक्ता की संतुष्टि भी देखना उसका काम होता है। माल की सही डिलीवरी उसे सुनिश्चित करना होता है। उदाहरण के लिए भारत के आम, चीन के इलेक्ट्रिक सामान, इटली के ऑलिव ऑयल, अमेरिकन चॉकलेट, अरब के खजूर, जर्मनी की कारें या फिर अलग-अलग जगहों के स्पेशल आइटम्स अगर आज सरलता से हमारे स्टोर्स में उपलब्ध हैं तो इसके पीछे सबसे अहम रोल लॉजिस्टिक का ही होता है।

Q. बीबीए इन लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट क्यों करें ?
Ans. ई-कॉमर्स कंपनियों के बढ़ते कारोबार के चलते लॉजिस्टिक्स में कॅरियर के नए-नए ऑप्शन सामने आ रहे हैं। विगत कुछ वर्षों में ई-कॉमर्स कंपनियां भरपूर बिजनेस कर रही हैं। इस बिजनेस में लॉजिस्टिक कंपनियों की भूमिका नजरअंदाज नहीं की जा सकती। जबसे इंटरनेट के संसार में ई-कॉमर्स कंपनियों ने लोगों के बीच पैठ बनाई है, कई अन्य क्षेत्र भी रोजगार के लिए खुल गए हैं। इनमें लॉजिस्टिक और डिलीवरी का क्षेत्र सबसे अहम है। भारत की विशाल आबादी और ई-कॉमर्स कंपनियों के तेज विकास के कारण यह क्षेत्र तीव्र विकास कर रहा है। अभी भारत में लॉजिस्टिक इंडस्ट्री 130 अरब से ज्यादा की आंकी गई है। इसमें ग्रोथ भी जबर्दस्त है। कोई भी व्यक्ति, जो कम्युनिकेशन स्किल और मेहनत करने में यकीन रखता है, थोड़े प्रयासों से इस क्षेत्र में रोजगार हासिल कर सकता है। एक कस्बाई इलाके से लेकर दुनिया भर के मेटेपॉलिटन शहरों में भी काम के अवसर हैं। देश-विदेश में इसके प्रोफेशनल्स की डिमांड है।

एक लॉजिस्टिक मैनेजर की सैलरी कंपनी के आकार पर काफी निर्भर करती है। शुरुआत में 10 से 15 हजार सैलरी आसानी से मिल जाती है। कुछ अनुभव के बाद ही 20 से 50 हजार सैलरी हो जाती है, जो आगे चलकर एक लाख प्रतिमाह तक हो सकती है।

Q. कहाँ से करें यह कोर्स ?
Ans. झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी, रांची ने लॉजिस्टिक्स सेक्टर स्किल कौंसिल(एलएसएससी) से एमओयू करते हुए 3 वर्षीय बीबीए इन लॉजिस्टिक्स पाठ्यक्रम शुरू किया है। यह पाठ्क्रम पूर्णकालिक रोजगारपरक कार्यक्रम है जिसे केंद्रीय उच्च शिक्षा मंत्रालय (एमएचआरडी) और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के मार्गदर्शन में चलाया जा रहा है। यह पाठ्यक्रम उद्योग जगत की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए उसकी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रारंभ किया गया है।

    हाई लाइट्स ऑफ़ द कोर्स

  • सरकार के उच्च शिक्षा मंत्रालय और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा संचालित।
  • इंडस्ट्रियल सेक्टर की जरूरतों को पूरा करने वाला।
  • स्किल्ड और इंडस्ट्री रेडी बनाने में मददगार ।
  • लाइफ स्किल्स और पर्सनालिटी डेवलपमेंट ।
  • पढ़ाई के दौरान 18 महीने का औद्योगिक प्रशिक्षण।
  • प्रत्येक प्रशिक्षण समाप्त होने पर सरकार द्वारा प्रमाणपत्र।
  • औद्योगिक प्रशिक्षण के कार्य अनुभव को मान्यता।
  • औद्योगिक प्रशिक्षण के दौरान 9000-15000 छात्रवृति सुविधा।
  • ग्रामीण छात्रों के लिए रोजगार प्राप्त करने का सुनहरा अवसर।
  • लॉजिस्टिक्स सेक्टर स्किल कौंसिल द्वारा नौकरी की सुविधा।
  • स्टार्टअप्स और इंटरप्रेन्योर बनने का अवसर।
Job-Interview

12 वीं के बाद चाहिए जॉब: इन कोर्सेज में है जॉब की गारंटी

बारहवीं के रिजल्ट जारी हो चुके हैं। जैक बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षाओं के परिणाम घोषित हो चुके हैं। बारहवीं के बाद छात्रों के मन में सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि आगे वो किस क्षेत्र में अपना करियर बनाएं। भीड़ से अलग दिखने वाले कोर्सेज ही सफलता की गारंटी है जरुरी नहीं। पारंपरिक कोर्सेज आज भी लोकप्रिय और रोजगारपरक बने हुए है।एक नजर वैसे कोर्सेज पर जो बारहवीं के बाद आप कर सकते है जिनसे व्यक्तित्व तो निखरेगा ही, साथ ही अच्छे पैसे भी कमा सकते हैं।

https://www.jru.edu.in/blog-post/which-industry-is-hiring-engineers/

पारंपरिक कोर्स :

  • मास्टर ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए )
  • बैचलर ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन (बीबीए )
  • मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर एप्लीकेशन (एमसीए )
  • बैचलर ऑफ़ कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए )
  • बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीटेक )
  • डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग ( डीई )

https://www.jru.edu.in/blog-post/mining-engineer-bankar-sawaren-apna-bhavishya/

आज कल का ट्रेंड :
12 वीं के बाद रोजगार देने वाले कोर्स की बात करें तो आज भी एग्रीकल्चर और फार्मेसी अपना क्रेज बनाये हुए है। ये दोनों ही कोर्स मार्केट में अपनी मजबूत उपस्थिति रखते है और स्टूडेंट्स को आकर्षितकरते है।

  • डिप्लोमा इन फार्मेसी ( डी. फार्म )
  • बैचलर ऑफ़ फार्मेसी ( बी. फार्म )
  • बैचलर और साइंस इन एग्रीकल्चर (बीएससी एग्रीकल्चर )

https://www.jru.edu.in/blog-post/bba-logistics-ranchi-college/

जरा हटके कोर्स :

  • माइनिंग इंजीनियरिंग
  • डिप्लोमा इन माइनिंग इंजीनियरिंग
  • बीटेक इन माइनिंग इंजीनियरिंग

10 वीं उत्तीर्ण छात्र डिप्लोमा में ले सकते है नामांकन

  • पोस्ट डिप्लोमा प्रैक्टिकल ट्रेनिंग ( पीडीपीटी) इन माइनिंग।
  • पोस्ट ग्रेजुएट प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (पीजीपीटी ) इन माइनिंग।
  • ओवरमैन सर्टिफिकेट ऑफ़ कॉम्पिटेंसी।
  • औद्योगिक प्रशिक्षण के दौरान 9000 तक छात्रवृति सुविधा।
  • इंटर्नशिप / ट्रेनिंग ( सीसीएल, एनसीएल, एचसीएल , इसीएल,बीसीसीएल, सेल टाटा स्टील)

बीबीए इन लॉजिस्टिक्स | हाई लाइट्स ऑफ़ द कोर्स :

  • सरकार के उच्च शिक्षा मंत्रालय और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा संचालित।
  • इंडस्ट्रियल सेक्टर की जरूरतों को पूरा करने वाला।
  • स्किल्ड और इंडस्ट्री रेडी बनाने में मददगार ।
  • लाइफ स्किल्स और पर्सनालिटी डेवलपमेंट ।
  • पढ़ाई के दौरान 18 महीने का औद्योगिक प्रशिक्षण।
  • प्रत्येक प्रशिक्षण समाप्त होने पर सरकार द्वारा प्रमाणपत्र।
  • औद्योगिक प्रशिक्षण के कार्य अनुभव को मान्यता।
  • औद्योगिक प्रशिक्षण के दौरान 9000-15000 छात्रवृति सुविधा।
  • ग्रामीण छात्रों के लिए रोजगार प्राप्त करने का सुनहरा अवसर।
  • लॉजिस्टिक्स सेक्टर स्किल कौंसिल द्वारा नौकरी की सुविधा।
  • स्टार्टअप्स और इंटरप्रेन्योर बनने का अवसर।
BBA in Logistics

इंडस्ट्री रेडी कोर्स : बीबीए इन लॉजिस्टिक

झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी, रांची ने लॉजिस्टिक्स सेक्टर स्किल कौंसिल(एलएसएससी) से एमओयू करते हुए 3 वर्षीय बीबीए इन लॉजिस्टिक्स पाठ्यक्रम शुरू किया है। यह पाठ्क्रम पूर्णकालिक रोजगारपरक कार्यक्रम है जिसे केंद्रीय उच्च शिक्षा मंत्रालय (एमएचआरडी) और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के मार्गदर्शन में चलाया जा रहा है। यह पाठ्यक्रम उद्योग जगत की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए उसकी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रारंभ किया गया है।

बीबीए इन लॉजिस्टिक पाठ्यक्रम के दौरान स्टूडेंट्स को पूरी तरह तैयार किया जाता है जिनमें स्किल और ऐटिट्यूड, लाइफ स्किल, क्लास रूम लर्निंग, 18 महीने का इंडस्ट्री एक्सपीरिएंस/ ऑन जॉब ट्रेनिंग, स्कॉलरशिप और प्लेसमेंट शामिल है। लॉजिस्टिक बिज़नेस भारत में तेजी से उभरता हुआ क्षेत्र है।

जिनमें ट्रांसपोटेशन,शिपमेंट, पैकेजिंग, सप्लाई,सोशल सिक्यूरिटी और वेयर हाउस सिक्यूरिटी शामिल है। भारत को लॉजिस्टिक सेक्टर में विश्व के सबसे पसंदीदा देश के तौर पर जाना जाता है। भारत की कई बड़ी कम्पनियां जैसे डीएचएल, ब्लू डार्ट, डीटीडीसी इस फील्ड में ग्लोबल पहचान रखती है। बीबीए इन लॉजिस्टिक्स वैसे स्टूडेंट्स के लिए भी लाभदायक है जो नौकरी के साथ स्टार्टअप्स और इंटरप्रेन्योर बनना चाहते है।

हाई लाइट्स ऑफ़ द कोर्स

  • सरकार के उच्च शिक्षा मंत्रालय और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा संचालित।
  • इंडस्ट्रियल सेक्टर की जरूरतों को पूरा करने वाला।
  • स्किल्ड और इंडस्ट्री रेडी बनाने में मददगार ।
  • लाइफ स्किल्स और पर्सनालिटी डेवलपमेंट ।
  • पढ़ाई के दौरान 18 महीने का औद्योगिक प्रशिक्षण।
  • प्रत्येक प्रशिक्षण समाप्त होने पर सरकार द्वारा प्रमाणपत्र।
  • औद्योगिक प्रशिक्षण के कार्य अनुभव को मान्यता।
  • औद्योगिक प्रशिक्षण के दौरान 9000-15000 छात्रवृति सुविधा।
  • ग्रामीण छात्रों के लिए रोजगार प्राप्त करने का सुनहरा अवसर।
  • लॉजिस्टिक्स सेक्टर स्किल कौंसिल द्वारा नौकरी की सुविधा।
  • स्टार्टअप्स और इंटरप्रेन्योर बनने का अवसर।