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झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी में सिम्पोजियम और माइन विज़ार्ड का आयोजन

झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी Jharkhand Rai University (JRU), Ranchi के डिपार्टमेंट ऑफ़ माइनिंग इंजीनियरिंग Department of Mining Engineering – Jharkhand Rai University (JRU), Ranchi में “स्कोप एंड कैरियर ऑफ़ माइनिंग इंजीनियर्स इन इंडस्ट्री” विषय पर सिम्पोजियम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता तौर पर एचईसी के पूर्व सीएमडी प्रो. अभिजीत घोष एवं सीएमपीडीआईएल के पूर्व जेनेरल मैनेजर देबाशीष बसु उपस्थित थे।

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झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. सविता सेंगर एवं रजिस्ट्रार डॉ. पियूष रंजन ने संयुक्त रूप से अतिथियों को पौधा एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया।

सम्मान समारोह के उपरांत सर्वप्रथम विषय प्रवेश करते हुए प्रो. अभिजीत घोष ने माइनिंग इंजीनियरिंग एवं माइनिंग और कोल् के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा की ” यह इंजीनियरिंग का एक ओल्डेस्ट फॉर्म है जो ऐसी टेक्नोलॉजी और टेक्निक से डील करता है जो पृथ्वी में मौजूद मिनिरल की पहचान करने के साथ उसे एक्सपेक्ट करने में मददगार है। यह ऐसा एसेसियल फील्ड है जो देश की इकॉनमी में डायरेक्ट कंट्रीब्यूट करता है। एक माइनिंग इंजीनियर धरती से मिनिरल निकलने के लिए तो होता ही है साथ ही माइनिंग के डेवलपर प्रोसेस इन्स्योर करना भी उसकी ड्यूटी में शामिल है।” B. Tech Mining Engineering – Jharkhand Rai University, Ranchi (jru.edu.in)

सिम्पोजियम के दूसरे वक्ता सीएमपीडीआईएल के पूर्व जेनेरल मैनेजर देबाशीष बसु ने अपने व्याख्यान के दौरान माइनिंग इंजीनियरिंग की पढ़ाई, तकनिकी कौशल विकास, प्रशिक्षण और रोजगार के अवसरों पर विस्तार पूर्वक अपनी बातें रखी। उन्होंने विद्यार्थियों के साथ अपना निजी अनुभव साझा करते हुए बताया की माइनिंग इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को पढ़ाई पूरी करने के बाद पांच वर्ष तक कड़े परिश्रम करने के लिए तैयार रहना चाहिए। इस दौरान प्रतिदिन कुछ नया सिखने की कोशिश करना जीवन में बेहद मददगार साबित होता है। Diploma in Mining Engineering – Jharkhand Rai University, Ranchi (jru.edu.in) उन्होंने कहा कि देश में माइनिंग इंजीनियर्स की डिमांड काफी तेजी के साथ बढ़ती जा रही है। झारखण्ड के विद्यार्थियों के लिए सीसीएल, मेकॉन, सीएमपीडीआई, एचईसी, सेल जैसे बड़े उद्यमों का राज्य में होने का सबसे बड़ा फ़ायद छात्रों को मिलने वाला एक्सपोज़र है। https://www.jru.edu.in/blog-post/which-industry-is-hiring-engineers/

सिम्पोजियम के उपरांत विभाग द्वारा माइन कार्निवल का आयोजन किया गया । यूनिवर्सिटी के सेमिनार हाल में आयोजित प्रदर्शनी में माइनिंग विषय से जुड़े चित्रों की प्रदर्शनी लगायी गयी एवं कई मॉडलों का प्रदर्शन भी किया गया। प्रदर्शित मॉडलों में एंट्रेंस कोल माइन, चौक शील्ड सपोर्ट, एरियल रोपवे, बोड एंड पिलर वर्किंग मॉडल, शील्ड सपोर्ट, अंडरग्राउंड वर्किंग जैसे मॉडल प्रदर्शित किये गए। https://www.jru.edu.in/blog-post/mining-engineer-bankar-sawaren-apna-bhavishya/ जूरी द्वारा प्रथम पुरस्कार एरियल रोपवे, द्वितीय पुरस्कार बोड एंड पिलर वर्किंग मॉडल , तृतीय पुरस्कार शील्ड सपोर्ट और जूरी का विशेष पुरस्कार अंडरग्राउंड वर्किंग मॉडल को दिया गया। सभी विजेता टीमों को मोमेंटो और प्रमाणपत्र प्रदान किया गया।

झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. पियूष रंजन ने धन्यवाद् ज्ञापन करते हुए कहा की विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों के व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए इंडस्ट्रियल टूर, एक्सपोज़र विजिट, एक्सपर्ट टॉक, गेस्ट लेक्चर को पाठ्क्रम का अनिवार्य अंग बनाया है। विश्वविद्यालय ने माइनिंग इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों का गैस टेस्टिंग एग्जामिनेशन और लैंप हैंडलिंग सर्टिफिकेट एवं पीडीपीटी ट्रेनिंग में सौ प्रतिशत सफलता का रिकॉर्ड स्थापित किया है। उन्होंने उपस्थित अतिथियों का सिम्पोजियम में उपस्थित होकर माइनिंग के क्षेत्र में अवसरों पर अपने विचार साझा करने के लिए धन्यवाद किया। https://www.jru.edu.in/blog-post/mining-engineering-admission-2022/ कार्यक्रम को सफल बनाने में माइनिंग इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के समन्वयक प्रो. सुमीत किशोर,व्याख्याता मृत्युंजय कुमार,व्याख्याता सूरज देव सिंह, व्याख्याता उमेश कुमार मिस्त्री की महत्वपूर्ण भूमिका रही।