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झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी में मिलेट मिशन पर व्याख्यान

झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी में डिपार्टमेंट ऑफ़ एग्रीकल्चर ने शनिवार को एक्सपर्ट टॉक का आयोजन किया।”एक्सपेरिएंसेस ऑफ़ ओडिशा मिलेट मिशन एंड मिलेट बिज़नेस अपॉर्चुनिटीज फॉर एंटरप्रेन्योर्स” विषय पर आयोजित टॉक को ओडिशा के आत्मा प्रोजेक्ट के ब्लॉक एग्रीकल्चर ऑफिसर तापस चंद्र रॉय ने संबोधित किया। सर्वप्रथम श्री राय ने मोटे अनाज (मिलेट्स) की चर्चा करते हुए कहा की “मोटे अनाज वाली फसलों जैसे ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी और कुट्टू को मिलेट क्रॉप कहा जाता है। इसे सुपर फूड भी कहते है, क्योंकि इनमें पोषक तत्व अपेक्षाकृत अधिक मात्रा में होते हैं।

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संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट क्रॉप वर्ष घोषित किया है। संयुक्त राष्ट्र की ओर से यह कदम भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल के बाद उठाया गया है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने कहा है कि वर्ष 2023 में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मिलेट्स का उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी।

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उन्होंने अपने संबोधन के दौरान ओडिशा राज्य में इस फसल को लेकर किये गए कार्यों की चर्चा करते हुए बताया की” राज्य में किसानों की शिकायत थी कि मोटे अनाजों की फसलों को सूअर सबसे अधिक बर्बाद करते हैं, किसानों की कड़ी मेहनत के बाद भी उपज घर नहीं आ पाती थी। इससे किसानों ने मोटे अनाज, खासकर बाजरे की खेती छोड़ दी। ओडिशा सरकार ने किसानों की समस्याओं पर गौर किया, बाजरे की मार्केटिंग और ब्रांडिंग की उसका नतीजा अब दिखने लगा है।

मिलेट बिजनेस से कैसे जुड़ें?

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बाजरे की खेती और इसके इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए ओडिशा में संचालित ओडिशा मिलेट मिशन देश के एक बेहतरीन अभियानों में से एक है। इससे ओडिशा में बाजरा उत्पादन को काफी गति मिली है। पहले साल उत्पादन में 20-30 क्विंटल की बढ़ोतरी हुई । इसके बाद से सरकार ने इसकी खेती की तरफ ध्यान देना शुरू किया। मार्केटिंग पर जोर देने के लिए उत्पादन बढ़ाया गया। फिर बाजरे की खरीद पर फोकस किया गया। आज राज्य के 1.5 लाख किसान इससे जुड़े हुए हैं और दो लाख हेक्टेयर में इसकी खेती होती है।

एक्सपर्ट टॉक के समापन पर कृषि स्नातक विषय की पढ़ाई कर रहे छात्रों ने सवाल पूछे जिनका जवाब तापस चंद्र रॉय ने विस्तार पूर्वक दिया। धन्यवाद् ज्ञापन विभाग समन्वयक डॉ. नीता केरकेट्टा ने दिया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. नेहा सिंह ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रो. राहुल कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।