best university ranchi

कोरोना नहीं रोक सकता पढ़ाई

“डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जाकर  कोविड -19 को हराना है “-डॉ. पीयूष रंजन।

कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए देश भर में 14 अप्रैल तक पूरे देश में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है। सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं। इससे विश्वविद्यालय और कॉलेजों के विद्यार्थियों की पढ़ाई पर भी ब्रेक लग गया है। ऐसे में किसी की पढ़ाई प्रभावित हो इसके लिए यूजीसी के निदेशों के साथ कंधे से कंधा मिलाते हुए कई  संस्थानों ने घर बैठे ज्ञान बटोरने की व्यवस्था की है। राँची स्थित झारखंड राय विश्वविद्यालय, कमड़े ने कोविड 19 के खिलाफ डिजिटल मोड एजुकेशन को अपना कर स्टूडेंट्स को किसी भी एकेडेमिक लॉस से बचाने का संकल्प दोहराया है।

BEST UNIVERSITY RANCHI

विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. पीयूष रंजन ने सभी फैकल्टी मेंबर्स को डिजिटल मोड के साथ वन टू वन कांटेक्ट थ्योरी अपनाने को कहा है। डॉ. रंजन ने ऑफिस ऑर्डर में स्पष्ट निर्देश दिया है कि ”  आपदा के इस समय पर स्टूडेंट्सफैकल्टी इंटरेक्शन में कोई कोताही नहीं बरती जाए। एकेडेमिक लॉस को डिजिटल मोड एजुकेशन के जरिये पूरा किया जाय। विश्वविद्यालय डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए एकेडेमिक कैलेंडर को पूरा करते हुए समय पर एग्जामिनेशन लेगा।

BEST UNIVERSITY RANCHI

विश्वविद्यालय के फैकल्टी स्टॉफ भी अपने स्तर से डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए स्टूडेंट्स को ज्यादा सरल और सटीक जानकारी उपलब्ध करवाने में पीछे नही है।इसमें ऑडियो,वीडियो लेक्चर्स के अलावा पीपीटी,ग्राफ,चार्ट और टेक्स्ट मोड का इस्तेमाल किया जा रहा है। डिजिटल एजुकेशन मोड में सबसे कारगर साबित होने वाला प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप साबित हुआ है जिसने वन टू वन कॉन्टैक्ट  को सफल साबित किया है।

BEST UNIVERSITY RANCHI

डिजिटल एजुकेशन को अपनाने और एकेडेमिक कंटेंट को सभी तक पहुंचाने में यूजीसी ने फैकल्टी और स्टूडेंट्स के लिए कई एजुकेशन प्लेटफॉर्म बनाए है जिनका इस्तेमाल इस समय किया जा सकता है यूजीसी के इन प्लेटफार्म का प्रचार प्रसार झारखण्ड राय विश्वविद्यालय,रांची द्वारा स्टूडेंट्स के बीच किया गया है। मूक्स और स्वयं पोर्टल में स्टूडेंट्स की भागीदारी सत प्रतिशत सुनिश्चित करने में भी विश्वविद्यालय राज्य में अग्रणी स्थान रखता है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इंफॉरमेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (आईसीटी) का प्रयोग करते हुए ऑडियोवीडियो और टेक्स्ट कंटेट हासिल करने के लिए दस लिंक बताए हैं। शिक्षकों के लिए भी पोर्टल पर रिसर्च जर्नल पढ़ने की सुविधा है। स्टूडेंट ऑनलाइन ही नए कोर्स में प्रवेश भी ले सकते हैं।

BEST RANCHI UNIVERSITY

यूजीसी सेक्रेटरी प्रो. रजनीश जैन ने शिक्षक और छात्रों को इस संबंध में पत्र जारी किया है। पत्र में दस महत्वपूर्ण लिंक का भी उल्लेख है, जिसमें यूजी और पीजी स्तर पर जारी समस्त विषयों से लेकर रिसर्च के लिए कंटेंट मौजूद हैं। वहीं, झारखंड राय विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. पीयूष रंजन ने यूनिवर्सिटी के  शिक्षकों को निर्देश दिया है कि छात्रों को ऑडियो, वीडियो और टेक्स्ट फॉर्मेट में  कंटेंट उपलब्ध कराएं ताकि  सत्र को समय पर पूरा किया जा सके और परीक्षाएं निर्धारित समय पर कराई जा सकें। उन्होंने मूक्स और स्वयं पोर्टल के इस्तेमाल पर जोर दिया है और इनमें रजिस्टर्ड स्टूडेंट्स की   क्लासेज नियमित चलती रहे यह सुनिश्चित करने की बात कही है।

वेब लिंक जहां मिलेगा पूरा कंटेंट।।

स्वयं ऑनलाइन कोर्स
www.swayam.gov.in 
पर जाते हुए स्टूडेंट यूजीपीजी स्तर पर विभिन्न प्रोग्राम की पढ़ाई कर सकते हैं। इस पोर्टल पर स्कूल एजुकेशन, आउट ऑफ स्कूल एजुकेशन, अंडर ग्रेजुएट एजुकेशन और पोस्ट ग्रेजुएट श्रेणी में कोर्स उपलब्ध हैं।

यूजीपीजी मूक्स:
छात्र http://ugcmoocs.inflibnet.ac.in/ugcmoocs/moocs_courses.php पर पीजी के 86 और यूजी के 222 कोर्स की ऑनलाइन स्टडी कर सकते हैं। 

पीजी पाठशाला
https://epgp.inflibnet.ac.in/ 
वेबसाइट पर स्टूडेंट पीजी स्तर पर 40 डिसिप्लिन में 23 हजार से अधिक मॉड्यूल के जरिए पढ़ाई जारी रख सकते हैं। यहां 20 हजार से अधिक टेक्स्ट और 19 हजार से अधिक वीडियो कंटेट उपलब्ध हैं।

कंटेंट कोर्सवेयर फॉर यूजी
http://cec.nic.in/cec/ 
वेबसाइट पर 87 यूजी कोर्स
स्वयंप्रभा
https://swayamprabha.gov.in/ 
वेबसाइट पर 32 डीटीएच चैनल के जरिए यूजीपीजी स्तर के सभी डिसिप्लिन में पढ़ाई कराई जा रही है।

सीईसीयूजीसी यूट्यूब चैनल
https://www.youtube.com/user/cecedusat 
से आप यूट्यूब के जरिए अपनी पढ़ाई कर सकते हैं।

नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी
https://ndl.iitkgp.ac.in/ 
इस वेबसाइट के जरिए स्टूडेंट सभी भाषाओं में देशभर के लाइब्रेरी में उपलब्ध कंटेंट को ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं।

शोध गंगा
https://shodhganga.inflibnet.ac.in/ 
वेबसाइट पर दो लाख 60 हजार से अधिक थीसिस मौजूद हैं।

शोध सिंधु विद्वान
https://vidwan.inflibnet.ac.in/ 
यह वेबसाइट फैकल्टी के लिए है। इस वेबसाइट पर 49,652 विशेषज्ञ, 5,786 ऑर्गेनाइजेशन और सात लाख 55 हजार 195 साइटेशन मौजूद हैं। वेबसाइट पर फंडिंग को लेकर भी सूचनाएं हैं।
विश्वविद्यालय और कॉलेजों ने कोविड 19 से लड़ने के लिए स्टडी मैटेरियल की कमी नहीं होने देने का संकल्प लिया है। वहीं स्टूडेंट्स को भी ऑनलाइन स्टडी का नया स्टाइल पारंपरिक पढ़ने के तरीके से कुछ अलग हटकर लग रहा है और मजेदार भी है। ऑनलाइन मोड़ का सबसे फायदेमंद कारक है फीडबैक सेशन। स्टूडेन्ट अपने मेंटर को व्हाट्सएप या कॉल करके नोट्स या लेक्चर का वह पार्ट बिना झिझक पूछ ओर दूबारा समझ सकता है जो वह क्लास में सबके सामने पूछने में शर्माता या झिझकता था। एजुकेशन का यह ऑनलाइन तरीका बेहद सटीक और कंटेंट पार्ट ( पीपीटी, एक्सेल,चार्ट,ऑडियो,वीडियो ) के कारण रोचकता को बढ़ाता है।इसकी बड़ी विशेषता इसे बार बार  सुनने और देखने की है जो आप को हमेशा प्रसंगिक  बनाये रखती है।

(आलेख: डॉ. प्रशांत जयवर्द्धन,  जेआरयू  डिजिटल सेल ।)