झारखण्ड राय विश्वविद्यालय, राँची द्वारा संचालित कृषि स्नातक प्रतिष्ठा पाठ्यक्रम(बीएससी इन एग्रीकल्चर ऑनर्स) रोजगारपरक और उद्यमिता से जुड़ा पाठ्यक्रम है। कृषि शिक्षा के प्रति युवाओं रुझान बढ़ा है । इसके पीछे इसमें छिपी भरपूर संभावनाएं है। रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम होने के साथ साथ इस पाठ्यक्रम की मुख्य विशेषता उद्यमिता और स्वरोजगार के लिये भरपूर अवसर सामने आये है। झारखण्ड राय विश्वविद्यालय, राँची द्वारा संचालित कृषि स्नातक प्रतिष्ठा पाठ्यक्रम 4 वर्षीय पाठ्यक्रम है जिसमें झारखण्ड के अलावा बिहार, बंगाल और उडीसा जैसे सीमावर्ती राज्यों के छात्र भी आकार पढ़ाई करते है। सीमावर्ती राज्यों से पढ़ाई करने आने का मुख्य कारण यहाँ कि गुणवत्तापूर्ण और व्यावहारिक तकनिकी शिक्षा पर जोर है। नियमित कक्षा, सेमेस्टर सिस्टम, समय पर परीक्षा और परिणाम का प्रकाशन बाहरी छात्रों कों आकृष्ट करता है।
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विश्वविद्यालय के राँची, नामकुम प्रखंड में स्थायी कैम्पस संचालित है जहाँ 20 एकड़ के भू-भाग पर छात्रों के लिये कृषि कि सैधांतिक पढ़ाई के साथ व्यावहारिक प्रशिक्षण कि व्यवस्था कि गयी है । गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रति संकल्पित विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर में अनुभवी शिक्षक पदस्थापित है जिनका इस क्षेत्र में लंबा अनुभव विद्यार्थियों के लिये लाभदायक साबित होता रहा है। विभाग के सभी शिक्षक कृषि विषय में डॉक्टरेट कि डिग्री प्राप्त किये हुए है जो राज्य में संचालित अन्य किसी विश्वविद्यालय या कॉलेज में यदा कदा ही देखने को मिलती है।बीएससी इन एग्रीकल्चर (ऑनर्स) पाठ्यक्रम भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के पांचवीं डीन रिपोर्ट कि अनुसंशाओं के अनुसार तैयार कि गयी है ।
सिलेबस में मूल विषय कृषि- वानिकी के साथ लाइफ स्किल और सामाजिक शिक्षा का समावेश किया गया है। विश्वविद्यालय कैम्पस में छात्रों को कृषि की व्यावहारिक जानकारी के तहत 6 महीने के एक्सपेरिमेंटल लीर्निंग प्रोग्राम(ELP) और 6 महीने का रूरल एग्रीकल्चर वर्क एक्सपेरिएंस रावे प्रोग्राम के तहत कार्य करना पडता है यह पुरी तरह आवासीय तकनिकी प्रशिक्षण कार्यक्रम है जिसमें कैम्पस में प्राप्त किये गए व्यवहारिक शिक्षा को गाँव में रहते हुए किसानों के साथ खेतों में जाकर करना होता है। रावे और इएलपी कार्यक्रम दो तरफ़ा संचार प्रक्रिया है जिसमें किसान और विद्यार्थी सामुहिक कृषि कार्य करते हुए एक दुसरे कों सैधांतिक और व्यवहारिक जानकारी से अवगत कराते है ।
विद्यार्थियों कों 4 वर्ष के पाठ्यक्रम दौरान सैधांतिक और व्यावहारिक प्रशिक्षण और ज्ञान के साथ विभाग द्वारा कृषि बाजार और उपज से जुड़ी समस्याओं से भी अवगत कराने का कार्य किया जाता है। पढ़ाई के दौरान प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद विद्यार्थी विभाग द्वारा आवंटित भूमि पर अपनी पसंद के कृषि कार्य करते है और फिर उसकी बाजार व्यवस्था और बिक्री से जुड़ी समस्याओं का अध्ययन करते हुए फसल से प्राप्त आय और समस्याओं से अवगत भी कराते है ।
झारखण्ड राय विश्वविद्यालय के नामकुम कैम्पस में विश्वस्तरीय हाईड्रोफोनिक्स तकनीक से सुसज्जित लैब स्थापित है जिसमें छात्रों को जल कृषि तकनीक कि जानकारी, प्रशिक्षण और प्रमाणपत्र भी उपलब्ध कराया जाता है।
पाठ्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों को राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) और निगमित सामाजिक दायित्व (CSR) के तहत भी कार्य करने होते है । विश्वविद्यालय के कृषि विभाग से प्रति वर्ष एनएसएस में शामिल विद्यार्थियों में से 3 छात्र और 3 छात्रों का चयन पूर्व गणतंत्र दिवस परेड कैम्प के लिये चयन होता रहा है। कृषि विभाग के विद्यार्थिओं का वर्ष में दो बार अन्य प्रदेशों में एडुकेशनल टूर का आयोजन किया जाता है जिसमें वे देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों, कृषि अनुसंधान केन्द्रों और शोध संस्थानों का भ्रमण करते है और उसपर अपनी रिपोर्ट जमा करते है।
विश्वविद्यालय अपने एकेडमिक कार्यक्रमों के तहत सभी विभागों में नियमित अतिथि व्याख्यान, सेमिनार, वर्कशॉप, इन्डस्ट्री विजिट और विषय से जुड़ी बड़ी हस्तिओं से छात्रों का परिचय कार्यक्रम का आयोजन करता रहता है। विश्वविद्यालय में आयोजित वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता कृषि खेल और वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम गूंज और तरंग के जरिये विद्यार्थी भारतीय कृषि परंपरा से सभी को अवगत कराने का कार्य करते है ।
पढ़ाई शुरू करने के बाद विद्यार्थियों को रोजगार से जोड़ने के लिये कैम्पस प्लेसमेंट कि व्यवस्था भी है विश्वविद्यालय का अपना प्लेसमेंट सेल है जो उन्हें जॉब दिलाने का कार्य करता है। पिछले वर्ष विभाग में 17 प्रतिष्ठित कंपनियों ने आकर छात्रों का चयन किया. इनमें कोरोमंडल इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड, यूपीए, सारदा, पान सिड शामिल है। यहाँ से स्नातक शिक्षा प्राप्त किये छात्र देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहें है और राज्य के साथ विश्वविद्यालय का नाम आगे ले जाने का काम कर रहें है।