झारखण्ड राय विश्वविद्यालय के आईइसी कौंसिल, ट्राईबल वेलफेयर एंड इंटरप्रेनरशीप काउंसिल और विकी के सहयोग से आयोजित आईडिया पिचिंग कांटेस्ट में देश भर से प्राप्त हुई प्रविष्टियाँ ।
झारखण्ड राय विश्वविद्यालय और ट्राईबल वेलफेयर एंड इंटरप्रेनरशीप काउंसिल, विमेंस चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (WICCI) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ऑनलाइन आईडिया पिचिंग कांटेस्ट में अंतिम चयनित 15 नवीन विचारो का जूरी के सामने प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता में देश भर से एकल और ग्रुप में कुल 60 प्रविष्टियाँ प्राप्त हुई थी जिनमें से 15 को प्रदर्शन के लिये चयनित किया गया था। इस अवसर पर ऑब्जर्वर के तौर पर झारखण्ड राय विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. सविता सेंगर, स्टील ऑथोरिटी इंडिया लिमिटेड (सेल) की कार्यकारी अध्यक्ष(एचआरडी) मीनाक्षी रमण और जूरी सदस्य के तौर पर एचइसी के पूर्व चैयरमैन और मैनेजिंग डाईरेक्टर प्रो. अभिजीत घोष, प्रसिद्द प्रबंधन सलाहकार और रणनीतिकार संजय सेंगर, एक्सआईएसएस के इंटरप्रेनरशीप डेवेलोपमेंट प्रोग्राम के विभागध्यक्ष प्रो. हरप्रीत सिंह अहलुवालिया उपस्थित थे। आईडिया पिचिंग के बाद जूरी मेंबर ने सवाल जवाब सत्र के दौरान इन विचारों की सफलता और उनके फलीभूत होने से जुड़े सवाल भी प्रतिभागियों से किये. आखिर में विजेताओं के नाम का ऐलान किया गया जिसमें कीड़ा जड़ी मशरूम उत्पादन और बिक्री से जुड़े विचार को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। यह विचार झारखंड राय विश्वविद्यालय की छात्रा एकता कुमारी और वैभवी कुमारी ने प्रदर्शित किया गया । दूसरा पुरस्कार इको फ्रेंडली ओरल केयर स्टार्टअप को दिया गया जिसे संत जेवियर्स कॉलेज राँची के तशीनअफरोज और आशुतोष नारायण सिंह ने प्रस्तुत किया ।
विमेंस इंडियन चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (विकी), ट्राइबल वेलफेयर एंड इंटरप्रेन्योरशिप कौंसिल देश की आदिवासी महिलाओं को उद्यमिता और नवाचार से जुड़े कार्यो के लिए प्रेरित करने एवं उनके सामाजिक- आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है। विकी की स्थापना ऑल लेडीज लीग (ALL) और वीमेन इकनोमिक फोरम (WEF) की तर्ज पर हुआ है। इसके वैश्विक दायरे और संपर्क का लाभ महिलाओं मिलता रहा है। संस्था ने अपने प्रयासों से महिलाओं को व्यापार और बाजार से जुड़े कार्यो को करने के लिए प्रेरित किया है, आत्मनिर्भर बनने, स्वयं निर्णय लेने की क्षमता विकसित करने एवं उद्यमिता और नवाचार से जुड़े कार्यों को करने के लिए प्रोत्साहित किया है।
ट्राइबल वेलफेयर एंड इंटरप्रेन्योरशिप कौंसिल, विकी के सेंटर फॉर एक्सीलेंस की तर्ज पर कार्य करते हुए देश की आदिवासी महिलाओं के सतत आजीविका संवर्धन और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए कार्य करता है। विकी के अखिल भारतीय संपर्क के जरिये कौंसिल आदिवासी महिलाओं को जोड़ने का कार्य करती है। इनके सामाजिक आर्थिक विकास के लिए समय- समय पर परामर्श , प्रशिक्षण भी दिया करती है। उत्पादों का मानदंड और प्रमाणीकरण निर्धारित करने एवं वैश्विक स्तर के उत्पाद के तौर पर पहचान दिलाने में मदद करती है। कौंसिल के प्रमुख कार्यों में जनजातीय समाज के प्राचीन ज्ञान और बुद्धिमत्ता को बनाये रखते हुए उत्तम कोटि केउद्यम, नवाचार,रचनात्मकता,उद्यमिता को बढ़ावा देना है।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. प्रो. पीयूष रंजन ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा की “आईडिया पिचिंग कांटेस्ट में देश भर के युवाओं कि द्वारा प्रस्तुत उद्यमिता से जुड़े नवीन विचार और कार्य प्रणाली का प्रदर्शन देखना एक उत्साहवर्धक और रोमांचक अनुभव रहा। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य नये विचारों कों मंच प्रदान करना और उनके उद्यमी विचारों को सफल होने में सहयोग करना है डॉ. रंजन ने प्रथम पुरस्कार के लिये विश्वविद्यालय कि छात्रा एकता कुमारी और वैभवी कुमारी कि भी प्रशंसा करते हुए कहा कि वर्ष 2019 में विश्वविद्यालय में इंस्टिटयूसन इनोवेशन काउंसिल कि स्थापना कि गयी जिसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों कों स्टार्टअप से जुड़े अवसरों से अवगत कराना था। उन्होंने कार्यक्रम के सफल संचलान और ऑनलाइन आईडिया पिचिंग कांटेस्ट कों सफल बनाने में मुख्य भूमिका निभाने के लिये लाइफ स्किल डिपार्टमेंट की प्रो. रश्मि राज के कार्यों कि प्रशंसा किया। डॉ. पीयूष रंजन ने जानकारी देते हुए बताया कि 5 दिसंबर को विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय इ-कांफ्रेंस का आयोजन किया जाना है जिसका उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत जनजातीय महिलाओं कों उद्यमिता और कौशल विकास के प्रति जागरूक करना है। “आईडिया पिचिंग कांटेस्ट के सफल आयोजन में विश्वविद्यालय में स्थापित इंस्टीटूशन इनोवेशन कौंसिल का भी सहयोग मिला। कौंसिल के कन्वेनर प्रो. अमरेंद्र की आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका थी।