Tag Archives: FIRSTAID COUNCIL OF INDIA

IMG-20220523-WA0002

झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी और पारस हॉस्पिटल रांची के सहयोग से वर्कशॉप का आयोजन

झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी Jharkhand Rai University (JRU), Ranchi हेल्थ क्लब और पारस हॉस्पिटल एचईसी,रांची के सहयोग से “फर्स्ट ऐड इन इमरजेंसी एंड वोऊंड/ इंज्युरी मैनेजमेंट” विषय पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पारस हॉस्पिटल के यूनिट हेड ड़ॉ. नितेश कुमार और क्रटिकल केयर डिपार्टमेंट हेड ड़ॉ. शिव अक्षत उपस्थित थे।

वर्कशॉप के उद्घाटन अवसर पर मंच संचालन करते हुए सर्वप्रथम डिपार्टमेंट ऑफ़ फिजिओथेरपी Bachelor of Physiotherapy (BPT) – Jharkhand Rai University, Ranchi (jru.edu.in) के ड़ॉ ए.येशुदास (पीटी) ने उपस्थित अतिथियों का परिचय कराते हुए विस्तार पूर्वक फर्स्ट ऐड पर प्रकाश डाला। उन्होंने पारस हॉस्पिटल द्वारा दी जाने वाली सेवाओं और प्रशिक्षण से भी सभी को अवगत कराया। Physiotherapy Lab. – Jharkhand Rai University (JRU), Ranchi

Admission Open 2022-JRU

वर्कशॉप के प्रथम सत्र में ड़ॉ. शिव अक्षत ने प्राथमिक चिकित्सा (फर्स्ट ऐड) क्या है और यह नितांत आवश्यक क्यों है इस पर प्रकाश डाला उन्होंने कहा कि “चोट लगने के बाद व्यक्ति को अस्पताल ले जाने से पहले किए जाने वाले सहायक इलाज को प्राथमिक चिकित्सा कहते हैं।

ड़ॉ. अक्षत ने अपने संबोधन के दौरान प्राथमिक चिकित्सक के उद्देश्य,प्राथमिक चिकित्सा के एबीसी के साथ सीपीआर तकनीक का व्यावहारिक प्रर्दशन करवाकर विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया।

    प्राथमिक चिकित्सक के मुख्य उद्देश्य:

  • जान बचाना
  • स्थिति बिगड़ने से बचाना
  • ठीक होने में मदद करना
    प्राथमिक चिकित्सा के A B C:

  1. A (Air Way ) – श्वासन नली की जाँच
  2. B (Breathing) – साँस की जाँच
  3. C (Circulation) – परिसंचरण की जाँच

JRU Health Club (4)

CPR : यह एक आपातकालीन स्थिति में प्रयोग की जानेवाली प्रक्रिया है जो किसी व्यक्ति की धड़कन या साँस रुक जाने पर प्रयोग की जाती है। सीपीआर में बेहोश व्यक्ति को सांसे दी जाती हैं जिससे फेफड़ों को ऑक्सीजन मिलता है और साँस वापस आने तक या दिल की धड़कन सामान्य होने तक छाती को दबाया जाता है जिससे शरीर में पहले से मौजूद ऑक्सीजन वाला खून संचारित होने लगता है।

    CPR कब देना चाहिए :

    निम्नलिखित स्थितियों में सीपीआर देने की आवश्यकता हो सकती है।

  • अचानक गिर जाना
  • बेहोश हो जाना
  • साँस की समस्या
  • नब्ज का रुक जाना
  • करंट लगने पर
  • पानी में डूबना / ड्रग्स / धुएं के संपर्क में आना इत्यादि।

कार्यक्रम के समापन अवसर पर झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ पियूष रंजन ने धन्यवाद् ज्ञापन करते हुए उपस्थित अतिथियों का अभिवादन किया एवं वर्कशॉप आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए पारस हॉस्पिटल एचईसी का भी धन्यवाद् किया। डॉ. रंजन ने ड़ॉ. नितेश कुमार और ड़ॉ. शिव अक्षत को मोमेंटो देकर सम्मानित भी किया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में डिपार्टमेंट ऑफ़ फार्मेसी Bachelor of Physiotherapy (BPT) – Jharkhand Rai University, Ranchi (jru.edu.in) एवं डिपार्टमेंट ऑफ़ फिजिओथेरेपी के शिक्षकों Department of Pharmacy & Physiotherapy Jharkhand Rai University (jru.edu.in) एवं विद्यार्थियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।