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डिजिटल भुगतान की दिशा में भारत का भुगतान विजन 2025

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपना ‘पेमेंट विजन 2025’ दस्तावेज जारी किया है जिसका लक्ष्य डिजिटल भुगतान में तीन गुना वृद्धि करना है। यह केंद्रीय बैंक डेबिट कार्ड के इस्तेमाल को बढ़ावा देगा तथा नकदी के चलन को कम करने पर जोर देगा। इस दस्तावेज में उभरते भू-राजनीतिक जोखिमों को देखते हुए घरेलू भुगतान प्रणालियों की सुरक्षा के बारे में भी बात की गई है, जिसमें भुगतान लेनदेन के घरेलू प्रसंस्करण को अनिवार्य करने की जरूरत शामिल है। RBI ने हर उपयोगकर्ता को सुरक्षित, तीव्र, सुलभ और किफायती ई भुगतान सुविधा उपलब्ध करने के उद्देश्य से डिजिटल पेमेंट विजन 2025 प्रस्तुत किया है।

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विजन दस्तावेज का मुख्य विषय – ई-भुगतान सभी के लिए, सभी जगह, हर वक्त है। इसका समग्र उद्देश्य प्रत्येक उपयोगकर्ता को सुरक्षित, तेज, सुविधाजनक, सुलभ और किफायती ई-भुगतान विकल्प देना है।केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि पेमेंट विजन 2025 विभिन्न हितधारकों के सुझाव और आरबीआई की भुगतान तथा निपटान प्रणाली का विनियमन और पर्यवेक्षण बोर्ड के मार्गदर्शन के आधार पर तैयार किया गया है।

भुगतान विज़न 2025 के 5 लक्ष्य निर्धारण हैं : दस्तावेज़ की समग्रता, समावेश, नवाचार, संस्थागतकरण और अंतर्राष्ट्रीयकरण ।

RBI PV 2025 4E का थीम

  • ई – पेमेंट्स फॉर एवरीवन,एवरीवेयर, एवरीटाइम
  • डिजिटल भुगतान की दिशा में भारत का भुगतान विजन 2025

भुगतान विज़न 2025 पहल का महत्व

  • सभी भुगतान अभिकर्ता के लिए एक मानदंड ।
  • भारतीय भुगतान प्रणालियों की वैश्विक पहुँच ।

इलाज से बेहतर सावधानी का सिद्धांत:

आज हमारे पास जो कानूनी उपाय हैं, वे डिजिटल लेन देन के खतरों से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।

भारत एक नकदी आधारित अर्थव्यवस्था रहा है। डिजिटल मुद्रा में स्थानांतरित करने के सरकार के प्रयासों के बावजूद, आम लोग आज भी नकदी में विश्वास करते हैं। एक डेटा के अनुसार 2020 में भारत की 53% आबादी इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले स्मार्टफोन का इस्तेमाल करती है।

2023 में देश में राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल को ऑनलाइन डिजिटल भुगतान के धोखाधड़ी से जुड़ी 11 लाख शिकायतें मिलीं हैं जिनमें से 47% मामले UPI से धोखाधड़ी के हैं।