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डिप्लोमा माइनिंग इंजीनियरिंग : पीडीपीटी ट्रेनिंग से कोल इंडिया में ओवरमैन की नौकरी पाना होगा आसान

भारत की माइनिंग इंडस्ट्री 7 लाख से अधिक लोगों को रोज़गार मुहैया करवाती है । देश के जीडीपी में माइनिंग इंडस्ट्री का कुल योगदान लगभग 2.5 फीसदी है । अगर आप भी माइनिंग इंजीनियर बनने का सपना रखते है तो यह एक बेहतरीन कोर्स है। डिप्लोमा कोर्स(डिप्लोमा इन माइनिंग इंजीनियरिंग) 3 वर्षीय पाठ्यक्रम है। प्राइमरी लेवल इंट्री के लिए बेस्ट ऑप्शन है । इसे करने के बाद माइनिंग ओवरमैन, माइनिंग सरदार जैसे पद पर कार्य कर सकते है।

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डिप्लोमा इन माइनिंग इंजीनियरिंग :
माइनिंग इंजीनियरिंग करने वाले विद्यार्थियों की पहली पसंद डिप्लोमा माइनिंग इंजीनियरिंग है। तीन साल के इस कोर्स में दो बार वोकेशनल ट्रेनिंग होती है। डिप्लोमा कोर्स और ट्रेनिंग को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद माइनिंग सेक्टर के एंट्री लेवल पर निकलने वाले आवेदन आप भरने की अर्हता रखते है।

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डिप्लोमा माइनिंग इंजीनियरिंग से जुडी जानकारी

बीटेक माइनिंग इंजीनियरिंग:
बीटेक माइनिंग इंजीनियरिंग 4 वर्षीय पाठ्यक्रम है जिसे पूरा करने के बाद आप जूनियर इंजीनियर के तौर पर माइनिंग इंडस्ट्री ज्वाइन कर सकते है और मेहनत और लगन के साथ काम करते हुए कुछ ही वर्षों में उच्चतम वेतनमान प्राप्त कर सकते है।

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PDPT ट्रेनिंग: पीडीपीटी का पूरा नाम पोस्ट डिप्लोमा प्रैक्टिकल ट्रेनिंग है। डिप्लोमा कोर्स करने के बाद विद्यार्थियों को 1 साल का अंडरग्राउंड ट्रेनिंग करना पड़ता है, इसी प्रशिक्षण को पीडीपीटी ट्रेनिंग कहा जाता है। इस प्रशिक्षण के दौरान ट्रेनिंग में शामिल विद्यार्थियों को छात्रवृति भी मिलती है।

पीडीपीटी ट्रेनिंग का संचालन बोर्ड ऑफ़ प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (BOPT) करता है। डिप्लोमा माइनिंग इंजीनियरिंग करने वाले विद्यार्थियों को पीडीपीटी ट्रेनिंग के अलावा गैस टेस्टिंग, लैम्प हैंडलिंग और फर्स्ट ऐड सर्टिफिकेट की परीक्षा भी पास करनी होती है। इन सभी कार्यों का संचालन अधिकार डायरेक्टर जनरल ऑफ़ माइंस सेफ्टी (DGMS) के द्वारा किया जाता है। इसका मुख्यालय धनबाद (झारखंड) में है और इसका नेतृत्व खान सुरक्षा महानिदेशक करते हैं।

इन सभी सर्टिफिकेट को प्राप्त करने के बाद डिप्लोमा सर्टिफिकेट के साथ इसे डीजीएमएस धनबाद के कार्यालय में जमा करना होता है। आवेदन और प्रमाणपत्र जमा करने के बाद ओवरमैन का सर्टिफिकेट प्राप्त होता है। इसे प्राप्त करने के बाद आप पूरी तरह से ओवरमैन कहलाने लगते है और जूनियर ओवरमैन, माइनिंग सरदार के पद पर नौकरी के लिए आवेदन कर सकते है। प्रति वर्ष कोल् इंडिया की आनुषंगिक इकाइयां CCL, BCCL, ECL, NCL, WCL, MCL ओवरमैन पदों नियुक्ति प्रकाशित करता है।