बौद्धिक संपदा (आईपी) दिमाग की रचनाओं से संबंधित है, जैसे आविष्कार, साहित्यिक और कलात्मक कार्य, डिजाइन और व्यापार में उपयोग किए जाने वाले प्रतीक, नाम और चित्र आदि। मौलिकता और रचनात्मकता की रक्षा और संरक्षण के लिए किया जाने वाले कार्य पेटेंट कहलाता है। पेटेंट एक शब्द है जिसका उपयोग भौतिक आविष्कारों और बौद्धिक संपदा दोनों पर लागू होता है। एक पेटेंट किसी उत्पाद को बनाने और बेचने का अधिकार नहीं देता है; बल्कि यह दूसरों को अपने स्वयं के मौद्रिक लाभ के लिए एक आइटम या अपनी खुद की बौद्धिक संपदा के एक टुकड़े के उत्पादन पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार देता है।
झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी https://www.jru.edu.in/ ने अकादमिक क्षेत्र में शोध और अन्वेषण के साथ बौद्धिक संपदा अधिकार को बढ़ावा देते हुए अपने शिक्षकों के मौलिक कार्यों को पेटेंट करवाने और इसके प्रचार प्रसार को बढ़ावा दिया है। विश्वविद्यालय के 7 शिक्षकों ने अभी तक अपने कार्यों का पेटेंट करवाया है और अन्य सहयोगियों के प्रेरणाश्रोत साबित हुए हैं।
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- डॉ. अमृता मजूमदार: डॉ. अमृता झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ़ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट में प्रोफसर है और वर्तमान में डिप्युटी रजिस्ट्रार के पद पर अपना योगदान दे रही है। उन्होंने “ए सिस्टम फॉर प्रोवाइडिंग एन इंटरफ़ेस फॉर एन इफेक्टिव कम्युनिकेशन इन इम्प्रोविंग एम्प्लॉय मोरल ” और “एन इम्पैक्ट ऑफ़ ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट (एच आर एम ) ऑन एम्प्लॉय परफॉर्मेंस” विषय पर अपना अविष्कार निबंधित कराया है।
- डॉ. श्रद्धा प्रसाद: झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी की डिप्युटी रजिस्ट्रार (ऐकडेमिक ) और साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. श्रद्धा प्रसाद ने बायो टेक्नोलॉजी में ” कंटीन्यूअस हेल्थ मॉनिटरिंग एंड कंडीशनिंग ऑफ़ अपरूटेड ट्री ड्यू टू साइक्लोन व्हेन रेप्लांटेशन” विषय पर पेटेंट प्राप्त किया है।
- प्रो.कुमार अमरेंद्र: विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ़ कंप्यूटर साइंस एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी में कार्यरत प्रो. अमरेन्द ने दो पेटेंट अपने नाम किया है। उन्होंने “सीवी बेस्ड एक्सीडेंट अवॉयडेंस सिस्टम थ्रू वीडियो सर्विलांस यूजिंग डीप लर्निंग अल्गोरिथम” पर पेटेंट प्राप्त किया है।
- प्रो. अनुराधा शर्मा: डिपार्टमेंट ऑफ़ कंप्यूटर साइंस एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी की कोर्डिनेटर प्रो. अनुराधा ने प्रो. अमरेंद्र के साथ इस पर संयुक्त रूप से पेटेंट प्राप्त किया है जो ” आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस एंड आयोटी बेस्ड इंटेलिजेंस ऑटोमेशन (होम)यूजिंग वाई -फाई एंड एंड्रॉएड एप्लीकेशन” पर है।
- प्रो. सृजानी दासगुप्ता: डिपार्टमेंट ऑफ़ फार्मेसी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत प्रो. दासगुप्ता ने “आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस सिस्टम एम्बेडेड विथ प्लूरालिटी सेंसर्स मॉनिटरिंग एंड फॉर प्रिडिक्शन एंड डिटेक्शन ऑफ़ हार्ट डिजीज ” पर पेटेंट प्राप्त किया है।
- सौरभ ख्वास: डिपार्टमेंट ऑफ़ फार्मासूटिकल्स साइंस में लेक्चरर के पद पर अपना योगदान दे रहे सौरभ ख्वास ने ” इवैल्यूएशन ऑफ़ ए रीकंस्टीट्युएबल ड्राई सस्पेंशन टू इम्प्रूव द डिसॉलूशन ऑफ़ पूवर्ली वाटर सॉल्यूबल सेलेकॉसिब ” पर अपना पेटेंट प्राप्त किया है।
- जय चंद्रा: डिपार्टमेंट ऑफ़ फार्मासूटिकल्स साइंस में लेक्चरर के पद पर अपना योगदान दे रहे जय चंद्रा ने इवैल्यूएशन ऑफ़ ए रीकंस्टीट्युएबल ड्राई सस्पेंशन टू इम्प्रूव द डिसॉलूशन ऑफ़ पूवर्ली वाटर सॉल्यूबल सेलेकॉसिब ” पर अपना पेटेंट प्राप्त किया है।
पिछले कुछ वर्षों में पेटेंट को लेकर देश में संवेदनशीलता बढ़ी है। इसके लिए सरकारी स्तर भी काफी प्रचार प्रसार किया गया है। पेटेंट की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया अपनायी गयी है और विधिक दिक्कतों को न्यूनतम करने का कार्य किया गया है। भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतगत कार्यरत संस्था
इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी इंडिया इस प्रकार के कार्यों के लिए दायित्व निभाता है। भारतीय पेटेंट कार्यालय से मान्यता प्राप्त पेटेंट एजेंट पेटेंट प्राप्त करने में सहायता करते है और एक निश्चित शुल्क अदा कर पेटेंट प्राप्त किया जा सकता है।