दीपोत्सव :पंचतत्वों का प्रतीक मिट्टी का दीया , रंगोली से मां लक्ष्मी होती हैं प्रसन्न

रोशनी, उमंग का त्योहार दिपावली हर साल कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन लक्ष्मी पूजा की जाती है। इस बार दीपोत्सव यानी दीपावली 24 अक्टूबर 2022 को है । दीपो का यह पर्व हर साल हमारे देश में धूमधाम सा मनाया जाता है। दीपावली पर मिट्टी के दीपक जलाने से घर का वातावरण सकारात्मक रहता है, उत्सव मनाने का उत्साह बढ़ता है, दीपों से घर में उत्सव का वातावरण बन जाता है। मिट्टी के दीपक पंचतत्वों के प्रतीक होते हैं। दीपक बनाने में पृथ्वी, आकाश, वायु, जल और अग्नि, इन पांचों तत्वों का इस्तेमाल होता है। इन पंच तत्वों से ही हमारा शरीर और पूरी प्रकृति बनी है। जलते हुए दीपक हमें संदेश देते हैं कि इन पांच तत्वों से ही अंधकार दूर होता है, हमें इन पंच तत्वों का अनादर नहीं करना चाहिए।

इस दिन लोग कई तरह से अपने घर को सजाते हैं। सजावट के समय लोग अपने घरों में कई तरह से रंगोली भी बनाते हैं। रंगोली बनाने की परंपरा हमारे देश में बहुत पुरानी है। इस परंपरा को हमेशा से शुभ माना जाता है। रंगोली’ दो शब्दों से मिलकर बना है पहला ‘रंग’ और दूसरा ‘अवल्ली’ जिसका अर्थ रंगों की पंक्ति होता है।

झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी कल्चरल क्लब ने भी 22 अक्टूबर को कैम्पस में दीपोत्सव का आयोजन किया है। दीपोत्सव को लेकर तैयारी शुरू कर दी गयी है। रंगोली से कैम्पस को सजाया जा रहा है। 22 अक्टूबर से दीपोत्सव शुरू हो रहा है और शाम को विद्यार्थियों के द्वारा दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा ।