केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की दसवीं व बारहवीं की परीक्षा में अब अधिक योग्यता आधारित अधिक बहुविकल्पीय (एमसीक्यू) प्रश्न पूछे जाएंगे। वहीं, लघु व दीर्घ प्रश्नों के पूर्णांक कम होंगे। बोर्ड ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों के आधार पर यह बदलाव किए हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने पिछले दिनों नेशनल कॅरिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) का प्री-ड्राफ्ट जारी किया था जिसमें 12वीं की बोर्ड परीक्षा को दो टर्म में लेने का प्रस्ताव है।10वीं-12वीं के नतीजों में पिछली कक्षाओं के अंक जोड़ने की सिफारिश भी की गई है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को ध्यान में रखकर तैयार इस फ्रेमवर्क में साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स के विभाजन को भी खत्म करने का प्रस्ताव है।
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इसरो के पूर्व चेयरमैन के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति ने मसौदा जारी कर सभी हितधारकों के सुझाव मांगे हैं। शिक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, यह एनसीएफएसई का पूर्व मसौदा है, जिसपर अभी नेशनल स्टीयरिंग कमेटी में कई दौर का विचार विमर्श बाकी है। अलग-अलग क्षेत्रों के साझेदारों के सुझाव एनएससी को विभिन्न बदलावों और दृष्टिकोणों के बारे में समालोचनात्मक रूप से विचार करने में मदद करेंगे।
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इधर सीबीएसई ने सत्र 2023-24 के लिए मूल्यांकन योजना को नया रूप दिया है। नई व्यवस्था अगले साल से नौवीं-दसवीं व 11वीं-12वीं की परीक्षाओं पर लागू होगी।10वीं में योग्यता आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों का वेटेज 50 फीसदी और बारहवीं में 40 फीसदी होगा। दसवीं में लघु और दीर्घ उत्तर प्रकार के प्रश्नों का वेटेज 30 प्रतिशत होगा।
वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का वेटेज 20% होगा। बारहवीं कक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रश्न 20% वेटेज के साथ अनिवार्य रूप से एमसीक्यू में होंगे। 12वीं में लघु उत्तरीय व दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों का वेटेज 40% होगा। बोर्ड ने 2023-24 की परीक्षाओं के लिए सैंपल पेपर और प्रत्येक विषय के प्रश्न पत्रों के डिजाइन को जारी किया है।