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झारखंड राय विश्वविद्यालय, रांची में 1 साल का एलएलएम कोर्स प्रारंभ

एलएलएम कोर्स की संक्षिप्त जानकारी :
LLM जिसका पूरा नाम मास्टर ऑफ़ लॉज़ है कानून में स्नातकोत्तर डिग्री है। इसे कानून के विशिष्ट क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करने करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह कोर्स कानूनी सिद्धांतों की गहन समझ विकसित सहायक है साथ ही शोध और विश्लेषणात्मक कौशल को बढ़ावा देता है। एलएलएम करने के लिए बी ए एलएलबी अथवा एलएलबी होना आवश्यक शर्त है।

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एलएलएम (LLM) का फुल फॉर्म क्या है?
एलएलएम का फुल फॉर्म है मास्टर ऑफ़ लेजिस्लेटिव लॉ. LLM को मास्टर्स ऑफ लॉ या लैटिन लेगम मैजिस्टर के रूप में भी जाना जाता है। इसे सफलतापूर्वक पूरा करने पर आपको विशेष प्रोफाइल के जॉब्स उपलब्ध होते हैं।

एलएलएम कितने साल का होता है?
एलएलएम कोर्स के बारे में अब तक जानकारी यही है की यह 2 वर्षीय पाठ्यक्रम है। लेकिन राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने कानून की पढ़ाई और इस कोर्स में बदलाव को लेकर कई सुझाव दिया है। एनइपी 2020के सुझावों पर अमल करते हुए देश के कई प्रतिष्ठित कॉलेजों और विश्वविद्यालयों ने अपने यहाँ 1 वर्षके एलएलएम कोर्स को प्रारम्भ किया है। झारखंड राय विश्वविद्यालय , रांची के फैकल्टी ऑफ़ लीगल स्टडीज में सफलतापूर्वक संचालित हो रहे बी ए एलएलबी और एलएलबी कोर्स के बाद अब 1 वर्षीय एलएलएम कोर्स प्रारम्भकिया गया है।

क्या आप 1 साल में एलएलएम करना चाहते हैं?
यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है अगर आप पहले से ही कानून की बुनियादी समझ रखते हैं और किसी विशिष्ट क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करना चाहते हैं तो यह आपके लिए बढ़िया विकल्प है।

1 साल के एलएलएम से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी :

  • यह कोर्स एक साल में पूरा किया जा सकता है और यह उन छात्रों के लिए उपयुक्त है जो पहले से ही एलएलबी की डिग्री धारक हैं।
  • आप किसी विशेष कानूनी क्षेत्र जैसे कि कॉर्पोरेट कानून, अंतरराष्ट्रीय कानून, या मानवाधिकार कानून में विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं।
  • इस कोर्स के पूरा होने के बाद आप विभिन्न प्रकार के कानूनी करियर में प्रवेश कर सकते हैं।

1 साल का एलएलएम करने के फायदे :

  • समय की बचत: यदि आप जल्दी से किसी विशिष्ट क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करना चाहते हैं, तो यह एक अच्छा विकल्प है।
  • कॉस्ट-इफेक्टिव: आमतौर पर दो साल के एलएलएम कोर्स की तुलना में यह कोर्स कम खर्चीला होता है।
  • करियर में तेजी: यह आपको अपने करियर में तेजी से आगे बढ़ने में मदद कर सकता है।

1 साल का एलएलएम करने के लिए योग्यता:

  • एलएलबी: आपके पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री होनी चाहिए।
  • अच्छे अंक: अधिकांश विश्वविद्यालयों में न्यूनतम प्रतिशत के साथ एलएलबी पास होना आवश्यक होता है।

1 साल का एलएलएम के बाद करियर अवसर :

  • कॉर्पोरेट कानून: आप किसी कंपनी में कानूनी सलाहकार के रूप में काम कर सकते हैं।
  • सरकारी नौकरी: आप सरकारी विभागों में वकील या कानूनी अधिकारी के रूप में काम कर सकते हैं।
  • अकादमिक करियर: आप किसी विश्वविद्यालय में लेक्चरर या प्रोफेसर बन सकते हैं।
  • स्वतंत्र अभ्यास: आप अपना खुद का कानूनी अभ्यास शुरू कर सकते हैं।

1 साल का एलएलएम करने के कई फायदे हैं:

  • विशेषज्ञता: आप कानून के किसी एक खास क्षेत्र में गहराई से ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं, जैसे कॉर्पोरेट लॉ, अंतरराष्ट्रीय कानून, या मानवाधिकार।
  • करियर के अवसर: एलएलएम करने से आपके करियर के अवसर बढ़ जाते हैं। आप विशेषज्ञ वकील, कानूनी सलाहकार, या शोधकर्ता बन सकते हैं।
  • अच्छी नौकरी: एलएलएम करने वालों को आमतौर पर अच्छी नौकरी मिलती है और वे अधिक वेतन पा सकते हैं।
  • अनुसंधान: आप कानून के किसी विषय पर गहन शोध कर सकते हैं और अपनी समझ को और बेहतर बना सकते हैं।
  • व्यक्तित्व विकास: एलएलएम करने से आपका व्यक्तिगत विकास होता है और आप एक बेहतर कानूनविद बनते हैं।

क्यों करें 1 साल का LLM कोर्स ?

  • यदि आप कानून के किसी एक खास क्षेत्र में विशेषज्ञ बनना चाहते हैं।
  • यदि आप अपने करियर के अवसरों को बढ़ाना चाहते हैं।
  • यदि आप अच्छी नौकरी चाहते हैं।
  • यदि आप कानून के बारे में गहराई से जानना चाहते हैं।

एलएलएम करते समय इन बातों का रखें ध्यान ?

  • एलएलएम करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आप किस क्षेत्र में विशेषज्ञ बनना चाहते हैं।
  • एक अच्छे कॉलेज या विश्वविद्यालय का चुनाव करें। एलएलएम के दौरान मेहनत से पढ़ाई करें।
  • 1 साल का एलएलएम करना आपके करियर के लिए एक अच्छा निवेश हो सकता है। यदि आप कानून के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं, तो एलएलएम आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
  • अधिक जानकारी के लिए दिए गए लिंक को क्लिक करें : https://www.jru.edu.in/programs/department-of-law/llm/
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बिजनेस की दुनिया में बनाना है कॅरियर तो B.Com कोर्स देगा मजबूत आधार

करियर की चिंता किसे नहीं होती छात्र हमेशा ऐसे ऑप्शन की तलाश में होते हैं जिससे उन्हें उनका भविष्य सुनहरा दिखे। इसके लिए वे दिन रात मेहनत करते हैं, पर जानकारी के अभाव में उन्हें सफलता नहीं मिल पाती। आइए जानते हैं कि B.com क्यों करना चाहिए।

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बी कॉम एक ऐसा कोर्स जो आपको बिजनेस की दुनिया में एक मजबूत आधार प्रदान करता है। अगर आप व्यापार, लेखा, वित्त या उद्यमिता के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं, तो यह आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है।

बीकॉम क्यों करें?

12वीं के बाद किसी प्रोफेशनल कोर्स या कॉलेज की पढ़ाई को लेकर चर्चा शुरू हो जाती है। अधिकतर विद्यार्थी इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि कौन सा कोर्स किया जाए। 12वीं के बाद बीकॉम छात्रों के बीच एक पॉपुलर कोर्स है, स्टूडेंट इस कोर्स को करने में काफी दिलचस्पी रखते हैं। बी कॉम का पूरा नाम बैचलर ऑफ कॉमर्स होता है। यह एक अंडर ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स है। बीकॉम 12वीं पास करने के बाद किया जा सकता है। बीकॉम में आपको एकाउंटिंग कोर्स, बैंकिंग,फाइनेंस तथा इनकम, टैक्स, बिजनेस संबंधित पाठ पढ़ाया जाता है बीकॉम एक प्रोफेशनल डिग्री कोर्स है। यह 3 साल और 6 सेमेस्टर में विभाजित होता है।

B.Com करने के कुछ प्रमुख कारण :

  • व्यापक करियर विकल्प: बी कॉम करने के बाद आपके पास कई तरह के करियर विकल्प होते हैं। अकाउंटेंट, फाइनेंस मैनेजर, मार्केटिंग मैनेजर, कंसल्टेंट, या खुद का बिजनेस शुरू कर सकते हैं।
  • अच्छी नौकरी के अवसर: बी कॉम ग्रेजुएट्स के लिए नौकरी के अच्छे अवसर होते हैं। बड़ी कंपनियां और बहुराष्ट्रीय कंपनियां अक्सर बी कॉम ग्रेजुएट्स को नियुक्त करती हैं।
  • उच्च वेतन: B.Com एक अच्छा करियर बनाने में तो सहायक है हीं साथ ही एक अच्छा वेतन प्राप्त करने में भी मदद करता है।
  • व्यक्तिगत विकास: बी कॉम आपको विश्लेषणात्मक, संचार और निर्णय लेने के कौशल विकसित करने में मदद करता है। ये कौशल न केवल आपके करियर बल्कि आपके व्यक्तिगत जीवन में भी उपयोगी होते हैं।
  • आगे की पढ़ाई के लिए आधार: बी कॉम करने के बाद आप MBA, CA, CS या अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रम कर सकते हैं। यदि आप बिजनेस की दुनिया में एक सफल करियर बनाना चाहते हैं, तो बी कॉम आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है।
  • B.Com के बाद कॅरियर स्कोप : बी कॉम करने के बाद कोई भी विद्यार्थी आसानी से प्राइवेट और सरकारी सेक्टर में जॉब कर सकता है। बीकॉम करने के बाद निम्नलिखित पदों पर नौकरी कर सकते हैं :
    1. बिजनेस कंसलटेंट
    2. अकाउंटेंट
    3. जूनियर अकाउंटेंट
    4. अकाउंट मैनेजर
    5. अकाउंट एग्जीक्यूटिव
    6. कंसलटेंट
    7. ह्यूमन रिसोर्स मैनेजर
    8. सरकारी क्षेत्र में जाने वालों के लिए बीकॉम के बाद बैंकिंग रेलवे, पुलिस फोर्स, इनकम टैक्स ऑफिसर
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बी कॉम करना है ? जानिए कैसे करें बेस्ट कॉलेज का चुनाव

करियर की चिंता किसे नहीं होती छात्र हमेशा ऐसे ऑप्शन की तलाश में होते हैं जिससे उन्हें उनका भविष्य सुनहरा दिखे। इसके लिए वे दिन रात मेहनत करते हैं. लेकिन आज के दौर में केवल जानकारी से काम नहीं चलेगा। पसंदीदा सब्जेक्ट के साथ अच्छे कॉलेज का चुनाव भी जरूरी है। B.Com एक व्यावसायिक पाठ्यक्रम है। कॉमर्स, लॉ और मैनेजमेंट बैकग्राउंड के वैसे छात्र जो सीए, सीएस, आईसीडब्ल्यूए लेने के इच्छुक है उनके लिए यह पाठ्यक्रम एक मजबूत आधार प्रदान करता है। साथ ही, छात्रों को कर (टैक्स) परामर्श के क्षेत्र में विभिन्न पदों के लिए तैयार करता है।

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कॉलेज का चुनाव करते समय इन बातों का रखे ध्यान :

  • कोर्स का चुनाव और कॉलेज की रैंकिंग और एक्रीडेशन: कॉलेज या यूनिवर्सिटी को शॉर्टलिस्ट करते समय, सबसे पहले देखें कि उसे यूजीसी/ नैक जैसे संस्थानों से मान्यता मिली है या नहीं।
  • टीचर्स की गुणवत्ता: कॉलेज या यूनिवर्सिटी का चयन करने के बाद सबसे जरूरी बात यह जानना है की आपको पढ़ाने वाले टीचर्स अनुभवी और बेहतरीन हो।
  • कैंपस का माहौल: अगर आप दूसरे शहर में पढ़ाई करने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो यह देख लें कि कॉलेज/ कैंपस का माहौल कैसा है।
  • कॉलेज के विभाग: जिस कोर्स को आप ज्वाइन करने वाले हैं उस पर रिसर्च करें। स्टूडेंट फीड बैक को महत्व दें। क्या ये कॉलेज या यूनिवर्सिटी आपके विषय के लिए बेहतर जाना जाता है?
  • स्कॉलरशिप: कॉलेज या यूनिवर्सिटी मेधावी विद्यार्थियों को छात्रवृति देते है। कई संस्थानों में एक से ज्यादा स्कॉलरशिप का प्रावधान है जो आपके अकादमिक और अन्य क्षेत्रों में प्राप्त उपलब्धि से जुड़ा होता है। इसके बारे में अवश्य पता करें और आवेदन दें।
  • कॉलेज की सुविधाएं: एडमिशन लेने से पहले लैब्स, लाइब्रेरी और इंफ़्रास्ट्रक्चर की सुविधाएं कैसी हैं इसकी पड़ताल अवश्य करें।
  • प्लेसमेंट रिकॉर्ड की जानकारी: सबसे आखिर में लेकिन सबसे जरूरी है जानना की कॉलेज या यूनिवर्सिटी का प्लेसमेंट रिकॉर्ड कैसा है ? जिस विषय में आप एडमिशन लेने वाले हैं उसका पिछले कुछ सालों का रिकॉर्ड कैसा रहा है।
  • करियर काउंसलर की लें मदद: मन पसंद कोर्स,कॉलेज या यूनिवर्सिटी के चयन के बाद भी अगर मन में अगर कोई शंका हो तो काउंसलर से संपर्क करें। अधिकांश कॉलेज या यूनिवर्सिटी में काउंसलर नियुक्त होते है जो आपको सही और स्पष्ट जानकारी मुहैया कराने में मदद करते हैं। एक प्रोफेशनल करियर काउंसलर छात्रों के हितों, योग्यता और कौशल का आकलन करने में विशेषज्ञ होते हैं। वे आपकी क्षमता के अनुसार आपको सही कोर्स, कॉलेज और करियर चुनने में पूरी मदद करेंगे।कई सारे कॉलेज तो इंक्वायरी करने वाले स्टूडेंट्स को फ्री ऑनलाइन/ ऑफ लाइन काउंसलिंग की सुविधा भी प्रदान करते है।
  • बीकॉम कोर्स फायदे: बी कॉम का पूरा नाम बैचलर ऑफ कॉमर्स होता है। यह एक अंडर ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स है। बीकॉम 12th पास करने के बाद किया जा सकता है। यह एक प्रोफेशनल डिग्री कोर्स है। यह 3 साल और 6 सेमेस्टर में विभाजित होता है।

B.Com दो प्रकार का होता है:

  • बीकॉम जनरल
  • बीकॉम ऑनर्स

बीकॉम ऑनर्स विद्यार्थियों के बीच सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। इसमें आपको किसी एक सब्जेक्ट में स्पेशलाइजेशन करना होता है। इसलिए आप किसी भी सब्जेक्ट जैसे- अकाउंटिंग और फाइनेंस, इकोनॉमिक इन्वेस्टमेंट, मैनेजमेंट,बैंकिंग एंड फाइनेंशियल मार्केट, मार्केटिंग जैसे इत्यादि सब्जेक्ट में से किसी एक में स्पेशलाइजेशन करना होता है।

  • बीकॉम कोर्स करने के बाद, स्टूडेंट्स को बिजनेस और संबंधित क्षेत्रों की अच्छी जानकारी मिल जाती है। इस फील्ड में करियर बनाने के लिए ज़रूरी ज्ञान और कौशल मिलता है।
  • बीकॉम के बाद स्टूडेंट्स को अकाउंट , बिजनेस मैनेजमेंट ,कंपनी लॉ , टैक्स लॉ और बिजनेस चलाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के बारे में भी आवश्यक जानकारी प्राप्त होती है।
  • बीकॉम छात्रों को नौकरी बाजार में प्रतिस्पर्धी उम्मीदवार बनाने में सहयोग करता है।
  • बीकॉम करने के बाद, कई तरह के क्षेत्रों में करियर के रास्ते खुल जाते हैं।
  • बीकॉम एक ऐसा कोर्स है जिसे करने के बाद छात्रों को अच्छी तनख्वाह वाली नौकरियां मिलती हैं।
  • बीकॉम करने के बाद, छात्र CA, CMA या CS जैसी अतिरिक्त योग्यता वाली परीक्षाएं दे सकता है।
  • बीकॉम करने के बाद, छात्रों के पास अपना खुद का व्यवसाय या फर्म शुरू करने का विकल्प भी होता है।
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झारखंड राय विश्वविद्यालय में “अंग दान एवं अंग प्रत्यारोपण से जुड़े मिथक ” पर जागरूकता सत्र का आयोजन

झारखंड राय विश्वविद्यालय, राँची के प्रबंधन विभाग, साइंस क्लब और हेल्थ क्लब के सौजन्य से “अंग दान एवं अंग प्रत्यारोपण से जुड़े मिथकों को दूर करने” विषय पर जागरूकता सत्र का आयोजन किया । कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अंग दान एवं प्रत्यारोपण जैसे महत्वपूर्ण विषय पर जागरूकता को बढ़ाना, छात्रों एवं संकाय सदस्यों को शिक्षित करना था। इस दौरान अंग दान एवं अंग प्रत्यारोपण से जुड़ी गलत धारणाओं को भी दूर करने का प्रयास किया गया जो अक्सर इस कार्य में बाधा बनती हैं।

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कार्यक्रम को राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज़ (RIMS) राँची में State Organ and Tissue Transplant Organization (SOTTO) के नोडल अफसर और सहायक प्राध्यापक डॉ० राजीव रंजन एवं एसओटीटीओ झारखंड की परामर्शदाता सुश्री साल्विया सर्ली ने संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान दोनों ने अंग दान और अंग प्रत्यारोपण से जुड़े मिथक और सच्चाइयों पर प्रकाश डालते हुए कहा की देश में दाताओं की कमी का एक कारण मिथक और गलत धारणाएं भी हैं। गलत धारणाएं लोगों को अंग दान करने से रोकती है।

    अंग दान से जुड़े मिथक :

  • अंग दान करने से शरीर विकृत हो जाता है:
    अंग दान करने से शरीर का स्वरूप नहीं बदलता. दान किए गए अंगों को शल्य चिकित्सा के ज़रिए निकाला जाता है, जिसका तरीका पित्ताशय की थैली या अपेंडिक्स को हटाने जैसा ही होता है. अंतिम संस्कार के लिए दान किए गए अंग को बदलने की ज़रूरत नहीं होती.
  • खुले ताबूत में अंतिम संस्कार नहीं किया जा सकता:
    अंगदान करने वाले के लिए भी खुले ताबूत में अंतिम संस्कार किया जा सकता है. दान किए गए अंगों के कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते.
  • अंग दान करने के लिए लाइसेंस की ज़रूरत होती है:
    ड्राइवर लाइसेंस के आवेदन या नवीनीकरण के फ़ॉर्म पर ‘हां’ पर निशान लगाकर, आप प्रत्यारोपण और अनुसंधान के लिए सभी अंगों, आंखों, और ऊतकों के लिए सहमति दे सकते हैं.
  • अंग दान करने से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं :
    सभी प्रमुख धर्मों में दान को दूसरों के प्रति अंतिम उदारता माना जाता है. अगर आपको किसी तरह की संशय है, तो आप अपने धार्मिक नेता से बात कर सकते हैं.
  • सेलिब्रिटी और अमीर लोगों को प्राथमिकता:
    अंग प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा सूची में शामिल होने के लिए, व्यक्ति को चिकित्सा डेटा प्रस्तुत करना होता है. इसके बाद, चिकित्सा ज़रूरत, रक्त और ऊतक का प्रकार, ऊंचाई, और वज़न के आधार पर अंग आवंटित किए जाते हैं । इस कार्य में अमीरों और सेलेब्रेटी को अधिक महत्त्व दिया जाता है।

डॉ० राजीव रंजन एवं सुश्री साल्विया सर्ली ने ऐसे कई विषयों पर अपने विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम के दौरान छात्रों और संकाय सदस्यों द्वारा उठाये गए विचारशील प्रश्न एवं विषय पर दृष्टिकोण से जुड़ी शंकाओं का इन्होंने समाधान किया जिससे अंगदान से जुड़े कलंक को तोड़ने के महत्व को बल मिला।

कार्यक्रम में हेल्थ साईंसेस के असोसिएट डीन डॉ० रणधीर कुमार गुप्ता ने वक्ताओं को पौधा देकर सम्मानित किया।

झारखण्ड राय विश्वविद्यालय में स्मार्ट इंडिया हैकेथान का आयोजन

झारखण्ड राय विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी संकाय एवं इंस्टीटूशन इनोवेशन कौंसिल (IIC) के संयुक्त तत्वावधान में स्मार्ट इंडिया हैकेथान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों के नवीन विचारों और समाधानों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करना था।

स्मार्ट इंडिया हैकेथान का आयोजन विद्यार्थियों में रचनात्मक सोच और नवीनता को बढ़ावा देने, प्रौद्योगिकी-संचालित समाधानों पर काम करने के लिए प्रोत्साहित करने एवं समस्या-समाधान के अंतःविषय सहयोग के लिए किया गया था।

हैकेथान में विभिन्न संकायों से 18 टीमों ने हिस्सा लिया जिसमें 91 प्रतियोगी शामिल थे। प्रतियोगियों को शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, कानूनी सुधार और सामाजिक कल्याण जैसे क्षेत्रों में समस्या विवरण समाधान विकसित करने का काम सौंपा गया था।

प्रत्येक दल को सेमिनार हॉल में जूरी के सामने अपने विचारों को प्रस्तुत करने का अवसर मिला। प्रतिभागियों ने मोबाइल एप्लिकेशन और एआई-संचालित प्लेटफार्मों से लेकर स्वास्थ्य सेवा समाधान और कानूनी तकनीकी उपकरणों तक के अभिनव समाधानों का प्रदर्शन किया। प्रस्तुति के बाद जूरी सदस्यों से विस्तृत प्रतिक्रिया भी प्राप्त हुई।

हैकेथान को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुल सचिव प्रो० डॉ. पीयूष रंजन ने छात्रों द्वारा प्रदर्शित रचनात्मकता और व्यावहारिक दृष्टिकोण की सराहना की। उन्होंने अन्य संकाय के विद्यार्थियों को आईटी विभाग के छात्रों के साथ मिलकर काम करने को कहा जिससे सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग उनके विचारों को परिष्कृत करते हुए एक उपकरण के रूप में प्रयोग किया जा सके। उन्होंने छात्रों को अंतःविषय सहयोग और तकनीकी एकीकरण पर जोर देने के साथ अपनी परियोजनाओं पर काम करना जारी रखने के लिए प्रेरित भी किया।

हैकेथान के समापन पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो० डॉ. पीयूष रंजन ने विजेता टीमों को उनके असाधारण प्रदर्शन और अभिनव समाधानों के लिए प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किया।

how to choose B. Com college that is right for your career needs

बी.कॉम कॉलेज कैसे चुनें जो आपके करियर की ज़रूरतों के लिए सही हो?

आपको एक ऐसे बी.कॉम कॉलेज की तलाश करनी चाहिए जिसका उद्देश्य छात्रों को न केवल विषय से संबंधित ज्ञान प्रदान करना है, बल्कि नई वैश्विक अर्थव्यवस्था की चुनौतियों का सामना करने के लिए नेतृत्व और पेशेवर कौशल में मौलिक आधार भी प्रदान करना है।

निर्णय लेने से पहले कुछ चीजें जांच लें बी.कॉम में प्रवेश लेने के लिए नीचे उल्लिखित विवरण दिए गए हैं:

  1. सुनिश्चित करें कि बी.कॉम कॉलेज में मजबूत अनुसंधान अभिविन्यास के साथ अनुभवी और उच्च योग्य संकाय सदस्य हैं। इससे उन्हें छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में मदद मिलती है।
  2. जांचें कि क्या संकाय सदस्यों के पास विभिन्न प्रकार का कॉर्पोरेट अनुभव भी है।
  3. सुनिश्चित करें कि कॉलेज उद्योग के पेशेवरों द्वारा नियमित विशेषज्ञ वार्ता आयोजित करता है।
  4. प्रवेश से पहले पूछें कि क्या छात्रों के संचार और आत्मविश्वास को बेहतर बनाने के लिए पीडीपी और सॉफ्ट स्किल व्याख्यान आयोजित किए जाते हैं।
  5. देखने के लिए विश्वविद्यालय परिसर में जाएँ यदि उनके पास अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा और सुविधाएं हैं।
  6. मौजूदा छात्रों से बात करें और पता करें कि क्या विश्वविद्यालय छात्रों को सीखने का उत्साहजनक माहौल प्रदान करता है।
  7. जांचें कि क्या उनके पास आईसीटी सुसज्जित व्याख्यान थिएटर और कंप्यूटर लैब जैसी सुविधाएं हैं।
  8. परामर्शदाता से पूछें कि क्या उनका बी.कॉम विभाग खेल, सांस्कृतिक गतिविधियों और अन्य कार्यक्रमों सहित विभिन्न पाठ्येतर गतिविधियों का संचालन करता है।
  9. पता करें कि क्या उनके पास आधुनिक शिक्षण-सीखने का माहौल है ऑडियो-विज़ुअल सुविधाएं।
  10. पूछताछ करें कि क्या वे साझेदार विश्वविद्यालयों/संस्थानों के साथ छात्र विनिमय कार्यक्रम का अवसर प्रदान करते हैं।
  11. अंत में, जांचें कि क्या वे छात्रों के लिए व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम प्रदान करते हैं।

तीन वर्षीय बी.कॉम पाठ्यक्रम

यह कार्यक्रम वाणिज्य के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए है जो व्यवसाय और वाणिज्य के क्षेत्र में विशेष ज्ञान के साथ अपनी पेशेवर क्षमता को ऊंचे स्तर पर ले जाना चाहते हैं।
वैश्विक व्यापार में लगातार बदलते परिवेश के संदर्भ में ज्ञान के वांछित स्तर को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम को विधिवत विकसित किया गया है

तीन वर्षीय बी.कॉम (ऑनर्स) डिग्री प्रोग्राम को छह सेमेस्टर में विभाजित किया गया है और इसे यूजीसी द्वारा निर्धारित चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) मॉडल पाठ्यक्रम के अनुसार डिजाइन किया गया है। इसमें मुख्य पेपर, अनुशासन विशिष्ट ऐच्छिक, सामान्य ऐच्छिक और कौशल वृद्धि पाठ्यक्रम शामिल हैं।

Bcom regular or bcom specialisation, what to choose

My experience of choosing B.Com course this year

I believe, there are lakhs of students like me who are confused about which course to choose after class 12th exams.

Oh by the way, I am Prerna Singh. For me it was very tough to decide my field of study for graduation.

Believe me, this decision is not an easy task. My parents, elders and friends all had different views and suggestions.
Some of them said, I should take up a course related to management, and not B.Com. Others said I should pursue science.
But I had my mind set on B.Com course. I have always been good at maths and numbers excite me.

How I decided between regular B.Com and B.Com with honours?

I have observed lot of students just pursuing regular B.Com without any spcialisation. While it may be a good choice for some, depending on what career graph and objectives they have planned. Personally I feel, its best to take up a specialisation, because it is easier to apply for jobs with specific job descriptions and skills.

I spoke to a few of my school alumni who are now pursuing B.Com in Ranchi. According to them, job opportunities after B.Com regular can be limited. That is why, choosing B.Com with specialisation is best for students.

I asked “Should I choose B.Com Taxation”?

One of my seniors (Neeraj) is pursuing B.Com with Taxation honours. He said that Taxation is a better honours to pursue, because of career prospects. This honours gives holistic knowledge of taxation system and financial principles. Here students gain and develop relevant skills in the areas of commerce with a focus on taxation and finance.

I asked my teachers – what are the core subjects for B.Com regular and B.Com Taxation?

Both B.Com and B.Com Taxation are three years course.

Earlier I came to know from my teachers that B.Com regular involves theoretical aspects of commerce study. They informed me about a few core subjects taught in B.Com regular. They are business economics, commercial laws, corporate accounting, human resource management, banking and insurance, goods and services tax, financial markets and services, business communications.

Neeraj gave me all the details about the core subjects taught in this B.Com Taxation program. They are – income tax law and practice, advanced concepts of GST, Custom-Law Practice, corporate accounting, advanced accountancy, fundamentals of costing and more.

During the course of our discussion, Neeraj gave me a brief list of job opportunities after B.Com regular and B.Com Taxation.

Since, B.Com Taxation is a job oriented course, employment opportunities are – tax consultant, tax specialist, tax attorney specialist, tax policy analyst, tax advisor, accounts officer, cost accountant, auditing expert, etc.

Compared to B.Com Taxation, B.Com regular may not hold promising career opportunities, said Neeraj. Some of the employment opportunities after B.Com regular he mentioned are – Accountant, insurance brokers, financial advisor in banks, marketing executives in financial institutions.

Why I selected B.Com Taxation?

The reason why I selected B.Com Taxation was pretty simple – I wanted to step into the world of financial expertise aiming to excel in the detailed knowledge of financial management, tax regulations, and strategic planning. And the fee structure was also reasonable.
Before finalising, I did a little online research too. I observed that companies like Deloitte, Ernst & Young, J P Morgan Chase, HDFC Bank, and other major coporates hire students with B.Com Taxation specilisation.
It gave me confidence that I have selected the right course for graduation.

After taking admissions in B.Com Taxation this year, I spoke to my mentors at the University. They said that this course gives a strong base for students aspiring to take professional courses – CA, CS, ICWA. This specialized program is also for individuals aiming to excel in the intricacies of financial management, tax regulations, and strategic financial planning.

 

NSS Cell hosts workshop on women's safety - JRU Blog

झारखंड राय विश्वविद्यालय, रांची में महिला सुरक्षा पर कार्यशाला का आयोजन

झारखंड राय विश्वविद्यालय, रांची के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं जेंडर चैंपियन क्लब के सौजन्य से महिला सुरक्षा के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से दिनांक सोमवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला को राज कुमार मेहता (सिटी एसपी, राँची) राम संबद (एएसपी रांची), ब्रह्मदेव प्रसाद (टीआई ,नामकुम थाना), पिंकी कुमारी (महिला थाना प्रभारी ,रांची) पुष्पा कुमारी (सीआईडी पर्सनल, रांची) एवं प्रो० रजनी सिंह (काउंसलर महिला थाना) ने संबोधित किया। कार्यशाला उद्घाटन के मौके पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो० (डॉ०) पीयूष रंजन से सभी अतिथियों का स्वागत किया।

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महिला सुरक्षा जागरूकता पर कार्यशाला आयोजन का उद्देश्य विश्व विद्यालय की छात्राओं को महिला हेल्पलाइन (WHL) के बारे में जागरूक करना, किसी भी प्रकार की घरेलू हिंसा का शिकार होने पर स्वयं अथवा हिंसा से पीड़ित महिला को विधिक सुरक्षा उपलब्ध कराने से अवगत होने के लिए किया गया था।

कार्यशाला में विश्वविद्यालय की 200 छात्राएं शामिल हुई। कार्यशाला के दौरान सभी प्रतिभागियों को आपात स्थिति में जागरूक रहते हुए हेल्पलाइन नंबर जैसे 1930, 112 से संपर्क करने एवं अपनी शिकायत दर्ज करने सम्बन्धी जानकारी भी प्रदान की गयी।

राँची के सिटी एसपी राज कुमार मेहता ने कहा कि जागरूकता और सतर्कता के साथ समय पर की गई प्रतिक्रिया बचाव का सर्वोत्तम माध्यम है। सिटी एसपी श्री मेहता ने अपराध और अपराध की कोटि पर भी विस्तार पूर्वक चर्चा किया।

एएसपी रांची राम संबद ने महिला सुरक्षा में सुरक्षित सार्वजनिक स्थानों की चर्चा करते हुए कहा कि सार्वजनिक स्थान जैसे सड़कें, पार्क और परिवहन प्रणालियों का उपयोग करना सुरक्षित माध्यम है। उन्होंने कहा की वर्तमान समय में समुदाय में महिला सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ी है। आज समुदाय महिलाओं की सुरक्षा संबंधी चिंताओं के प्रति अधिक जागरूक देखे जाते हैं।

कार्यशाला के सफल संचालन पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो० (डॉ०) सविता सेंगर ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा की विश्वविद्यालय महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए महिला सुरक्षा एवं विशेषकर छात्राओं की सुरक्षा को लेकर जागरूकता कार्यक्रम संचालित करता रहता है। विश्वविद्यालय का जेंडर चैंपियन क्लब इस दिशा में कार्य कर रहा है।

कुलसचिव प्रो० (डॉ०) पीयूष रंजन ने धन्यवाद ज्ञापन में कहा कि सभी अतिथियों ने कार्यशाला के लिए अपना बहुमूल्य समय निकाला इसके लिए सभी का मैं विश्वविद्यालय परिवार की तरफ से धन्यवाद करता हूँ। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि विश्व विद्यालय में महिला सुरक्षा को लेकर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। इस संवेदनशील विषय पर जागरूकता सर्वाधिक जरूरी है।

कार्यक्रम को सफल बनाने में एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रो० ओ० पी० सत्यम एवं जेंडर चैंपियन क्लब की समन्वयक प्रो० मानुषी रॉय की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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झारखंड राय विश्वविद्यालय के निःशुल्क प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में 18 सफल, मिला प्रमाणपत्र

झारखंड राय विश्वविद्यालय, रांची द्वारा संचालित निःशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में राजा उलातु ग्राम पंचायत और रामपुर गांव के 18 युवक- युवतियों सफलता प्राप्त हुई है। निःशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में राजा उलातु और रामपुर गांव के 20 युवक- युवतियों ने अपना निबंधन कराया था। प्रशिक्षण उपरांत आयोजित परीक्षा में 18 युवक- युवतियों को सफल घोषित किया गया।

विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस एवं इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी विभाग एवं राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सहयोग से संचालित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में सफल युवक- युवतियों के लिए बीते दिन प्रमाण पत्र वितरण समारोह का आयोजन किया गया।प्रमाण पत्र वितरण समारोह में झारखंड राय विश्वविद्यालय, रांची की माननीय कुलपति प्रो० (डॉ०) सविता सेंगर,कुलसचिव प्रो० (डॉ०) पीयूष रंजन उपस्थित थे।

इस अवसर पर कुलपति प्रो० (डॉ०) सविता सेंगर ने कहा की विश्वविद्यालय गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करने साथ साथ अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति भी गंभीर एवं तत्पर है। इसी कड़ी में युवक- युवतियों को कंप्यूटर प्रशिक्षित करने के लिए पाठ्यक्रम चलाया गया। कौशल विकास को वर्तमान समय की जरुरत बताते हुए उन्होंने कहा कि कौशल की जानकारी व्यक्तिगत विकास , पेशेवर उन्ननयन और सामाजिक योगदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भविष्य में भी विश्वविद्यालय इस दिशा में अपनी जिम्मेदारी को निभाता रहेगा।

वहीं झारखंड राय विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो० (डॉ०) पीयूष रंजन ने अपने संबोधन कहा की प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवा भविष्य में भी स्वरोजगार और कौशल से जुड़े मार्गदर्शन के लिए विश्वविद्यालय से संपर्क कर सकते हैं।

कार्यक्रम के समापन पर प्रमाणपत्र प्राप्त करने वाले युवक और युवतियों ने दो सप्ताह तक चले प्रशिक्षण कार्यक्रम पर अपना निजी अनुभव साझा करते हुए विश्वविद्यालय के प्रति आभार जताया। कई युवक और युवतियों ने कहा कि वह स्वरोजगार को अपनायेंगे वहीँ कुछ कंप्यूटर शिक्षा में और जानकारी के लिए आगे पढ़ाई करेंगे।

निःशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में युवक और युवतियों को प्रशिक्षित करने का कार्य संकाय शिक्षक चन्द्रे सोरेन और संजय कुमार महतो ने किया। कार्यक्रम का संचालन विभागाध्यक्ष प्रो० अनुराधा शर्मा ने किया। कार्यक्रम में विभाग समन्वयक प्रो० अमरेंद्र के साथ डॉ ० इरफान आलम , प्रो० वकील कुमार, डॉ० के० पी० दत्ता एवं प्रो० शिवांगनी बिहारी उपस्तिथ थी।

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झारखंड राय विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र का शुभारंभ

झारखंड राय विश्वविद्यालय, रांची में मंगलवार से नए शैक्षणिक सत्र 2024- 25 का शुभारंभ हुआ। सत्र के विधिवत प्रारंभ से पहले दो दिवसीय ओरएंटेशन (दीक्षारंभ) का आयोजन किया गया। । दीक्षारंभ का मुख्य उद्देश्य नए विद्यार्थीं को विश्वविद्यालय के अकादमिक वातावरण से परिचित करना है। पहले दिन नए विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय से जुडी विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी दी गयी। इसमें प्रमुख रूप से परिणाम आधारित शिक्षा की उपयोगिता , विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु जीवन कौशल एवं जीवन मूल्य की जानकारी दी गयी।

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शैक्षणिक सत्र के शुभारंभ पर कुलपति ने दी बधाई : झारखंड राय विश्वविद्यालय, रांची के नए शैक्षणिक सत्र के शुभारंभ पर कुलपति प्रो० (डॉ०) सविता सेंगर ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। उन्‍होंने कहा कि ये हमारे लिए गर्व और हर्ष का विषय है कि पूर्व निर्धारित अकादमिक सत्र के अनुसार ही विश्वविद्यालय का शै‍क्षिक सत्र प्रारंभ हुआ है। मैं नवागत विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए उनके उज्जवल भविष्य के लिए सभी को अपनी शुभकामनाएं देती हूँ। विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के साथ साथ उनका समग्र विकास करना विश्वविद्यालय प्रशासन की प्राथमिकता है।

झारखंड राय विश्वविद्यालय रांची के कुलसचिव प्रो० (डॉ०) पीयूष रंजन ने सन्देश में कहा की ” नए विद्यार्थियों के शैक्षणिक सत्र (2024-25) के पूर्व दो दिनों का दीक्षारंभ विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के अकादमिक संस्कृति को समझने में सहायक साबित होगा। कुलसचिव ने अपने संदेश में विद्यार्थियों से जीवन में भारतीय ज्ञान परंपरा, जीवन कौशल और जीवन मूल्यों पर विशेष जोर देने को कहा है।

दीक्षारंभ के पहले दिन सब से पहले सम्बंधित विभाग के द्वारा नए विद्यार्थीयों का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया । उन्हें विषय से जुड़े अवसर और सेमेस्टर के दौरान आयोजित गतिविधियों के बारे में भी बताया गया साथ ही विश्वविद्यालय परिसर, प्रशासनिक भवन, लाईब्रेरी एवं विश्वविद्यालय में होने वाली विभिन्न गतिविधियों से अवगत कराया गया।