झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी और डोरंडा कॉलेज रांची के सयुंक्त तत्वावधान में “इंपैक्ट एंड स्टैट्जीज़ फॉर द एजुकेशन सेक्टर ड्यूरिंग कोविड -19 पैंडेमिक ” पर वेबिनार का आयोजन किया गया। इसे बिनोबा भावे विश्वविद्यालय, हज़ारीबाग़ के पूर्व कुलपति प्रो. डॉ. रमेश शरण और अमेज़ॉन वेब सर्विसेज एकडेमी के साउथ एशिया हेड लोकेश मेहरा ने संबोधित किया ।
वेबिनार का शुभारंभ सरस्वती वंदना के साथ किया गया। अमेजॉन के लोकेश मेहरा ने सर्वप्रथम विषय प्रवेश करते हुए माजूदा दौर में एजुकेशन सेक्टर की चुनौतियाँ अवसर, विकास और तकीनीकी छमता को रेखांकित करते हुए अपनी बात रखी। उन्होंने पुरातन शिक्षा वयवस्था और कोविड के बाद हुए बदलाओं पर विस्तार से अपनी बात रखते हुए बताया की ” बेहतर भविष्य को हासिल करने के लिए एजुकेशन फील्ड से जुड़े लोगों ने आगे आकर इस विषम परिस्थिति में भी बेहतर कार्य किया है।
तकनीक ने नए अवसर भी पैदा किये है वर्चुअल एजुकेशन ने इस दौर में बड़े बदलाव किये है जिनसे सभी को दो चार होना पड़ा है। तमाम चुनौतियों के साथ नए अवसर भी सामने आये है। कोविड- 19 के कारण कई बड़ी कंपनियों को बंद होना पड़ा है। तकनिकी प्रसार के साथ तालमेल बिठाने में कई समस्यायें भी देखने को मिली रहती है। लेकिन सोशल मीडिया के जरिये इसको समझने में सहायता भी मिली है। आज का दौर सोशल मीडिया, बिग डेटा, मोबाइल फ़ोन और क्लाउड कंप्यूटिंग का दौर है। बदलाओं की बात करे तो जॉब पोजीशन ही नहीं बल्कि माइंड सेट भी बदलते देखे गए है।
प्रो डॉ रमेश शरण ने अपने संबोधन के दौरान डिजिटल एजुकेशन सिस्टम को रेखांकित करते हुए कहा की ” डिजिटल एजुकेशन की सबसे बड़ी दिक्कत इसके इस्तेमाल में आने वाली तकनिकी बाधाएँ है जिनसे दो चार होना पड़ता है। उन्होंने कहा की आज भी डिजिटल एजुकेशन सबके लिए संभव नहीं हो पाया है। ग्रामीण इलाकों में आज भी सुविधाजनक तरीके से इसका इस्तेमाल नियमित तौर पर नहीं हो पता है। खासकर स्कूली शिक्षा में अभी भी काफी काम किया जाना बाकि है। प्रो शरण ने डिजिटल एजुकेशन के भविष्य की चर्चा करते हुए कहा की इसमें काफी संभावना है और आगे जाकर यही मिश्रित शिक्षा व्यवस्था कार्य करेगी। उन्होंने स्टूडेंट्स से तकनिकी रूप से सक्षम होने के लिए भी कहा। भविष्य की शिक्षा तकनीक आधारित होगी।“
वेबिनार के दौरान प्रश्न उत्तर सत्र का भी आयोजन किया गया जिसमें स्टूडेंट्स के सवालों का जवाब दिया गया।
वेबिनार के समापन पर झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रो. डॉ. पियूष रंजन ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा की वक्ताओं ने अपना कीमती समय निकाल कर बहुमूल्य राय से सबको अवगत कराया इसके लिए उनका धन्यवाद। उन्होंने कहा की सफलता किसी की मुहताज नहीं होती यह आप दोनों ने साबित किया है। डॉ. पियूष ने पुनः वेबिनार को सफल बनाने में शामिल फैकल्टी और टेक्निकल टीम के सदस्यों एवं वेबिनार के आयोजन में शामिल प्रो. रश्मि और डोरंडा कॉलेज की प्रो. नीलू कुमारी को का धन्यवाद किया।