किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का आंकलन उस देश की खेती-किसानी की स्थिति से होता है। एग्रीकल्चर का नाम सुनते ही आज की आधुनिक पीढ़ी के मन में गाँव के कामधाम का चित्रण सामने आता है परन्तु वास्तविकता यह है कि देश की 70 % जनसंख्या तो रोजगार के क्षेत्र में खेती-किसानी से ही जुड़ी है।
पिछले छह दशक से इस कार्य में युवाओं ने इसके गहन अध्ययन, शोध व प्रयोग में बतौर कृषि कर्मचारी के रूप में हाथ बटाएं हैं, जिससे कृषि में भी आधुनिकता आई है, नवीन तकनीकों का प्रसार हुआ है।
इन सब के बावजूद भी आज इस क्षेत्र में युवा शक्ति की कमी है यानि युवाओं के लिये यहां कॅरियर की अथाह सम्भावना है। खास तौर से अध्ययन और स्वरोजगार के क्षेत्र में विशेष सम्भावना है।
कक्षा 12 के बाद कृषि में 4 साल का कोर्स है, जिसको बीएससी-एग्रीकल्चर/बीएससी–एग्रीकल्चर (ऑनर्स) का कोर्स कहते हैं, साथ ही इस कोर्स को प्रोफेशनल कोर्स की भी मान्यता है। इसके लिये छात्र कक्षा 11 या 12 में एग्रीकल्चर या बायोलॉजी से उतीर्ण होना आवश्यक है।
इस चार साल के एग्रीकल्चरल साइंस के कोर्स में हम एग्रीकल्चर के विभिन्न विषयों का अध्ययन वैज्ञानिक पद्धति से क्रमबद्ध रूप से करते हैं, जिसमे सेमेस्टर प्रणाली (छ: माह का एक सेमेस्टर) की भूमिका होती है। उस दौरान समस्त एग्रीकल्चरल टेक्नोलॉजी के सभी विषयों पर गहन अध्ययन, प्रायोगिक और सैद्धांतिक रूप से होता है।
अध्ययन का अंतिम वर्ष प्रायोगिक रूप से महत्वपूर्ण वर्ष है। इसमें कृषि, किसान,समाज, गाँव और खेत खलिहान से जुड़ी सामाजिक और व्यवहारिक जानकारियों से विद्यार्थियों को रूबरू होना पड़ता है।
ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव (RAWE) कार्यक्रम अंतिम वर्ष की एक प्रमुख गतिविधि है। कृषि स्नातकों के पेशेवर कौशल का सम्मान करके उनमें आत्मविश्वास पैदा करना एवं आईसीएआर द्वारा स्नातक स्तर पर रावे को शुरू करने का प्रमुख उद्देश्य है। पूरे कार्यक्रम को आठ मॉड्यूल में विभाजित किया गया है जिसके माध्यम से छात्रों को कृषि और ग्रामीण विकास में वर्तमान और उभरते अवसरों और चुनौतियों से अवगत कराया जाता है। फार्म प्लानिंग, वाटरशेड डेवलपमेंट प्रोग्राम, एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम, रिसर्च स्टेशन और केवीके प्रशिक्षण और विलेज स्टे छात्रों को इन रणनीतिक क्षेत्रों का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किए गए मुख्य मॉड्यूल हैं।इसके अलावा छात्रों को कृषि और ग्रामीण विकास में वर्तमान और उभरते अवसरों और चुनौतियों से अवगत कराया जाता है। फार्म योजना, वाटरशेड विकास कार्यक्रम, उद्यमिता विकास कार्यक्रम, कृषि क्लीनिक, कृषि भवन प्रशिक्षण, अनुसंधान स्टेशन और केवीके प्रशिक्षण, एनजीओ प्रशिक्षण और विलेज स्टे छात्रों को इन रणनीतिक क्षेत्रों का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किए गए मुख्य मॉड्यूल हैं। ग्रामीण प्रवास के दौरान, छात्र एक पखवाड़े के लिए ग्रामीण परिवारों के साथ रहते हैं, जो किसानों को फिर से खोजने का एक दुर्लभ अवसर प्रदान करता है।
प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने के अलावा, रावे मॉड्यूल छात्रों की मानसिकता, दृष्टिकोण, व्यक्तित्व लक्षण, प्रबंधकीय और उद्यमशीलता कौशल में सकारात्मक बदलाव लाते हैं।
यह बदलाव विद्यार्थियों के लिए सोशल वर्क,एनजीओ, ग्राम विकास जैसे क्षेत्रों की तरफ भी आकर्षित करता है जहां भरपूर अवसर मौजूद हैं। कृषि एवं समाज कार्य इन दोनों ही क्षत्रों में असीम अवसर है।
झारखंड की राजधानी रांची में अवस्थित झारखंड राय यूनिवर्सिटी अपने नामकुम स्थित स्थायी कैम्पस राजा उलातु में बीएससी एग्रीकल्चर (ऑनर्स) 4 वर्षीय डिग्री पाठ्यक्रम के लिए एक विश्वसनीय नाम है । यहाँ कृषि स्नातक की पढ़ाई करने वाले छात्रों को मिलता है विश्व स्तरीय हाइड्रो फोनिक्स तकनीक में प्रशिक्षण और प्रमाणपत्र के साथ 4 वर्षीय बीएससी एग्रीकल्चर ऑनर्स की डिग्री। झारखंड राय विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित हाइड्रो फोनिक्स पोली हाउस उत्तर भारत का एकलौता, उन्नत पोली हाउस है। यह पूरी तरह ऑटोमेटिक तकनीक से संचालित है जिसमें बिना मिट्टी के पानी और सूर्य की रोशनी की सहायता से पौधों का नैसर्गिक वृद्धि कराया जाता है।
विश्वविद्यालय के नामकुम स्थित स्थायी कैंपस में 20 एकड़ भूमि पर कृषि कार्य किया जाता है जिसमें छात्रों की सीधी भागीदारी होती है । कैंपस में औषधीय पौधों के साथ फूलों की खेती कों बढ़ावा दिया जाता है। सीनियर फेकल्टी के नेतृत्व में फार्म मैनेजर के द्वारा नियमित छात्रों को पेड़- पौधों और फसलों में होने वाले बदलावों से अवगत कराने का कार्य किया जाता है।
झारखण्ड राय विश्वविद्यालय में सैधांतिक समझ के साथ साथ प्रैक्टिकल एडुकेशन पर ज्यादा जोर दिया जाता है। पढाई के 4 वर्षों के दौरान छात्रों कों मेंटरशीप प्रोग्राम से जोड़ कर इन्डस्ट्रीयल टूर, रूरल एग्रीकल्चर एक्सटेंशन वर्क एक्सपीरिएंस, एडुकेशनल टूर, फार्म विजिट, सेमिनार, वर्कशॉप, गेस्ट लेक्चर, ऑफ लाइन और ऑनलाइन शिक्षा, लाइफ स्किल ट्रेनिंग देकर इंडस्ट्री रेडी बनाया जाता है । सफलतापूर्वक पढाई पुरी करने पर यूनिवर्सिटीप्लेसमेंट सेल इन्हें नौकरी प्राप्त करने में भी सहायता प्रदान करता है।यूनिवर्सिटी ने स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए कैम्पस में इनोवेशन सेल और लैब भी स्थापित किया है।यूनिवर्सिटी के कई छात्र कृषि क्षेत्र में खुद का उद्यम स्थापित करके अपने और दूसरों की आजीविका का प्रबंध कर रहे हैं।