रांची सहित देश के कई हिस्सों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार को रोकने के लिए यूजीसी के द्वारा विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को आगे आने के लिए कहा गया है। यूजीसी ने सभी कुलपति और कॉलेज प्राचार्यों को पत्र भेज कर कोरोना से बचाव के लिए ‘दवाई भी, कड़ाई भी ‘ के तहत जागरूकता अभियान चलाने को कहा है। विश्वविद्यालय और कॉलेज के एनएसएस और एनसीसी इकाई का सहयोग जागरूकता अभियान को गति देने के लिए लिया जा सकता है। यूजीसी के पत्र में कहा गया है की विश्विद्यालय और कॉलेज के शिक्षक, अधिकारी और विद्यार्थी इस जागरूकता अभियान को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाने के लिए प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक,सोशल मीडिया का सहारा लिया जाय। जागरूकता के तहत लोगों के बीच हमेशा मास्क लगाने, हाथ को साबुन से धोने, अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर उपयोग में लाने,आँख, कान , नाक और मुँह को बार बार छूने से बचने, एक दूसरे के बीच सामाजिक दुरी का पालन करने, किसी को बुखार, कफ और साँस लेने में तकलीफ होने पर तुरंत टॉल फ्री नंबर 1075 और राज्य सरकार (झारखण्ड ) द्वारा जारी हेल्प लाइन नंबर 104/181 पर कॉल करने के लिए प्रेरित करने का कार्य करें।
पत्र में विश्वविद्यालय को राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन के साथ मिल कर जागरूकता अभियान चलाने का आग्रह किया गया है।
झारखण्ड राय विश्वविद्यालय ने यूजीसी के निर्देश के आलोक में एक्सटेंशन एक्टिविटी के तहत अपने ऑफिसियल वेबसाइट और सोशल मीडिया पेज पर जागरूकता अभियान चला रखा है। इसे अलावा विश्वविद्यालय एनएसएस इकाई के सहयोग से आयुर्वेदिक इम्युनिटी बूस्टर टैबलेट्स का निः शुल्क वितरण भी किया जा रहा है। यह अभियान पिछले तीन महीनो से चलाया जा रहा है। इस कार्य को सफलतापूर्वक संपन्न करने में एनएसएस स्वयंसेवकों का सहयोग लिया जा रहा है। पिछले दिनों इसी कड़ी में रांची के रातू अंचल कार्यालय में कवाथ इम्युनिटी टैबलेट्स का निः शुल्क वितरण किया गया।
झारखंड राय यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रो. (डॉ.) पीयूष रंजन ने जानकारी देते हुए बताया कि “यूजीसी के निर्देश के तहत विश्वविद्यालय ने पूर्व में ही हेल्पलाइन नंबर 1800 120 2546 जारी किया हुआ है। यह हेल्पलाइन नंबर विद्यार्थियों की किसी भी शैक्षणिक, मानसिक परेशानी होने पर निवारण करने में सहयोग प्रदान करता है।“