NEET Exam Blog JRU

NEET में कम नंबर के साथ भी कैसे बने डॉक्टर ? टॉप करियर ऑप्शन की जानकारी

पांच मई को नीट (NEET UG) परीक्षा आयोजित की गई। परीक्षा में देशभर के विभिन्न सेंटर्स में 20 लाख से ज्यादा छात्र शामिल हुए। रिजल्ट जून महीने में प्रस्तावित है।
भले ही अभ्यर्थी ने पूरे मन से तैयारी की हो, फिर भी नीट का स्कोर कम हो सकता है। कई लोग अंकों से निराश हो जाते हैं और उन्हें लगने लगता है कि जैसे कोई भविष्य ही नहीं है। ऐसा नहीं है. आप तभी असफल होते हैं जब आप हार मान लेते हैं और प्रयास करना बंद कर देते हैं। यह सर्वविदित तथ्य है कि महान उपलब्धियाँ दृढ़ प्रयासों और निरंतर संघर्षों के बाद ही आती हैं। यदि आपका एनईईटी स्कोर कम है तो आगे बढ़ने के लिए कई अन्य विकल्प हैं। दृढ़ निश्चयी व्यक्ति को जीवन में महान सफलता प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता।

STRIP ALL COURSES

NEET में कम नंबर के साथ भी बन सकते हैं डॉक्टर, टॉप ऑप्शन जानने के लिए क्लिक करें

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी के लिए हर साल 15 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स अप्लाई करते हैं। देश में MBBS की सीटें 91 हजार ही हैं, ऐसे में प्रतियोगिता बेहद कठिन होती है । टॉप स्कोर हासिल करने वालों को ही एमबीबीएस में एडमिशन मिल पाता है । लेकिन अगर आपके NEET में नंबर कम आए, तो निराश बिल्कुल न हों । क्योंकि आपके पास और भी कई बेहतरीन कोर्सेस हैं जिनके जरिए आप डॉक्टर बन सकते हैं।

बीएससी एग्रीकल्चर ऑनर्स के बारे में अधिक जानकारी के लिए लिंक को क्लिक करें
बीएससी एग्रीकल्चर ऑनर्स की डिग्री ज्यादातर उन लोगों द्वारा हासिल की जाती है जो खेती, फसल उत्पादन, पशुधन प्रबंधन, टिकाऊ कृषि या कृषि व्यवसाय के जुनून के साथ कृषि क्षेत्र में अपना करियर बनाने में रुचि रखते हैं। बीएससी एग्रीकल्चर में ऑनर्स पाठ्यक्रम की अवधि चार साल की है, जिसके दौरान छात्रों को सैद्धांतिक कक्षा शिक्षण, व्यावहारिक प्रशिक्षण, क्षेत्र दौरे और कृषि से संबंधित अनुसंधान परियोजनाओं के संयोजन से अवगत कराया जाता है। बीएससी एग्रीकल्चर करने के बाद सरकारी और निजी दोनों ही क्षेत्रों में भरपूर मौके हैं।

बीएमएलटी कोर्स के बारे ज्यादा जानकारी चाहिए तो दिए गए लिंक को क्लिक करें

बीएमएलटी का फुल फॉर्म बैचलर ऑफ मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी है, जो तीन साल का स्नातक डिग्री प्रोग्राम है। यह छात्रों को प्रयोगशाला विज्ञान और प्रौद्योगिकी की व्यापक समझ के साथ-साथ चिकित्सा प्रयोगशाला में काम करने के लिए आवश्यक व्यावहारिक कौशल प्रदान करता है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में रुचि रखने वाले उम्मीदवारों के लिए बेहतरीन और सबसे अधिक मांग वाले कोर्सेज में से एक है। इसे करने के बाद पैथोलॉजी लैबोरेट्रीज, रिसर्च लैबोरेट्रीज, यूरोलॉजिस्ट के कार्यालयों, फार्मास्यूटिकल्स, अस्पतालों और कई अन्य क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध है।

बैचलर ऑफ़ फार्मेसी के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए दिए गए लिंक पर जाएं।
बैचलर ऑफ फार्मेसी (B.Pharm) फार्मेसी के क्षेत्र में स्नातक शैक्षणिक डिग्री है। फार्मास्युटिकल अथवा मेडिकल फील्ड दुनिया के उन प्रमुख इंडस्ट्रीज में से एक है, जिसमें एम्प्लॉईज़ और सेवाओं की निरंतर आवश्यकता बढ़ रही है। इस क्षेत्र में अच्छी सैलरी के साथ समाज़ में सम्मान और गौरव भी प्राप्त होता है।
बी फार्मा 4 साल का बैचलर्स डिग्री कोर्स है। इसमें छात्रों को दवा कैसे बनाई जाती है, दवा बनाने की प्रक्रिया क्या है, किस बीमारी में किस दवा का इस्तेमाल किया जाना चाहिए और कब किस दवा का उपयोग करना है इन सभी चीजों के बारे में सिखाया जाता है।
पढ़ाई पूरी करने के बाद खुद का स्टार्टअप जैसे मेडिकल स्टोर शुरू कर सकते हैं। कंसल्टिंग फार्मेसी एक्सपोर्ट बिज़नेस किया जा सकता है। बड़ी मेडिकल कंपनियों को ज्वाइन कर सकते हैं।

फार्मासिस्ट बनना चाहते है तो दिए गए लिंक को क्लिक करें
फार्मेसी में डिप्लोमा एक छोटी अवधि का कोर्स है। फार्मेसी के क्षेत्र में अपना करियर शुरू करने के लिए यह बेस्ट कोर्स माना जाता हैं। साइंस स्ट्रीम से 12वीं पास करने वाले इस कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं। भारतीय दवा बाजार की मांग को पूरा करने के लिए फार्मासिस्ट की जरुरत है। फार्मासिस्ट बन कर आप स्वास्थ्य प्रबंधन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

डॉक्टर बनने का सपना पूरा करेगा यह कोर्स अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें

BPT कोर्स में एडमिशन लेकर भी अपना मेडिकल लाइन में जाने का सपना पूरा कर सकते हैं। बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी (BPT) का कोर्स 4.5 साल की अवधि का एक अंडरग्रैजुएट कोर्स है जो कि शारीरिक गति के विज्ञान पर केंद्रित है। बीपीटी का चार साल का कोर्स करने के बाद छात्रों को किसी मान्यता प्राप्त अस्पताल से 6 महीने की इंटर्नशिप पूरी करना अनिवार्य होता है। कोर्स को करने के बाद छात्र फिजियो रिहैबिलिटेटर, फिजियोथेरेपिस्ट, ओस्टियोपैथ, एडवाइजर के रूप में काम कर सकते हैं।