झारखंड राय यूनिवर्सिटी का माँ रामप्यारी एवं लाइफ केयर हॉस्पिटल के साथ एमओयू।
झारखंड राय यूनिवर्सिटी ,रांची ने माँ राम प्यारी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल एवं लाइफ केयर हॉस्पिटल रांची के साथ एमओयू किया है। करार का उद्देश्य बैचलर ऑफ़ फिजिओथेरेपी कोर्स की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को हॉस्पिटल प्रैक्टिसेस का प्रशिक्षण देना है। ये दोनों ही हॉस्पिटल बीपीटी की पढ़ाई कर रहे छात्र छात्राओं को ट्रेनिंग और इंटर्नशिप सुविधा प्रदान करेंगे। ट्रेनिंग और इंटर्नशिप प्राप्त करने के दौरान हॉस्पिटल में कार्यरत ट्यूटर और इंस्ट्रक्टर इन्हें प्रशिक्षित करेंगे। माँ रामप्यारी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, रांची के साथ एमओयू 5 वर्षो के लिए किया गया है। वहीं लाइफ केयर हॉस्पिटल रांची भी झारखंड राय यूनिवर्सिटी ,रांची के बीपीटी के विद्यार्थियों को करार के तहत 1 महीने का हॉस्पिटल प्रैक्टिसेस का ट्रेनिंग मुहैया करायेगा। प्रशिक्षण प्रतिदिन 8 घंटे आयोजित होगा।
झारखंड राय यूनिवर्सिर्टी की कुलपति प्रो० (डॉ०) सविता सेंगर ने रांची के दो प्रतिष्ठित अस्पतालों के साथ हुए एमओयू पर हर्ष जताते हुए कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के दिशा निर्देशों के अनुरूप विश्वविद्यालय विद्यार्थी केंद्रित शिक्षा प्रदान करने की दिशा में गंभीरता से कार्य कर रहा है। विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा से जुड़े विषयों के कई पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं। स्वास्थ्य शिक्षा के जरिये रोजगारोन्मुखी शिक्षा को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है।
रांची के कुलसचिव प्रो० पीयूष रंजन ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि फिजिओथेरेपी, बैचलर ऑफ़ मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी एवं डिप्लोमा और बैचलर ऑफ़ फार्मेसी की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को प्रायोगिक शिक्षा प्राप्त करने एवं हॉस्पिटल एवं लैब प्रैक्टिसेस का अनुभव प्राप्त करना पाठ्यक्रम का अनिवार्य अंग है। विश्वविद्यालय मेडिकल शिक्षा आधारित पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के साथ व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त कारणे पर जोर देता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के निर्देशों का अनुपालन करते हुए कार्य किया जा रहा है।
बैचलर ऑफ़ फिजिओथेरेपी :
बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी (BPT) एक चार साल का स्नातक कोर्स है। यह कोर्स, छात्रों को फिजियोथेरेपी के क्षेत्र में पेशेवर बनाने के लिए तैयार करता है। इस कोर्स में शरीर रचना विज्ञान, व्यायाम चिकित्सा, और पुनर्वास जैसे विषयों का अध्ययन होता है। इस कोर्स में दाखिले के लिए, किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10+2 पास होना जरूरी है।
BPT कोर्स देता है डॉक्टर बनकर प्रैक्टिस करने का सुनहरा मौका :
आजकल जिस तरह बीमारियां पैर पसार रही हैं, उसे देखते हुए यह कोर्स आज कल डिमांड में है। अस्पतालों व क्लिनिक, रिहैबिलिटेशन सेंटर, ओल्ड एज होम्स, हेल्थ सेंटर, नर्सिंग होम्स एंड डे सेंटर, स्पोर्ट्स क्लिनिक, क्लब, जिम सेंटर सभी जगह फिजियोथेरेपिस्ट कार्य करते हुए मिल जाएंगे। इसके अलावा अनुभव प्राप्त होने पर आप अपना खुद का फिजियोथेरेपी सेंटर भी चला सकते हैं। एक अनुमान के मुताबिक़ शुरूआती दौर में आप दस से बीस हजार रूपए प्रतिमाह से शुरुवात कर कुछ समय के बाद आसानी से महीने के 30,000 से 50,000 रूपए भी कमा सकते हैं। अगर आप अपना प्राइवेट सेंटर खोलते हैं तो आप सिटिंग के हिसाब से चार्ज कर सकते हैं। फिजियोथेरेपी यूं तो आधुनिक चिकित्सा पद्धति है। लेकिन यह भारत में सदियों से प्रचलित स्पर्श चिकित्सा पद्धति का भी प्रतिनिधित्व करता है। यह न केवल कम खर्चीला है, बल्कि इसके दुष्प्रभाव की आशंका न के बराबर होती है।