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झारखंड राय यूनिवर्सिटी में एचआर कॉन्क्लेव का आयोजन। कॉरपोरेट वर्ल्ड के दिग्गजों का लगा जमावड़ा

झारखंड राय यूनिवर्सिटी, रांची में आयोजित ऑनलाइन एक दिवसीय एच आर कॉन्क्लेव का शुभारंभ शनिवार को किया गया। कॉन्क्लेव का विषय’ ट्रांस्फोर्मिंग एच आर – अ टर्न अराउंड इन न्यू नार्मल ‘ रखा गया था।
कॉन्क्लेव का विधिवत उद्घाटन दीप प्रज्वलित करते हुए सरस्वती वंदना के साथ किया गया।
विषय प्रवेश कराते हुए झारखंड राय यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो.(डॉ.) सविता सेंगर ने अपने संबोधन के दौरान कॉन्क्लेव के ट्रांस्फोर्मिंग एचआर थीम को विस्तार के साथ परिभाषित किया।

उन्होंने कोविड के संक्रमण काल में बदलते मानव संसाधन और मानव प्रबंधन कार्यो की चर्चा की। शिक्षा,उद्योग जगत में देखे जा रहे बदलावों पर अपना विचार रखते हुए डॉ. सेंगर ने कहा कि ऑनलाइन माध्यमयों का उपयोग मानव संसाधन प्रबंधन से जुड़े कार्यों में अगर किसी ने किया है तो वह एचआर विभाग रहा है।

उन्होंने चुनौतियों और संभावनाओं पर भी अपने निजी विचारों से सभी को अवगत कराने का कार्य किया।

स्वागत भाषण करते हुए बीओपीटी ( पूर्वी क्षेत्र) के डायरेक्टर एजाज अहमद ने “स्किल डेवलपमेंट एंड ट्रेनिंग की चैलेंजेज एंड न्यू बिजनेस मॉडल पोस्ट कोविड19” विषय पर अपना विचार रखा। उन्होंने कहा कि मेरे यह विचार मेरे 20 साल के अनुभव का सार है । पिछले 100 वर्षों के दौरान कोरोना का यह संकट सबके किये पहला अनुभव रहा । इस आपदा ने श्रम और रोजगार के क्षेत्र को सबसे ज्यादा प्रभावित किया । शिक्षा जगत अभी भी पूरी तरह पटरी पर नहीं लौट पाया है। लेकिन तकनीक के सहयोग से हमने इस संकट का चुनौती पूर्वक सामना किया है। ‘डूइंग बाई लर्निंग ‘ डिस्टेंस लर्निंग,ऑनलाइन लर्निंग ने संभावनाओं के नए द्वार खोले है । पब्लिक,प्राइवेट पार्टनरशिप ने इसे और मजबूती प्रदान करने का कार्य किया है।

कॉन्क्लेव में विशेष व्याख्यान देते हुए एचईसी के पूर्व सीएमडी अभिजीत घोष ने ‘चैलेंजेज एंड ऑपरट्यूनिटी इन मैनुफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज इन पोस्ट कोविड 19 ‘ पर अपनी बातें रखी ।उन्होंने बताया कि मैनुफैक्चरिंग इंडस्ट्री के लिए यह आपदा काल किसी बड़े संकट की तरह था जिसमें ट्रांसपोर्ट, शिपिंग, प्लेन सर्विसेज सभी बंद हो गए थे। मैनुफैक्चर किये गए सामानों को बाजार नहीं मिल रहा था। कुछ इसी तरह का हाल एडुकेशन और अन्य सर्विस सेक्टरों का था। लेकिन जल्द ही हमने इन चुनौतियों से सामना करना सीख लिया और इसमें तकनीक,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स का बहुत बड़ा योगदान रहा है।

सीसीएल, रांची के सीएमडी पी.एम. प्रसाद ने कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए वैश्विक स्तर पर इन डेढ़ वर्षो के दौरान हुए बदलाओं, वर्क फ्रॉम होम , काम के घंटो में आई कमी और भारत के पड़ोसी देशों में बदलती परिस्थिति की भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि आपदा के कारण आयी मंदी और उत्पादन में कमी को पूरा करने में कोल इंडस्ट्रीज का महत्वपूर्ण योगदान होगा।

कॉन्क्लेव के उदघाटन सत्र के समापन अवसर पर धन्यवाद ज्ञापन करने का कार्य यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार प्रो. डॉ. पीयूष रंजन ने किया। उन्होंने कॉन्क्लेव में शामिल सभी अतिथियों का स्नेह पूर्ण धन्यवाद किया और पैनल डिस्कसन में शामिल होने वाले कॉर्पोरेट जागत के दिगज्जओं का अभिवादन और अभिनंदन किया।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. अमृता मजूमदार ने किया।