कला और प्रबंधन का अन्योन्याश्रय संबंध वर्तमान दौर में सफलता की गारंटी है। कुछ यही फ़लसफ़ा अंजलि के साथ भी जुड़ा है। पेंटिंग के क्षेत्र में कुछ करने की ललक और मैनेजमेंट की पढ़ाई कर बड़े पद की चाहत उन्हें झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी ले आयी। अंजलि बताती है ” अपने घर से नजदीक एक बेहतर कॉलेज की तलाश रांची आकर पूरी हुयी। मोबाइल पर मैनेजमेंट की पढ़ाई केलिए किसी अच्छे कॉलेज की तलाश करते हुए मुझे यूनिवर्सिटी के मैनेजमेंट डिपार्टमेंट की गतिविधियों के बारे में पता चला। इन बातों ने मुझे आकर्षित किया और मैंने यहाँ पढ़ने का मन बना लिया।“
बीबीए में नामांकन लेने वाली अंजलि से जब यह पूछ गया की पेंटिंग को वह अपनी दिनचर्या में क्या स्थान रखता है तो उन्होंने बताया ” जब भी समय मिलता है तो मुझे चित्र बनाना अच्छा लगता है। मैंने कोई प्रशिक्षण तो नहीं प्राप्त किया है लेकिन स्कूल के समय से ही मुझे यह करना अच्छा लगता है और मैं यह नियमित करती रहती हूँ।“
अंजलि रामगढ़ जिले के भुरकुंडा की रहने वाली है। इनके पिता सीसीएल में कार्यरत है और खुद अंजलि भी अपनी पढ़ाई पूरी कर एक बड़ी कंपनी में कार्य करने का सपना रखती है। उन्हें ऐसा लगता है की बीबीए की पढ़ाई करने पर उनका यह सपना पूरा होगा।