फिजियोथेरेपी मेडिकल साइंस की एक ब्रांच है। इसे साधारण अर्थों में बाहरी हिस्से का इलाज करना अथवा रोगी के शारीरिक इलाज के साथ-साथ मानसिक तौर पर भी बीमारियों से लड़ने के लिए उसे मज़बूत बनाता है। एक फिजियोथेरेपिस्ट का कार्य प्रोफ़ाइल निवारक, नवनिर्माण और पुनर्वास होता है। आज के संदर्भ में एक फिजियोथेरेपिस्ट की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। इसलिए इस कैरियर को बनाने की एक अच्छी गुंजाइश है न केवल मौद्रिक भाग्य में अच्छा है बल्कि समाज में उच्च सम्मान प्राप्त करने के लिए भी बहुत अच्छा है।
अगर आप ने किसी मान्यताप्राप्त बोर्ड से विज्ञान विषयों के साथ 12 वीं की पढ़ाई पूरी की है तो आप इस क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं । इस कोर्स को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद आप फिजिओथेरेपिस्ट, रिहैबिलिटेशन एक्सपर्ट एडवाइजर स्पोर्ट्स फिजिओथेरेपिस्ट भी बन सकते हैं । सरकारी और निजी क्षेत्र दोनों जगहों पर अवसर मौजूद हैं ।
बैचलर ऑफ़ फिजिओथेरेपी https://www.jru.edu.in/programs/bpt/ की पढ़ाई के लिए रांची में झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी एक विश्वसनीय नाम है। यूजीसी और नैक की मान्यता प्राप्त यह यूनिवर्सिटी बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल का एकलौता प्राइवेट यूनिवर्सिटी है जिसके बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर, इंडस्ट्री फ्रेंडली करिकुलम, अनुभवी शिक्षकों स्किल बेस्ड एजुकेशन, लैंगवेज लैब सुविधा और एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी के कारण मान्यता मिला है।
फिजियोथेरेपी एक चिकित्सा उपचार है जो चोट की रोकथाम, पुनर्वास, समग्र फिटनेस और स्थायी चिकित्सा का एक संयोजन है। फिजियो ज्यादातर अंगों की गतिविधियों पर केंद्रित होता है और वह विज्ञान है जो इस मुद्दे के चारों ओर घूमता है कि किसी अंग को विकलांगता की अवस्था से कैसे निकाला जाय या उसका कम काम करने वाला अंग कैसे फिर से ठीक से काम करने लगे; फिजियोथेरेपी से रोगियों को अधिकतम शक्ति (किसी भी आगे की चोट से पहले) को बहाल करने में मदद कर सकती है।
हम बात कर रहे है फिजिओथेरेपी कोर्स https://www.jru.edu.in/blog-post/be-a-doctor-without-passing-neet-exam-with-bpt/ के बारे में जिसे करने के बाद आप किसी प्रशिक्षित डॉक्टर की तरह एडवाइस देना, मेडिटेशन और एक्सरसाइज सजेस्ट करना, थेरेपी और ट्रीटमेंट के जरिये मरीज को ठीक करने का काम कर सकते है। फिजिओथेरेपी कोर्स कई मायनों में काफी अलग और महत्वपूर्ण है। सर्जरी, क्रोनिक के अलावा न्यूरोलॉजिकल बिमारियों में भी यह मददगार साबित हुआ है।
यह एकलौता ऐसा कोर्स है जिसे करने के बाद आप अपने नाम के साथ साथ डॉक्टर भी लिख सकते है और प्रैक्टिस शुरू कर सकते है। किसी हॉस्पिटल, नर्सिंग होम के साथ जुड़ कर काम कर सकते है या खुद की क्लिनिक खोल कर प्रैक्टिस शुरू कर सकते है। फिजियोथेरेपी मेडिकल साइंस का पॉपुलर ब्रांच है। फिजियोथेरेपी में डिग्री और डिप्लोमा के साथ मास्टर डिग्री और पीएचडी तक किया जा सकता है।
करियर के लिहाज से बैचलर इन फिजिओथेरेपी https://www.jru.edu.in/physiotherapy-lab/आप के लिए बेस्ट है। यह चार वर्षीय डिग्री कोर्स है, इसके बाद 6 माह की इंटर्नशिप भी पूरी करनी होती है। इंटर्न बनाकर काम करने और सिखने का मौका मिलता है।