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BPT COURSE RANCHI

MAKING AN IMPACT THROUGH PHYSIOTHERAPY – MEET MUSKAAN

Choosing a career like health care so that one can be at the service of people is a noble dream for anyone to pursue. For young Muskaan Sethi, originally from Chandigarh, her dream to be in the healthcare sector encouraged her to pursue Bachelor of Physiotherapy course from Jharkhand Rai University, Ranchi.

“I have always been clear about what I want to do in life. After completing my class 12th exams, I knew that being in the medical field will resonate with me. I have nurtured my dream of becoming a health care professional since school days,” Muskaan says.

BPT COURSE RANCHI

To fulfil her dream, Muskaan travelled from Chandigarh to Ranchi, a distance of 1400 kms to take admissions at Jharkhand Rai University. The BPT course at the University is one of the best options for students who want to be in the medical field.
“Being at JRU Ranchi was one of the best decisions of my career. Here the faculties act as mentors to guide you at every step. Besides friendly atmosphere, the University provides a well-equipped lab and a well stacked library. ”

In the lab, students learn application of their classroom learning for real through activities like therapy practical, electrotherapy practical, looking at human anatomy and more.

Physiotherapy has gained huge significance in recovery and rehabilitation of our body for a permanent cure – increasing the need for trained physiotherapists both in India and abroad.

Muskaan says that the method of teaching at the University is comprehensive. “By the end of the course I’m sure I will gain understanding of therapeutic skills using clinical reasoning, diagnostic methods and standardized assessment procedures.”

“There is a huge demand for trained professionals in this category. Placement will never be a hurdle if a student sincerely learns the integrated knowledge of the application and methods of physiotherapy assessment techniques, diagnosis and therapeutic treatments,” says Muskaan confidently. She cannot wait to go out to the world and through her health care services make an impact to people’s lives.

BPT-03

बैचलर इन फिजिओथेरेपी: डॉक्टर बनकर प्रैक्टिस करने का सुनहरा अवसर

फिजियोथेरेपी मेडिकल साइंस की एक ब्रांच है। इसे साधारण अर्थों में बाहरी हिस्से का इलाज करना अथवा रोगी के शारीरिक इलाज के साथ-साथ मानसिक तौर पर भी बीमारियों से लड़ने के लिए उसे मज़बूत बनाता है। एक फिजियोथेरेपिस्ट का कार्य प्रोफ़ाइल निवारक, नवनिर्माण और पुनर्वास होता है। आज के संदर्भ में एक फिजियोथेरेपिस्ट की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। इसलिए इस कैरियर को बनाने की एक अच्छी गुंजाइश है न केवल मौद्रिक भाग्य में अच्छा है बल्कि समाज में उच्च सम्मान प्राप्त करने के लिए भी बहुत अच्छा है।

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अगर आप ने किसी मान्यताप्राप्त बोर्ड से विज्ञान विषयों के साथ 12 वीं की पढ़ाई पूरी की है तो आप इस क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं । इस कोर्स को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद आप फिजिओथेरेपिस्ट, रिहैबिलिटेशन एक्सपर्ट एडवाइजर स्पोर्ट्स फिजिओथेरेपिस्ट भी बन सकते हैं । सरकारी और निजी क्षेत्र दोनों जगहों पर अवसर मौजूद हैं ।

बैचलर ऑफ़ फिजिओथेरेपी https://www.jru.edu.in/programs/bpt/ की पढ़ाई के लिए रांची में झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी एक विश्वसनीय नाम है। यूजीसी और नैक की मान्यता प्राप्त यह यूनिवर्सिटी बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल का एकलौता प्राइवेट यूनिवर्सिटी है जिसके बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर, इंडस्ट्री फ्रेंडली करिकुलम, अनुभवी शिक्षकों स्किल बेस्ड एजुकेशन, लैंगवेज लैब सुविधा और एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी के कारण मान्यता मिला है।

फिजियोथेरेपी एक चिकित्सा उपचार है जो चोट की रोकथाम, पुनर्वास, समग्र फिटनेस और स्थायी चिकित्सा का एक संयोजन है। फिजियो ज्यादातर अंगों की गतिविधियों पर केंद्रित होता है और वह विज्ञान है जो इस मुद्दे के चारों ओर घूमता है कि किसी अंग को विकलांगता की अवस्था से कैसे निकाला जाय या उसका कम काम करने वाला अंग कैसे फिर से ठीक से काम करने लगे; फिजियोथेरेपी से रोगियों को अधिकतम शक्ति (किसी भी आगे की चोट से पहले) को बहाल करने में मदद कर सकती है।

हम बात कर रहे है फिजिओथेरेपी कोर्स https://www.jru.edu.in/blog-post/be-a-doctor-without-passing-neet-exam-with-bpt/ के बारे में जिसे करने के बाद आप किसी प्रशिक्षित डॉक्टर की तरह एडवाइस देना, मेडिटेशन और एक्सरसाइज सजेस्ट करना, थेरेपी और ट्रीटमेंट के जरिये मरीज को ठीक करने का काम कर सकते है। फिजिओथेरेपी कोर्स कई मायनों में काफी अलग और महत्वपूर्ण है। सर्जरी, क्रोनिक के अलावा न्यूरोलॉजिकल बिमारियों में भी यह मददगार साबित हुआ है।

यह एकलौता ऐसा कोर्स है जिसे करने के बाद आप अपने नाम के साथ साथ डॉक्टर भी लिख सकते है और प्रैक्टिस शुरू कर सकते है। किसी हॉस्पिटल, नर्सिंग होम के साथ जुड़ कर काम कर सकते है या खुद की क्लिनिक खोल कर प्रैक्टिस शुरू कर सकते है। फिजियोथेरेपी मेडिकल साइंस का पॉपुलर ब्रांच है। फिजियोथेरेपी में डिग्री और डिप्लोमा के साथ मास्टर डिग्री और पीएचडी तक किया जा सकता है।

करियर के लिहाज से बैचलर इन फिजिओथेरेपी https://www.jru.edu.in/physiotherapy-lab/आप के लिए बेस्ट है। यह चार वर्षीय डिग्री कोर्स है, इसके बाद 6 माह की इंटर्नशिप भी पूरी करनी होती है। इंटर्न बनाकर काम करने और सिखने का मौका मिलता है।

NEET परीक्षा में नहीं हुआ चयन तो न हो निराश, BPT कोर्स देता है डॉक्टर बनने और प्रैक्टिस करने का मौका

देश में 550 मेडिकल कॉलेज है और इनमें 80 हजार सीटों पर हर वर्ष एडमिशन हुआ करता है। लेकिन आप जानते है यूजी नीट(NEET) परीक्षा में हर साल 10 से 15 लाख स्टूडेंट बैठते है और 10 प्रतिशत से भी कम स्टूडेंट्स मेडिकल की पढ़ाई के लिए चुने जाते है। कई स्टूडेंट्स रिपीटर बनकर फिर एक उम्मीद के साथ अगले एक साल के लिए अपने को झोंक देते है की अगली बार उनका नंबर आएगा। लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं की अगली बार भी सफलता मिलेगी। अब क्या करें? मेडिकल प्रोफेशनल और डॉक्टर बनने के सपने को अधूरा छोड़ दें?

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हम आपको बताने वाले है एक ऐसे कोर्स के बारे में जिसे करने के बाद आप अपने नाम के साथ डॉक्टर भी लिख सकते है और यह आपके मेडिकल फील्ड से जुड़ा हुआ भी है। हम बात कर रहे है फिजिओथेरेपी कोर्स के बारे में जिसे करने के बाद आप किसी प्रशिक्षित डॉक्टर की तरह एडवाइस देना, मेडिटेशन और एक्सरसाइज सजेस्ट करना, थेरेपी और ट्रीटमेंट के जरिये मरीज को ठीक करने का काम कर सकते है। फिजिओथेरेपी कोर्स कई मायनों में काफी अलग और महत्वपूर्ण है। सर्जरी ,क्रोनिक के अलावा न्यूरोलॉजिकल बिमारियों में भी यह मददगार साबित हुआ है।

यह मेडिकल फील्ड का ऐसा कोर्स है जिसे करने के बाद आप अपने नाम के साथ डॉक्टर लिख कर प्रैक्टिस शुरू कर सकते है। किसी हॉस्पिटल, नर्सिंग होम के साथ जुड़ कर काम कर सकते है या खुद की क्लिनिक खोल कर प्रैक्टिस शुरू कर सकते है। फिजियोथेरेपी मेडिकल साइंस का पॉपुलर ब्रांच है। फिजियोथेरेपी में डिग्री और डिप्लोमा के साथ मास्टर डिग्री और पीएचडी तक किया जा सकता हैं। करियर के लिहाज से बैचलर इन फिजिओथेरेपी आप के लिए बेस्ट है।

बीपीटी का पूरा नाम बैचलर इन फिजियोथेरेपी (BPT) है। यह चार वर्षीय डिग्री कोर्स होता है। इसके बाद 6 माह की इंटर्नशिप भी पूरी करनी होती है। इंटर्न बनाकर काम करने और सिखने का मौका मिलता है।

बैचलर ऑफ़ फिजिओथेरेपी की पढ़ाई के लिए रांची में झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी के विश्वसनीय नाम है। यूजीसी और नैक की मान्यता प्राप्त यह यूनिवर्सिटी बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल का एकलौता प्राइवेट यूनिवर्सिटी है जिसके बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर, इंडस्ट्री फ्रेंडली करिकुलम, एक्सपेरिएंस्ड फैकल्टी मेंबर, स्किल बेस्ड एजुकेशन, लैंगवेज लैब सुविधा और एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी को देखते हुए यह मान्यता मिला है।

अगर आप ने किसी मान्यताप्राप्त बोर्ड से विज्ञान विषयों के साथ 12 वीं की पढ़ाई पूरी की है तो आप इस क्षेत्र में अपना करियर बना सकते है। इस कोर्स को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद आप फिजिओथेरेपिस्ट,रिहैबिलिटेशन एक्सपर्ट एडवाइजर स्पोर्ट्स फिजिओथेरेपिस्ट भी बन सकते है। सरकारी और निजी क्षेत्र दोनों जगहों पर अवसर मौजूद है।