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झारखंड प्रतियोगी परीक्षा विधेयक 2023: नकल करना पड़ेगा महंगा

प्रतियोगिता परीक्षा में चोरी करते पकड़े जाने पर अब एक से तीन साल तक की सजा होगी। साथ ही पांच लाख रुपये जुर्माने भी देना होगा। राज्य सरकार ने झारखंड प्रतियोगिता परीक्षा (भर्ती में अनुसूचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) विधेयक-2023 गुरुवार को सदन से पारित कर दिया है । विधेयक के पास होने के बाद अब कदाचार करना मतलब जेल की सलाखों के पीछे जाना और आर्थिक दंड का भागीदार बनना होगा। बिल के जरिए सरकार ने कठोर कानून बनाकर परीक्षा में नकल रोकने की पहल की है। 17 पेज के इस बिल में जो प्रावधान किए गए हैं उसमें परीक्षा के दौरान थोड़ी सी भी नकल करते विद्यार्थी पाए गए तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा। विधेयक के दायरे परीक्षार्थी से लेकर परीक्षा लेने वाली एजेंसी, कोचिंग सेंटर तक को शामिल किया गया है। पकड़े जाने पर 1 साल से लेकर 10 साल की सजा के साथ-साथ आजीवन कारावास का भी प्रावधान किया गया है।

विधेयक के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

  • FIR के लिए प्रारंभिक जांच की आवश्यकता नहीं।
  • आरोपित व्यक्ति की गिरफ्तारी से पहले अनुसंधान पदाधिकारी को किसी से अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।
  • इस अपराध के मामले का अनुसंधान डीएसपी से नीचे स्तर का पदाधिकारी नहीं करेंगे। जहां डीएसपी तैनात नहीं होंगे, वहां एसपी स्तर के पदाधिकारी अनुसंधान करेंगे।
  • इस मामले में सुनवाई के लिए राज्य सरकार झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से विशेष न्यायालय का गठन करेगी।

विधेयक का औचित्य:

विधेयक के औचित्य पर सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह विधेयक छात्रों के हित में है। बिल को अन्य राज्यों ने भी अपनाया है। सरकार नौजवानों के भविष्य को सुरक्षित करने का संकल्प ले रही है। हमें मजबूती के साथ आगे बढ़ना चाहिए और पारदर्शिता से हर परीक्षा आयोजित करनी चाहिए, ताकि राज्य के नौजवानों का भविष्य बेहतर हो सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक छात्र कदाचार करता है तो लाखों नौजवान प्रभावित होते हैं। जहां भी जिस स्तर पर कदाचार होगा, कार्रवाई होगी। कदाचार प्रश्नपत्र लीक किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के साथी विधेयक पर जो भय और डर के सवाल खड़े कर रहे हैं, यही सोच सरकार की भी है। इस विधेयक का भय और डर संस्थाओं पर भी हो और छात्रों पर भी हो जो प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होते हैं।

विधेयक में सजा का प्रावधान:

  • नकल करते हुए पहली बार पकड़े जाने पर तीन साल की जगह एक वर्ष की सजा, पांच लाख जुर्माना है।
  • नकल करते हुए दूसरी बार पकड़े जाने पर सात वर्ष की जगह तीन वर्ष की सज़ा, 10 लाख जुर्माना है।
  • व्यक्ति, प्रिंटिंग प्रेस, परीक्षा संचालन के लिए अनुबंधित या प्रबंध तंत्र से षड्यंत्र करने पर 10 साल सजा, 10 करोड़ का जुर्माना है।
  • परीक्षा के बाद प्रश्न पत्र लूटने, चोरी करने या ओएमआर शीट नष्ट करने पर 10 साल सजा, दो करोड़ रुपए जुर्माना है।
  • संगठित अपराध में परीक्षा प्राधिकरण के साथ षड़यंत्र करने पर दस साल सजा, 10 करोड़ रुपए जुर्माना है।