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JAC 12वीं के संशोधित सिलेबस को मंजूरी। परीक्षा और मूल्यांकन में बदलाव

झारखंड सरकार ने 12वीं तक के संशोधित सिलेबस को मंजूरी दे दी है। सिलेबस में 40 फ़ीसदी की कटौती की गई है। इसके अलावा परीक्षा और मूल्यांकन में भी बदलाव किया गया है। प्लस टू स्कूल के सिलेबस में 40 फीसदी तक की कटौती की गई है। भाषा सब्जेक्ट में जहां चैप्टर बढ़ाये गए हैं वही गणित विज्ञान में चैप्टर हटाए गए हैं।

वेटेज ऑफ मार्क्स :
संशोधित पाठ्यक्रम के साथ विभाग मैट्रिक और इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों के लिए वेटेज ऑफ मार्क्स भी जारी करेगा। सीबीएसई की तर्ज पर वेटेज ऑफ मार्क्स जारी होगा। संशोधित सिलेबस में परीक्षार्थियों को पता चल सकेगा कि किस चैप्टर और टॉपिक से कितने नंबर के प्रश्न आएंगे। इससे मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा की तैयारी करने में परीक्षार्थियों को सहूलियत होगी।

वेटेज ऑफ मार्क्स ( इंटरमीडिएट) :-
हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, गणित, भौतिकी, रसायन शास्त्र, जीव विज्ञान, इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, बिजनेस स्टडीज, अकाउंटेंसी, अंतरप्राइनियोरशिप और बिजनेस मैथमेटिक्स में प्रश्नों के प्रकार और अंक प्रणाली ।

  • ऑब्जेक्टिव या वेरी शॉर्ट आंसर : 40 प्रतिशत
  • वेरी शॉर्ट टाइप प्रश्न : 20 प्रतिशत
  • शॉर्ट आंसर : 20 प्रतिशत
  • लॉन्ग आंसर : 20 प्रतिशत

सिंगल फार्मूला विधि से गणित की परीक्षा :
संशोधित सिलेबस के आधार पर मैट्रिक और इंटरमीडिएट के परीक्षार्थी एक फार्मूले के आधार पर ही परीक्षा दे सकेंगे। परीक्षा में विलोपन विधि से प्रश्न पूछे जायेंगे। गणित में वैसे चैप्टर को हटाया गया है जिन्हें घर पर पढ़ना संभव नहीं है।

मॉडल पेपर होगा जारी :
मैट्रिक और इंटरमीडिएट के सिलेबस संशोधित होने के साथ ही मॉडल प्रश्न पत्र भी जारी होंगे। जैक की ओर से संशोधित सिलेबस के आधार पर मॉडल प्रश्न पत्र तैयार किया जायेगा । इसमें सभी संशोधित चैप्टर से प्रश्न पूछे जाएंगे।

टेस्ट के जरिए होगी तैयारी :
सिलेबस संशोधित होने के बाद जैक के द्वारा जारी होने वाले मॉडल प्रश्नपत्र के आधार पर मैट्रिक और इंटरमीडिएट के छात्र -छात्राओं का टेस्ट लिया जा सकेगा। उन्हें उसे बना कर शिक्षकों को दिखाने के लिए कहां जाएगा, जो भी गलती होगी उसे पकड़ा जा सके।

वस्तुनिष्ठ प्रश्नों में 20 फीसदी बढ़ोतरी :
इंटरमीडिएट की परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की संख्या 25 फ़ीसदी तक रहती है। इस आधार पर 2021 की इंटरमीडिएट में ऑब्जेक्टिव प्रश्न में 10 से 20 फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी की गई है।

राज्य सरकार ने कोरोना महामारी की वजह से स्कूल नहीं खुलने और पढ़ाई बाधित होने के बाद 40 फ़ीसदी सिलेबस में कटौती की थी। इसी आधार पर मैट्रिक और इंटरमीडिएट की 2021 की परीक्षा पैटर्न में बदलाव करने का निर्णय लिया था। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि “कोविड-19 की वजह से स्कूलों में क्लास नहीं चल रहे हैं। इससे क्लास में छात्रों की उपस्थिति नहीं है। ऐसे में स्कूलों को मैट्रिक की परीक्षा में इंटरनल एसेसमेंट में उपस्थिति के आधार पर अंक देने में कठिनाई होगी। 12 वीं की परीक्षा संभवतः 2022 के मई महीने में होगी।