Covid -19 की दूसरी लहर को हराना है: जागरूक बनें, लक्षण पहचाने और तुरंत करवा लें जाँच

देश में कोरोना की दूसरी लहर थमने का नाम नहीं ले रही है। रोजाना नए मामलों की संख्या बढ़ रही है। सोमवार को एक्टिव मामलों की संख्या 12 लाख के पार हो गई। कई राज्यों ने कोरोना को बढ़ने से रोकने के लिए पाबंदियां लगाई हैं। केंद्र और राज्य सरकार हालात से निपटने के लिए नई रणनीति बना रही हैं। कई राज्यों ने आंशिक प्रतिबंध और नाइट कर्फ्यू का सहारा लिया है, तो कई जगह पर टेस्टिंग और ट्रेसिंग पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में कोरोना की दूसरी लहर को लेकर कई गंभीर सवाल लोगों के मन में हैं।

  • कैसे भारत में आई कोरोना वायरस की दूसरी लहर?
    कोरोना के नए स्ट्रेन की खोज और लोगों द्वारा बरती जा रही लापरवाही ने देश में इस महामारी के प्रसार को बढ़ाने का काम किया है. स्वास्थ मंत्रालय के अनुसार, नया वायरस काफी तेजी से फैल रहा है और इस लिहाज से अगले चार सप्ताह काफी महत्वपूर्ण हैं.
  • क्यों तेजी से बढ़ रहे हैं मामले?
    लोगों की लापरवाही, प्रशासन की ढील और नए वायरस का उभरना कोरोना फैलने की प्रमुख वजहें हैं. डॉक्टर लगातार संक्रमण फैलने के रुझानों की बात करते रहे हैं। इनकी अनदेखी करना महंगा पड़ रहा है ।
  • क्या तेज है कोरोना की रफ्तार?
    देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की दर तेजी से बढ़ी है. गुजरात जैसे राज्यों में कोरोना की दूसरी लहर सबसे अधिक तबाही मचा रही है, जो दर्शाता है कि यह पहली लहर से काफी अधिक खतरनाक है।
  • क्या हैं नए संक्रमण के लक्षण?
    कोरोना वायरस के नए संक्रमण के लक्षण पुराने से अधिक गंभीर हैं। पुराने लक्ष्ण जैसे खांसी, बुखार, गले में तकलीफ के साथ नया वायरस अन्य लक्षण भी लेकर आया है । अस्पतालों में भर्ती हो रहे मरीजों के पड़ताल से इसकी जानकारी मिली है। नए लक्षण में वायरल बुखार के साथ पेट में दर्द, उल्टी व दस्त, घबराहट, सर्दी-जुकाम आदि शामिल हैं। कई मरीजों को बदन में दर्द, गैस, भूख न लगना, मांसपेशियों में अकड़न जैसी शिकायतें भी हैं। हालांकि, अब भी ऐसे मरीजों की तादाद कम नहीं हैं, जिनमें कोई लक्ष्ण नजर नहीं आ रहे हैं।
  • संक्रमण क्या तेजी से फैल रहा है?
    नया संक्रमण कोरोना के ज्यादातर मामलों में अब भी न के बराबर या काफी हल्के लक्ष्ण नजर आ रहे हैं. मगर समय के साथ-साथ वायरस ने अपना रूप बदल लिया है। यह अधिक घातक हो गया है। जिन लोगों को पहले से ही कोई बीमारी है, उन पर इसका कहर अधिक है। इसलिए अधिक लोगों को हॉस्पिटल में भर्ती करवाना पड़ रहा है।
  • गैस को न करें नजरअंदाज कोरोना वायरस के नए मामलों में पेट में एसिडिटी या गैस की शिकायत काफी आम है. शुरुआत में इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा था, मगर अब डॉक्टर इस बात को लेकर काफी चिंतित है. कई डॉक्टर्स का मानना है कि अपच, डायरिया, पेट में दर्द और उल्टी आदि के चलते मरीजों में गैस की शिकायतें बढ़ रही हैं। इसके अलावा नया वायरस अहम अंगों को भी क्षतिग्रस्त कर रहा है। ऐसे में अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।
  • किन चीज़ो का पालन करके आप अपने आप को सुरक्षित रख सकते है ?

हालांकि, आज तक कोई भी वैक्सीन या दवाई नहीं बन सकी है कोरोना वायरस के इलाज के लिए | WHO और CDC के अनुसार निम्नलिखित चीज़ो का पालन करके इन्फेक्शन की रिस्क को कम किया जा सकता है –

  • अपने हाथों को कुछ समय के अंतर नियमित साफ करें। साबुन और पानी का उपयोग करें, या अल्कोहॉल आधारित सैनीटाइज़र से हाथ रगड़ें।
  • खांसने या छींकने पर अपनी नाक और मुंह को अपनी मुड़ी हुई कोहनी या एक टिश्यू से ढक लें।
  • COVID-19 से पीडित लोग से या खांसी या छींकने वाले किसी से भी सुरक्षित दूरी बनाए रखें।
  • अपनी आँखें, नाक या मुंह को बार बार न छुएं।
  • यदि आप अस्वस्थ महसूस करते हैं तो घर पर रहें। अपने बर्तन, गिलास और बीएड किसी से शेयर ना करे
  • यदि आपको बुखार, खांसी और सांस लेने में कठिनाई होती है, तो इलाज कराएं।
  • ज़्यादा इस्तेमाल करने वाले जगहों को नियमित तरीके से डिसइंफेक्टेंट से साफ़ करते रहे |
  • अगर आप बीमार है, तोह पब्लिक जगहों से दूर रहे जैसे कि स्कूल, ऑफिस आदि।
  • अपने स्थानीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के निर्देशों का पालन करें।

डॉक्टर से संपर्क कब करना हैं?
कोविड – 19 के संक्रमण गंभीर होने से मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम संक्रमण हो सकता है । COVID-19 के लक्षण होने पर बहार निकलने का सलाह नहीं देतें यहाँ तक की मेडिकल क्लिनिक या अस्पताल भी ना जाएं। यह वायरस को फैलने से बचाने में मदद करता है। यदि आपके परिवार के किसी सदस्य में संक्रमण के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करे। यदि आपके परिवार के किसी सदस्य में संक्रमण के लक्षण दिखने पर नज़दीकी डॉक्टर से फ़ोन पर संपर्क करे, या राज्य के हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।