हाल के वर्षों में, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का खेती में बड़े पैमाने पर प्रयोग किया गया है। एआई किसानों को किसी विशेष मौसम परिदृश्य के लिए सर्वोत्तम बीज चुनने में मदद करता है। एआई-संचालित समाधान किसानों को कम संसाधनों में अधिक उत्पादन करने और फसल की गुणवत्ता में सुधार करने में मददगार है।भारत सरकार ने किसानों की सहायता के लिए कृषि क्षेत्र में विभिन्न चुनौतियों के समाधान करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता विधियों को अपनाया है।
कृषि क्षेत्र में AI का उपयोग :
किसान ई-मित्र’, AI -संचालित चैटबॉट : यह पीएम किसान सम्मान निधि योजना से जुड़े प्रश्नों के उत्तर देने में किसानों की सहायता के लिए विकसित किया गया है। कई भाषाओं में उपलब्ध यह चैटबॉट अन्य सरकारी कार्यक्रमों में सहायता के लिए विकसित किया जा रहा है। किसान ई-मित्र प्रतिदिन 20,000 से अधिक किसानों के प्रश्नों का उत्तर देता है और अब तक 92 लाख से अधिक प्रश्नों का उत्तर दे चुका है।
राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली : यह प्रणाली जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले उत्पादन नुकसान से निपटने के लिए ,फसलों में कीटों का पता लगाने के लिए एआई और मशीन लर्निंग का उपयोग करती है। वर्तमान में 10,000 से अधिक कार्यकर्ताओं द्वारा इसका उपयोग किया जा रहा है। यह कीट निगरानी प्रणाली फसलों को कीटों से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए किसानों को कीटों की तस्वीरें खींचने की सुविधा उपलब्ध करती है। अब तक इस प्रणाली से लगभग 1 लाख अपलोड की गई छवियों के साथ 61 फसलों और 400 से अधिक कीटों की पहचान की गई है।
चावल और गेहूं की फसलों के लिए डेटा सेट का उपयोग : चावल और गेहूं की फसलों के लिए उपग्रह, मौसम और मिट्टी की नमी डेटासेट का उपयोग करके फसल स्वास्थ्य मूल्यांकन और फसल स्वास्थ्य निगरानी के लिए क्षेत्र की तस्वीरों का उपयोग करके एआई-आधारित विश्लेषण किया जाता है।
AI का उपयोग करके, किसान अब उन्नत डेटा और एनालिटिक्स टूल तक पहुँच सकते हैं जो बेहतर खेती को बढ़ावा देंगे, दक्षता में सुधार करेंगे और नकारात्मक पर्यावरणीय प्रभावों को कम करते हुए जैव ईंधन और खाद्य उत्पादन में बर्बादी को कम करेंगे । AI और मशीन लर्निंग ने विभिन्न उद्योगों को बदल दिया है।