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भारत की 80% उच्च शिक्षा स्टेट प्राइवेट यूनिवर्सिटी में प्राप्त हो रही है

नीति आयोग ने पिछले दिनों गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा का विस्तार नाम से एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट, उच्च शिक्षा क्षेत्र में अपनी तरह का पहला नीति दस्तावेज है। रिपोर्ट स्टेट यूनिवर्सिटी और स्टेट प्राइवेट यूनिवर्सिटी पर केंद्रित है। उच्च शिक्षा आधारित इस रिपोर्ट में विषय गुणवत्ता, सेल्फ फाइनेंस, एडमिनिस्ट्रेशन और रोजगार के अवसर पर परिणाम आधारित विश्लेषण दिया गया है। रिपोर्ट निर्माण में 20 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उच्च और तकनीकी शिक्षा विभागों के राज्य सरकार के अधिकारियों, कुलपतियों और 50 एसपीयू के वरिष्ठ शिक्षाविदों और कई राज्य उच्च शिक्षा परिषदों के अध्यक्षों के साथ आयोजित व्यापक चर्चाओं के मिली विशेष जानकारियां शामिल की गयी है।

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नीति आयोग क्या हैं ?
नीति आयोग, भारत सरकार का एक नीतिगत थिंक टैंक है. यह केंद्र और राज्य सरकारों को नीतिगत सलाह देता है. इसे राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्था (NITI) के नाम से भी जाना जाता है।

नीति आयोग के कार्य :

  • देश में सतत विकास लक्ष्यों को अपनाने और उनकी निगरानी करना
  • राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच प्रतिस्पर्धात्मक और सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना
  • केंद्र और राज्यों के लिए कार्यनीति और दीर्घकालिक नीतियां और कार्यक्रम तैयार करना
  • केंद्र और राज्यों को तकनीकी सलाह देना
  • आकस्मिक मुद्दों से निपटना है।

नीति आयोग का गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा का विस्तार रिपोर्ट :

प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार , नीति आयोग की भूमिका शोध के ज़रिए साक्ष्य तैयार करना है, जबकि कार्यान्वयन मंत्रालय की जिम्मेदारी है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि रिपोर्ट में शामिल सिफारिशों को केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रालय उत्साहपूर्वक आगे बढ़ाएंगे।

नीति आयोग की यह रिपोर्ट एनईपी के कार्यान्वयन और विकसित भारत 2047 के लिए भारत के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। भारत की 80% उच्च शिक्षा एसपीयू में प्राप्त हो रही है, मानव पूंजी बनाने और भारत को एक ज्ञान केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए उनमें सुधार करना बेहद जरूरी हो जाता है।

2035 तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का लक्ष्य, उच्च शिक्षा प्रणाली में छात्रों का नामांकन दोगुना करते हुए इसे करीब 9 करोड़ तक पहुंचाना है। इनमें से लगभग 7 करोड़ एसपीयू में पढ़ाई जारी रखेंगे। इसलिए, यह बेहद जरूरी है कि ये विश्वविद्यालय केवल उच्च शिक्षा तक पहुंच बनाने पर ध्यान केंद्रित ना करते हुए, 2047 तक विकसित भारत बनाने के दृष्टिकोण को मजबूती देने के लिए ज़रूरी उच्च गुणवत्ता वाले मानव संसाधन तैयार करने के लिए भी विश्व स्तरीय उच्च शिक्षा प्रदान करने पर ज़ोर दें। नीति आयोग की गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा का विस्तार’ पर पॉलिसी रिपोर्ट को बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।

बजट 2025 में उच्च शिक्षा :
10,000 पीएमआरएफ रिसर्च फेलो का चयन, सेकेंड जेनरेशन आईआईटी में 6,500 सीटें जोड़ना और क्षेत्रीय भाषा शिक्षा के लिए भारतीय भाषा पाठ्यपुस्तक योजना । 2023-24 से 2025-26 के लिए पीएम-ऊषा को 13,000 करोड़ रुपये के आवंटन ज़िक्र। एमईआरयू बनने के लिए प्रति एसपीयू 100 करोड़ रुपये शामिल हैं।

नीति आयोग की रिपोर्ट एक विस्तृत नीति रोडमैप प्रदान करती है, जिसमें नीतियों से जुड़ी करीब 80 सिफारिशें, लघु, मध्यम और दीर्घकालिक कार्यान्वयन की रणनीतियां, सिफारिशों को लागू करने के लिए जिम्मेदार लोग अथवा कारक और 125 से अधिक प्रदर्शन सफलता संकेतक शामिल हैं। परामर्श प्रक्रिया से मिलीं सिफारिशों का मकसद अनुसंधान, शिक्षा शास्त्र और पाठ्यक्रम की गुणवत्ता में सुधार करना, संस्थागत और प्रणालीगत वित्त पोषण और वित्तपोषण क्षमता को बढ़ाना, संस्थागत शासन संरचनाओं को उन्नत और सशक्त बनाना और छात्रों की रोजगार क्षमता को बढ़ावा देने के लिए उद्योग-अकादमिक इंटरफेस को मजबूत करना है।