जेआरयू, रांची कैंपस में प्रधानमंत्री के तकनिकी सलाहकार दीपक वोहरा का व्याख्यान

न्यूज़ सोर्स : जेआरयू डिजिटल सेल

पोलैंड में भारत के राजदूत रहे पूर्व राजनीतिज्ञ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लेसोथो, गूईएना- बिसाउ और लद्दाख़ ऑटोनोमस हिल डेवलपमेंट कौंसिल लेह और कारगिल पर सलाहकार डॉ. दीपक वोहरा ने बुधवार (15 जनवरी) को झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी रांची, कमड़े कैंपस में व्याख्यान दिया। भारत के विदेश मंत्रालय में सचिव स्तर के अधिकारी डॉ. वोहरा कई देशों में भारत के राजदूत और विदेशी सरकारों के सलाहकार रह चुके है। इन्होनें दूरदर्शन के कई कार्यक्रमों में एंकरिंग किया है।

अपनी विदेश सेवा के दौरान आप फ्रांस, टुनिशिया, यूनाइटेड स्टेट, चैड, कैमरून, पापुआ न्यू गिनी, स्पेन, अर्मेनिया और सूडान, में अपनी सेवा दी है। मलेशिया में डिप्टी हाई कमिश्नर भी रह चुके है। डॉ. वोहरा एक मुखर वक्ता होने के साथ वर्तमान में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी, प्रधानमंत्री के तकनिकी सलाहकार के तौर कार्यरत है।

डॉ. वोहरा विकासशील देशों में विकास और राजनितिक यांत्रिकी के जाकर है। इन्हें अफ़्रीकी देशों के राजनितिक मामलों की बेहतर समझ को लेकर ख्याति प्राप्त है। स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली और नेशनल डिफेंस कॉलेज से पास आउट डॉ.वोहरा ने राय यूनिवर्सिटी, रांची कैंपस में अपने संबोधन के दौरान बदलते भारत की तस्वीर पेश करते हुये कहा “भारत युवा शक्ति, आर्थिक और तकनिकी प्रगति की राह पर है। भारत की आबादी युवा जोश से भरी है,बदलते भारत की शक्ति को विश्व के देश भी पहचानते है, इसलिए भारत की चर्चा पुरे विश्व में है।“

चर्चा के दौरान उन्होंने बताया की “भारत की सेना विश्व की चौथी बड़ी ताकत है और 2028 तक हर भारतीय के लोगों के पास दो गुना धन होगा।“उन्होंने भारत के बदलते तस्वीर पर बोलते हुए कहा की ” भारत में कानून का राज है। कानून अपना काम बेहद ईमानदारी से कर रहा है। उन्होंने एलिसा आइरस की प्रसिद्ध पुस्तक ” आवर टाइम हैज कम” (OUR TIME HAS COME)की चर्चा करते हुए विश्व के बड़े देशों के समूहों में भारत के बढ़ते धमक को नए युग की शुरुवात बताया। उन्होंने कहा आज भारत यूएन में अपनी अहमियत रखता है. रूस जैसे महाशक्ति को लाइन ऑफ़ क्रेडिट के तहत ऋण की राशि देता है, बड़ी आपदाओं के होने पर खुद अपने को साबित करने की क्षमता से विश्व को आकर्षित कर रहा है। डॉ. वोहरा ने अपने कारगिल और नार्थ ईस्ट इलाकों में किये गये कार्यों और यादगार लम्हों को याद करते हुए बताया की ‘आपाती वार मेमोरियल’ कारगिल की लड़ाई की याद में बनायीं गयी है। सीमा सड़क संगठन की क्षमता और कार्य करने के तरीकों को अतुलनीय और सराहनीय कार्यों में शामिल किये जाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा की इनके किये गए सड़क निर्माण कार्य अपने आप में भारत को नया आयाम देते है।

व्याख्यान कार्यक्रम समाप्त होने पर राय यूनिवर्सिटी, रांची के रजिस्ट्रार डॉ. पीयूष रंजन ने डॉ. दीपक वोहरा को पौधा और शॉल देकर सम्मानित किया।