झारखंड राय विश्वविद्यालय, रांची के डिपार्टमेंट ऑफ़ लीगल स्टडीज में मंगलववार को निः शुल्क विधिक सेवा केंद्र का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर अतिरिक्त न्यायिक आयुक्त xv सह विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए एवं विशेष न्यायाधीश एफटीसी ( सीएडब्ल्यू ) व विशेष न्यायाधीश इलेक्ट्रिसिटी अधिनियम रांची अमित शेखर उपस्तिथ थे।उद्घाटन अवसर पर जिला विधिक सेवा के सचिव श्री कमलेश बेहरा भी उपस्थित थे।
अतिरिक्त न्यायिक आयुक्त सह विशेष न्यायाधीश ने रिबन काट कर निः शुल्क विधिक सेवा केंद्र का उद्घाटन किया।
इसअवसरपरBA LLB एवं LLB के विद्यार्थियों के साथ संवाद करते हुए उन्होंने विधिक सेवा प्राधिकरण एवं विधिक सेवा केंद्र के विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी देने का कार्य किया। माननीय न्यायाधीश ने विधि के विद्यार्थियों से संवाद करते हुए विधि के विभिन्न विषयों पर भी जानकारी प्राप्त किया। इस दौरान कहा की विधिक सेवा केंद्र के जरिये विधिक उपचार देने का कार्य विश्वविद्यालय परिसर से ही शुरू किया जाय। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर आम लोगों को विधि के नियमों के प्रति बहुत अधिक जानकारी नहीं होती है ऐसे लोगों को विधिक उपचार इसके माध्यम से उपलब्ध कराना है। इसके लिए आगे आना है।
कार्यक्रम में उपस्तिथ झारखंड राय विश्वविद्यालय रांची की कुलपति प्रो० (डॉ०) सविता सेंगर ने मौके पर विधि के विद्यार्थियों से कहा कि विश्वविद्यालय में विधि शिक्षा के साथ आज विधिक सेवा केंद्र का उद्घाटन हर्ष के साथ सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति एक नया कदम भी है। शैक्षणिक संस्थान के कारण हमारी कुछ सामाजिक जिम्मेदारियां भी है। इनके निर्वहन में केंन्द्र और भी अधिक सहायक साबित होगा।
विधिक सेवा केंद्र के बारे में जाने पूरी जानकारी :
विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 29 में प्रदत अधिकारों के तहत एवं धारा 4 के प्रावधानों के अनुसार विधिक सेवा केंद्र विनियमन 2011 बनाया गया है। यह केंद्र कानूनी सहायता देने के लिए हैं। इन केंद्रों का मकसद, समाज के कमज़ोर वर्गों को मुफ़्त या कम पैसे में कानूनी सहायता देना होता है। विधिक सेवा केंद्रों को ‘वन स्टॉप सेन्टर’ की तरह काम करना होता है। इन केंद्रों पर, बच्चे, महिलाएं, दिव्यांग, बंदीजन, और वंचित सभी को न्याय तक पहुंच सुनिश्चित कराई जाती है।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) का गठन, कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत किया गया था। हर राज्य में, NALSA की नीतियों को लागू करने के लिए राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण गठित है। झारखंड में झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (JHALSA) विधिक सेवा सह सशक्तिकरण के लिए कार्य करती है। जिलों में भी इसका गठन किया गया है जिसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण DALSA कहते हैं।
विधिक सेवा केंद्रों से जुड़ी कुछ खास बातें
- विधिक सेवा केंद्र, दीवानी और आपराधिक मामलों में कानूनी सहायता देते हैं.
- विधिक सेवा केंद्रों में, विधिक साक्षरता शिविरों का आयोजन किया जाता है.
- विधिक सेवा केंद्रों में, परामर्श और सुलह समझौता केंद्र होते हैं.
- विधिक सेवा केंद्रों में, पंजी होता है जिसमें हर आने-जाने वाले का नाम-पता, संपर्क नंबर, उद्देश्य, और दी गई विधिक सहायता दर्ज रहती है.
- विधिक सेवा केंद्रों में, चलंत लोक अदालत और जागरूकता वाहन का भी इस्तेमाल किया जाता है.