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सीबीएसई 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा में बदलाव। 15 फ़रवरी से होगी परीक्षा

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा 2024 15 फरवरी 2024 से शुरू हो रही है। 10वीं की परीक्षा 13 मार्च को समाप्त होगी, जबकि कक्षा 12वीं की परीक्षा 2 अप्रैल 2024 को समाप्त होगी। रेगुलर और प्राइवेट छात्रों के लिए एडमिट कार्ड अलग-अलग जारी होंगे। सीबीएसई 2024 परीक्षा का समय सुबह 10:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक है। कुछ विषयों की परीक्षाएं केवल दो घंटे की अवधि के लिए दोपहर 12:30 बजे तक आयोजित की जाएंगी।

शिक्षा में गतिशीलता और आमूलचूल परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCRF) तैयार किया है। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित उच्च-स्तरीय समिति ने स्कूली से उच्च शिक्षा तक एक एकीकृत क्रेडिट संचय और हस्तांतरण ढांचा तैयार किया है, जिसके तहत विद्यार्थियों को शैक्षणिक और कौशल विषयों में क्रेडिट दिया जाएगा। सभी राज्य बोर्ड, सीबीएसई और एनआईओएस बोर्ड के लिए दिशा निर्देश तैयार किए गए हैं।

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शैक्षणिक सत्र 2024-25 से हुए अहम बदलाव:

  • 10वीं कक्षा में तीन भाषाएं शामिल होंगी, जिसमें दो भाषा कम से कम भारत में बोली जाने वाली होगी, वहीं सात मुख्य विषय होंगे। इसमें गणित और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, कला शिक्षा, शारीरिक शिक्षा और कल्याण, व्यावसायिक शिक्षा और अंत: विषय क्षेत्र शामिल हैं। विद्यार्थी को सभी 10 विषयों में उत्तीर्ण होना होगा।
  • 12वीं में अब विद्यार्थियों को एक के बजाय दो भाषाएं पढ़नी होंगी। इसमें कम से कम एक भाषा भारत में बोली जाने वाली होगी, वहीं चार मुख्य विषय और एक वैकल्पिक विषय होगा। यह सभी विद्यार्थियों को चयनित करने होंगे। एनसीएफ के तहत इन विषयों को तीन समूह में बांटा गया है। जिसमें से विद्यार्थियों को किसी दो समूह से चार विषय चयनित करने होंगे।

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  • क्रेडिट के आवंटन के लिए कुल अनुमानित 1200 शिक्षण घंटे प्रति वर्ष होंगे, जिसके लिए 40 क्रेडिट दिए जाएंगे।
  • एनसीआरएफ के तहत क्रेडिट गणना के लिए 30 शिक्षण घंटों को एक क्रेडिट के रूप में गिना जाएगा।
  • विद्यार्थियों की एक सत्र में न्यूनतम 75 प्रतिशत उपस्थिति जरूरी।
  • मुख्य परीक्षाओं में क्रेडिट, विद्यार्थियों के ग्रेड कार्ड में अंकों और ग्रेड के साथ दर्शाया जाएगा।
  • अर्जित क्रेडिट विद्यार्थी के अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में जमा किया जाएगा जो डिजिलॉकर से जुड़ा होगा।
  • प्रत्येक विषय सात क्रेडिट का होगा, एक सत्र में 210 घंटे आवंटित किए गए हैं।
  • प्रत्येक अध्याय के लिए घंटे आवंटित हैं और इसे आगे सैद्धांतिक और व्यावहारिक घंटों में विभाजित किया गया है।
  • एक क्रेडिट प्रति सप्ताह एक घंटे के शिक्षण या दो घंटे के व्यावहारिक कार्य क्षेत्र कार्य के बराबर होगा। एक क्रेडिट का मतलब 15 घंटे के सिद्धांत (थ्योरी) या 30 घंटे की कार्यशाला या प्रयोगशाला कार्य के बराबर होगा।