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कृषि में उद्यमिता विकास की अपार संभावनाएं

उद्यमिता का अर्थ है कोई भी आर्थिक क्रिया, जिनसे हम कोई उत्पादन करते हैं और उससे फिर हम लाभ को प्राप्त करते हैं। उद्यमिता में नवाचार का समावेश होता है। अगर हम अपने व्यवसाय में किसी नयी चीज को लेकर आते हैं तब हम उसे एक अच्छा सफल उद्यम कहते हैं।

B.Sc Agri. STRIP

कृषि विषय से स्नातक उत्तीर्ण विद्यार्थियों को इस क्षेत्र की ओर आकर्षित करने के लिये रोबोटिक्स, आई.सी.टी. और नैनो टेक्नोलॉजी जैसी तकनीकी को बढ़ावा दिया जा रहा है। कृषि उद्यमिता, खाद्य प्रसंस्करण और मूल्य श्रृंखला विकास जैसे घटक युवाओं को कृषि क्षेत्र को ओर आकर्षित करने में सफल रहे हैं।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद पारंपरिक रूप से प्रौद्योगिकी विकास और प्रसार में खाद्य और पौषणिक सुरक्षा उपलब्धि के उद्देश्य से फसल, पशु और फार्म उत्पायदकता को बढ़ाने पर जोर देता रहा है। इस प्रकार विकसित की गई प्रौद्योगिकियों ने खाद्यान्न, बागवानी फसलों, दूध, मात्स्यिकी और अंडों के उत्पादन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण रूप से योगदान दिया है। तथापि, कृषि के बढ़ रहे वैश्वीकरण के कारण, अब अनुसंधान और विकास की प्राथमिकताओं का कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन और कृषि वैविधीकरण को बढ़ावा देकर वास्वातविक समानता और आजीविका सुरक्षा उपलब्ध कराने में सफलता प्राप्त किया है।

युवा भारत आत्मनिर्भर बने इसी उद्देश्य के साथ आत्म निर्भर भारत अभियान प्रारंभ किया गया है। आत्म निर्भर भारत अभियान के अंतर्गत कई योजनाएं कृषि उद्यमिता से संबंधित है। कृषि क्षेत्र में नवाचार द्वारा किये गए अभिनव प्रयास एवं स्टार्ट अप्स कृषि उद्यमिता को प्रभावी आन्दोलन के रूप में देखते हैं।

आत्म निर्भर भारत एवं कृषि उद्यमिता:
आत्म निर्भर भारत अभियान के अनतर्गत वांछित अपेक्षाएं एवं सम्बंधित विषय जैसे कृषि उद्यमिता को लेकर सरकार की नीतियाँ, स्टार्ट अप इन्कुबेटर और एक्ससी लेटर, नवाचार संवर्धन, वित्त जोखिम, कृषि प्रसार एवं कृषि उद्यमिता में अवसर शामिल हैं।

कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए किये गए प्रयास :

  • राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर नीति 2016)
  • स्टार्ट -अप इंडिया अभियान (2016)
  • उद्योग-शिक्षाविदों के बीच सहभागिता को प्रोत्साहन।
  • नई प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा।
  • किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य
  • कृषि में दक्षता एवं कार्य बल का विकास
  • उद्यमशीलता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) का क्रियान्वयन
  • छात्रों में उद्यमशीलता विकास हेतु स्टूरडेंट रेडी (ग्रामीण उद्यमशीलता जागरूकता विकास योजना) की शुरुआत
  • ग्रामीण जागरूकता कार्य अनुभव।
  • कृषि विज्ञान केंद्रों एवं कृषि महाविद्यालयों / विश्वविद्यालयों में निरंतर संपर्क।

बीएससी एग्रीकल्चर (ऑनर्स ) के बाद कैसे बने सफल किसान योजना एवं सुविधाओं की पूरी जानकारी प्राप्त करें :

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय कृषि स्नातकों एवं किसानों को कृषि क्षेत्र में बेहतर परिणाम देने के लिए निन्मलिखित सुविधाएँ उपलब्ध करा रही है। कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी देते हुए कहा की

” राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत “नवाचार एवं कृषि उद्यमिता विकास” कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य वित्तीय सहायता देने के साथ ही देश में इनक्यूबेशन इको-सिस्टम का पोषण करके नवाचार एवं कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देना है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने इस कार्यक्रम के अंतर्गत सहायता और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए देश भर में पांच ज्ञान साझेदार (केपी) और चौबीस आरकेवीवाई एग्री बिजनेस (कृषि व्यवसाय) इनक्यूबेटर (आर-एबीआई) नियुक्त किए हैं।

नवाचार और कृषि-उद्यमिता विकास” कार्यक्रम के तहत, कृषि और संबद्ध क्षेत्र के उद्यमियों को अपने स्टार्टअप स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसके लिए, कार्यक्रम के तहत छात्रों को अपने विचार को व्यवसाय में बदलने के लिए अधिकतम चार लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, बुवाई से पहले के चरण यानी विचार तथा पूर्व चरण में पांच लाख रुपये और उसके बाद में 25 लाख रुपये अनुदान सहायता के रूप में प्रदान किए जाते हैं। स्टार्टअप को अपने उत्पादों, सेवाओं, व्यावसायिक प्लेटफार्मों आदि को बाजार में लॉन्च करने और व्यावसायिक व्यवहार्यता प्राप्त करने के लिए अपने उत्पादों और संचालन को बढ़ाने में सुविधा प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण, तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

कृषि-क्लीनिक और कृषि-व्यवसाय केंद्र योजना के अंतर्गत, 18 से 60 वर्ष की आयु के चयनित उम्मीदवार, जिनके पास कृषि और संबद्ध विषयों में स्नातक की डिग्री है, वे देश भर के विभिन्न नोडल प्रशिक्षण संस्थानों (NTI) से 45 दिनों का निशुल्क आवासीय प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं।

खेती किसानी में युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने ‘कृषि में युवाओं को आकर्षित करना और बनाए रखना (आर्या)’ नामक परियोजना शुरू की है, जो 100 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) में चल रही है।