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Online Shopping and One Star Review

ऑनलाइन शॉपिंग : वन स्टार रीव्यू का गोलमाल

हम और आप जैसे कितने ही लोग जब ऑनलाइन शॉपिंग करते है तो एक नजर प्रोडक्ट के रीव्यू की तरफ भी डालते है। इससे हम मन लेते है या कहे मन को बहला लेते है की जो प्रोडक्ट हमने ख़रीदा है वो उसके बारे में लोगों की राय अच्छी है। सीधा बोले तो अच्छा रीव्यू मतलब अच्छा सामान और ख़राब रीव्यू मतलब ख़राब सामान। लेकिन ये रीव्यू फर्जी हो सकते है या जानबूझकर आपको भ्रमित करने के लिए दलए गए है यह सुनकर आपके मन में धोखा खाने जैसे विचार आ सकते है। बहुत सारे लोग इस खेल को अब समझ गए है और इसे नजरअंदाज करते हुए प्रोडक्ट को ठोक बजाकर खरीददारी करते है। लेकिन एक नया चलन आया है नेगेटिव रीव्यू। इसे बोलचाल की भाषा में वन स्टार रीव्यू भी कहा जाता है। दरसल यह किया जाता है अपने प्रतिस्पर्धी कंपनियों को नुकसान पहुंचाने और बिक्री को कम करने के लिए।

वन स्टार रीव्यू :
अमेजन हो या फ्लिपकार्ट या फिर कोई भी शॉपिंग वेबसाइट्स जहां से हम खरीदारी करते हैं। सामान खरीदने से पहले हम अक्सर उस प्रोडक्ट के रिव्यू को पढ़ते हैं। उसके बाद रिव्यू के आधार पर हम यह तय करते हैं कि उस सामान को खरीदना है या नहीं। प्रतिद्वंद्वियों को नुकसान पहुंचाने के लिए इंडिपेंडेंस सेलर द्वारा बेवसाइट पर वन स्टार रिव्यू (संतोषजनक नहीं होना) दिया जाता है।

फर्जी फीडबैक :
फीड बैक या प्रतिपुष्टि का अर्थ है आपके किसी भी प्रकार के कार्य पर राय व्यक्त करना। बाजार भी इससे अछूता नहीं है। मार्केट और प्रोडक्ट के बीच अन्योनाश्रय संबंध है और इसी बंधन में बंधा है जिसने इसे बनाया है यानि कंपनी। यानि नकारात्मक फीड बैक से तीनो प्रभावित होंगे। मांग और आपूर्ति के नियम को यह प्रभावित करता है।

उदाहरण स्वरुप : किसी प्रोडक्ट को अगर 1 स्टार रेटिंग मिलती है तो इससे निपटने के लिए उसे 20 फाइव स्टार रीव्यू चाहिए होंगे। लेकिन यह इतना सीधा उत्तर नहीं है जिसे कोई भी कंपनी या प्रोडक्ट किसी की मदद से हासिल कर ले। यह हजारों की संख्या में होते है और लगभग हर प्रोडक्ट इससे प्रभावित होता है।

बाजार में स्टार्ट अप के साथ उतरने को तैयार खिलाडियों के लिए तो यह बेहद खतरनाक साबित होगा अगर उनके बारे में यह पहली राय ही नकारात्मक हो। इंडिपेंडेंट सेलर दुनिया भर में फैले हुए है जो अरबों रूपए की कमाई साल भर में करते है।

अगर डिलीवरी में देरी, सामान में खराबी की वजह से नेगेटिव रीव्यू मिलता है तो ऑनलाइन सेलिंग कंपनियां तुरंत उन्हें अपने प्लेटफॉर्म से हटा देती है। कुछ बड़ी कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म पर बिकने वाले प्रोडक्ट को लेकर सेंसेटिव होती है और अपने नाम पर किसी प्रकार के दाग को मिटने के लिए तत्पर रहती है इसके लिए वो नेगेटिव फीडबैक देने वाले के साथ किसी भी प्रकार का कोम्प्रोमाईज़ करने को तैयार रहती है। कंपनियों ने इसके लिए कड़े नियम बनाये है। लेकिन तमाम क़ानूनी प्रावधानों के बाबजूद चूहे और बिल्ली के खेल में इसे रोक पाना मुश्किल टास्क है ।