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झारखंड राय विश्वविद्यालय की पहल से मडुवा खेती को मिला बढ़ावा

झारखंड की जमीन मोटे अनाज की खेती के लिए उपयुक्त है। झारखंड राय विश्वविद्यालय, राँची द्वारा मडुआ की उन्नत किस्मों की खेती को बढ़ावा देने की पहल की गई है। मडुवा फसल किसानों के लिए फायदे का सौदा है। झारखंड राय विश्वविद्यालय, राँची के कृषि संकाय ने मडुवा की उन्नत किस्म बिरसा 1 की खेती करने के लिए नामकुम के चेने गांव के किसानों को निः शुल्क बीज उपलब्ध कराया है। बीज प्राप्त कर किसानों ने मडुआ की खेती की जिससे उन्हें सकारात्मक परिणाम मिला है।

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झाररखंड राय विश्वविद्यालय कि कुलपति प्रो० (डॉ०) सविता सेंगर ने विश्वविद्यालय के प्रयास पर कहा कि “ महिला किसानों को आर्थिक सबलता और आत्मनिर्भर जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। मडुआ की खेती के जरिये ग्रामीण महिलाएं आर्थिक सशक्तता की तरफ कदम बढ़ा रही हैं। विश्वविद्यालय किसानों के क्षमता संवर्धन के लिए समय समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने उन्हें नयी तकनीक से अवगत कराने का कार्य करता रहता है। कृषि संकाय का यह प्रयास सराहनीय है। खेती करने के लिए 26 किसानों को विश्वविद्यालय ने निः शुल्क बीज उपलब्ध कराया था।जिन्होंने 682 डिस्मिल भूमि पर इसकी खेती की थी।”

कुल सचिव डॉ. पीयूष रंजन ने मडुआ की खेती से किसानों को हुए लाभ के बारे में कहा कि “मडुआ की खेती के प्रति किसानों की उदासीनता को देखते हुए यह कार्यक्रम चलाया गया । जिसमें किसानों को सत्यापित बीज उपलब्ध कराकर खेती के लिए प्रोत्साहित किया गया। किसानों ने इसकी खेती किया जिससे 5 क्विंटल मडुआ प्राप्त हुआ । इससे पहले विश्वविद्यालय ने किसानों को लंबे समय तक सब्जियों को संगृहीत रखने के लिए लो कॉस्ट फ्रीजर बनाने की जानकारी उपलब्ध करायी थी। अपने खर्चे पर एक शीत गृह तैयार भी किया था जो गर्मियों के मौसम में किसानों के लिए फायदेमंद साबित हुआ । कुल सचिव ने कहा कि मडुआ की खेती करने के इक्षुक किसान विश्वविद्यालय से संपर्क कर (ट्रुथ फुल लेबेल्ड ) सत्यापित बीज प्राप्त कर सकते हैं। विश्वविद्यालय कृषि संकाय के पास पर्याप्त मात्रा में बीज उपलब्ध है।“

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झारखंड राय विश्वविद्यालय के डीन (एग्रीकल्चर) डॉ. रत्नेश्वर प्रसाद सिंह रतन ने इस संबंध में बताया कि ” झारखंड राय विश्वविद्यालय, राँची के कृषि संकाय के द्वारा मडुवा की उन्नत किस्म बिरसा 1 का बीज नामकुम के चेने गांव के किसानों को निः शुल्क कृषि कार्य के लिए दिया गया था । विश्वविद्यालय किसानों को मडुआ कि खेती के फायदों से अवगत कराने , मडुआ कि खेती को लोकप्रिय बनाने के लिए कार्य कर रहा है। इसके लाभ से अवगत होते हुए किसानों ने खेती शुरू किया है। चेने गांव की महिला किसान मीना लकड़ा और रीना तिर्की ने बढ़िया खेती की है। विश्वविद्यालय के द्वारा मडुआ बीज की बिक्री का कार्य भी किया