प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ (ONOS) स्कीम को हरी झंडी दे दी है। इस योजना के लागू होने से छात्रों, शिक्षकों और शोध कर्ताओं को बड़ी मदद मिलेगी।
योजना पर लगभग 6,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसके माध्यम से इंटरनेशनल लेवल पर क्या-क्या रिसर्च हो रही है, इसकी जानकारी बस एक क्लिक पर मिल सकेगी। केंद्र सरकार ने इस नई योजना में अभी 30 बड़े इंटरनेशनल जर्नल पब्लिशर्स को शामिल किया है। केंद्र सरकार इन पब्लिशर्स को सीधे भुगतान करेगी।
पीएम मोदी ने 15 अगस्त 2022 को लाल किले की प्राचीर से अमृत काल में देश में अनुसंधान और विकास के महत्व के बारे में बोलते हुए जय अनुसंधान का आह्वान किया था।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति NEP 2020
भी देश में उत्कृष्ट शिक्षा और विकास के लिए शुद्ध अनुसंधान की वकालत करता है।देश में राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की स्थापना इसी दिशा में उठाया गया कदम है।
एनईपी 2020 उच्च शिक्षा प्रणाली में क्रांति लाने के उद्देश्य से एक आधुनिक, भविष्योन्मुखी उद्देश्य प्रस्तुत करती है, जो आवश्यक तत्वों पर चतुराई से ध्यान केंद्रित करती है। यह उच्च शिक्षा को अधिक सुलभ और न्यायसंगत बनाने पर केंद्रित है, साथ ही यह अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही की ओर भी अग्रसर है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इसने उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए पुनर्गठन, समेकन और छात्रों के लिए शैक्षिक अनुभव को अगले स्तर तक ले जाने के लिए कई नए अवसर लाए हैं।
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन विकसित भारत @2047 का संकल्प
आत्म निर्भर भारत और विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के विजन के अनुरूप एक राष्ट्र एक सदस्यता योजना को मंजूरी देने का कार्य किया गया है। इस पहल से 1 करोड़ 8 लाख शिक्षकों ,छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए शीर्ष गुणवत्ता वाली पत्रिकाओं में उपलब्ध ज्ञान का भंडार सहज रूप से उपलब्ध हो जाएगा। अतः विषयक अनुसंधान को बढ़ावा देने में भी यह सार्थक साबित होगा।
एक राष्ट्र एक सदस्यता में 30 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पत्रिका प्रकाशनों के अलावा 13 हजार ई पत्रिका उपलब्ध होंगी जो देश की 6 हजार से अधिक सरकारी उच्च शिक्षण संस्थानों और अनुसंधान और विकास केंद्रों में उपलब्ध होंगी। यह सुविधा UGC के स्वायत्त अंतर विश्वविद्यालय केंद्र, इन्फ्लिबनेट सदस्यता माध्यम से डिजिटल स्वरूप में उपलब्ध होंगी।