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मादक पदार्थ निषेध सूचना केंद्र (मानस) ड्रग तस्करी के खिलाफ राष्ट्रीय पोर्टल

मादक पदार्थों से जुड़े अपराध के लिए फ्री हेल्पलाइन नंबर 1933

केंद्र सरकार ‘नशा मुक्त भारत’बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘नशा मुक्त भारत विजन को साकार करने के लिए नारको कोऑर्डिनेशन सेंटर (एनसीओआरडी) की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री ने राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन नंबर 1933 की शुरुआत की है। जिसके जरिए कोई भी व्यक्ति मादक पदार्थ से जुड़े अपराधों की सूचना दे सकेगा। यह हेल्पलाइन नंबर नागरिकों को ड्रग से संबंधित अपराधों की रिपोर्ट करने और गोपनीय रूप से सहायता प्राप्त करने की अनुमति देगा।

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एनसीबी द्वारा निगरानी की जाने वाली इस पहल का उद्देश्य ड्रग तस्करी, अवैध बिक्री और पुनर्वास जैसे मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक उपयोगकर्ता अनुकूल मंच बनाना है। मानस ड्रग तस्करी के खिलाफ देश की ‘शून्य सहिष्णुता नीति’ के अनुरूप तैयार किया गया है।

नशा मुक्त भारत विजन:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने मादक पदार्थों की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ अपनाई है। पीएम मोदी के 2047 तक नशा मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करने में यह पहल मददगार साबित होगी।

टोल फ्री नंबर 1933 जिसका नाम मानस रखा गया है का अर्थ है ‘मादक पदार्थ निषेध सूचना केंद्र’ या मादक पदार्थ निषेध खुफिया केंद्र।इस हेल्पलाइन का उद्देश्य हर नागरिक के लिए एक उपयोगकर्ता अनुकूल मंच स्थापित करना है, जहां वह 24×7 नशीली दवाओं से संबंधित मामलों की आसानी से रिपोर्ट कर सके। यह विशेष पोर्टल नशीली दवाओं की तस्करी, अवैध बिक्री, खरीद, भंडारण, निर्माण और नशीली दवाओं या मनोदैहिक पदार्थों की अवैध खेती सहित नशीली दवाओं से संबंधित मामलों की एक श्रृंखला को संबोधित करने के लिए समर्पित है।

नो ड्रग/ प्लास्टिक फ्री कैंपस :
झारखंड राय विश्वविद्यालय, रांची का नामकुम कैंपस नो ड्रग और प्लास्टिक फ्री कैंपस को लेकर संकल्पित है। समय – समय पर इसके लिए विद्यार्थियों के सहयोग से जन जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है। राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े स्वयंसेवक कैंपस के अलावा आस पास के गांव में ग्रामीणों को इन बतरों की जानकारी भी प्रदान करते हैं।

मानस हेल्पलाइन लिंक पर नागरिकों द्वारा दी गई पहचान और सभी जानकारी गोपनीय रहेगी। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो पहले विवरणों को सत्यापित करेगा और भारतीय कानून की स्थापित प्रक्रियाओं और नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के अनुसार उचित समझे जाने

पर कार्रवाई शुरू करेगा। नागरिक किसी भी नशीली दवाओं से संबंधित अपराध की रिपोर्ट कर सकते हैं और मानस हेल्पलाइन का उपयोग करके पुनर्वास और परामर्श के बारे में मदद मांग सकते हैं।