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रैगिंग फ्री कैंपस : विद्यार्थी सुरक्षा एवं करियर विकास पर कार्यशाला का आयोजन

झारखंड राय विश्व विद्यालय रांची के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं जेंडर चैंपियन क्लब के संयुक्त तत्वावधान में नेशनल एंटी रैगिंग सप्ताह पर शुक्रवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया। “रैगिंग फ्री कैंपस को प्राथमिकता : विद्यार्थियों की सुरक्षा एवं करियर विकास” विषय पर आयोजित कार्यशाला के मुख्य वक्ता झारखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता राहुल देव थे। कार्यशाला का उद्घाटन दीप प्रज्वलित करते हुए किया गया। इसके उपरांत मुख्य वक्ता को वाणिज्य और प्रबंधन विभाग की डीन डॉ० हरमीत कौर ने पौधा देकर सम्मानित किया।

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कार्यशाला का संचालन लाइफ स्किल विभाग की सहायक प्राध्यापक मानुषी रॉय ने किया उन्होंने मुख्य वक्त का परिचय कराते हुए कहा की झारखंड राय विश्व विद्यालय रांची रैगिंग मुक्त कैंपस है। यहाँ एक बेहतर वातावरण में विद्यार्थियों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि हमारे देश की उच्च शिक्षा प्रणाली में रैगिंग एक चिंताजनक वास्तविकता है। इस तथ्य के बावजूद कि पिछले कुछ वर्षों में रैगिंग ने सैकड़ों निर्दोष लोगों की जान ले ली है और हजारों प्रतिभाशाली छात्रों के करियर को बर्बाद कर दिया है, कई लोग अभी भी इस प्रथा को कॉलेज के युवाओं के लिए परिचय का एक माध्यम मानते हैं। इस क्षेत्र में काम करने वाले अन्य संगठनों/निकायों ने भी रैगिंग को परिभाषित करने का प्रयास किया है ।

झारखण्ड राय विश्वविद्यालय रांची रैगिंग फ्री कैंपस :

झारखण्ड राय विश्वविद्यालय, रांची एक रैगिंग मुक्त कैंपस है। विश्वविद्यालय ने इस विषय की गंभीरता को समझते हुए इसके रोकथाम के लिए कार्य कार्य किये हैं। विश्वविद्यालय में प्रवेश पाने वाले हर विद्यार्थी को सर्वप्रथम अपना पूर्ण ब्योरा विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण संकाय में जमा करना होता है। विश्वविद्यालय परिसर में रैगिंग से सम्बंधित एक भी घटना नहीं घटे इसके लिए एंटी रैगिंग कमेटी ,एंटी रैगिंग स्क्वॉड का निर्माण किया गया है। झारखंड राय विश्वविद्यालय का मेंटरशिप प्रोग्राम भी एक बेहद कारगर उपाय साबित हुआ है जिसने शिक्षक और विद्यार्थी संवाद के जरिये इस प्रकार की किसी भी घटना को परिसर में होने से रोका है।

कार्यशाला के मुख्य वक्ता झारखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता राहुल देव ने रैगिंग फ्री कैंपस को प्राथमिकता : विद्यार्थियों की सुरक्षा एवं करियर विकास विषय पर विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा की रैगिंग को किसी भी अव्यवस्थित आचरण के रूप में परिभाषित किया गया है,चाहे वह बोले गए शब्दों द्वारा या लिखित रूप से या किसी कार्य द्वारा किया गया प्रभाव हो किसी नए या जूनियर छात्र को चिढ़ाना, उसके साथ व्यवहार करना या उसके साथ अभद्र व्यवहार करना। उपद्रवी या अनुशासनहीन गतिविधि में शामिल होना जो झुंझलाहट, कठिनाई, या मनोवैज्ञानिक हानि का कारण बनता है या उत्पन्न होने की संभावना है या भय या आशंका पैदा करता है। एक नए या जूनियर विद्यार्थियों से ऐसा कोई कार्य या कृत्य प्रदर्शन को कहना जिसे करने में शर्मिंदगी या शर्मिंदगी की भावना उत्पन्न होती हो रैगिंग की श्रेणी में शामिल मन जायेगा। रैगिंग किसी भी नए या कनिष्ठ छात्र के शरीर या मानस पर प्रतिकूल प्रभाव डालने का कार्य करता है ।

इसके प्रतिकूल प्रभाव के कारण विद्यार्थी अवसाद, चिंता और कभी-कभी आत्महत्या की स्थिति में पहुँच जाता है । इस प्रकार के कृत्य में दोषी पाए जाने पर विश्वविद्यालय प्रशासन और विधि के नियमों के अनुरूप विद्यार्थी को दंडित किया जा सकता है।

रैगिंग क्या है ?

कॉलेज या विश्व विद्यालय में अगर जूनियर या सीनियर किसी स्टूडेंट्स की जाति, धर्म, रंग, लिंग,अपीयरेंस, राज्य या आर्थिक स्थिति पर तंज कसते हैं तो उन पर एंटी रैगिंग एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है। दोषी पाने पर उन्हें रेस्टिकेट, सस्पेंड, एडमिशन कैंसिल, फाइन, किसी भी कंपटीशन या यूथ फेस्टिवल में हिस्सा लेने से रोकने जैसे एक्शन लिए जा सकते हैं। यूजीसी ने रैगिंग रोकने के लिए बनाए गए नियमों को तोड़ने पर सख्त एक्शन लेने के आदेश दिए हैं।

यह व्यवहार रैगिंग माना जाएगा :

यूजीसी द्वारा संशोधित कानून के तहत किसी भी स्टूडेंट को उसके रंग, वंश, धर्म, जाति, नस्ल, लिंग(ट्रांसजैंडर भी), लैंगिक रुझान, रूप-रंग, राष्ट्रीयता, राज्य, भाषा, जन्म के स्थान, रहने की जगह या फिर इकोनॉमिक बैकग्राउंड के आधार पर किसी भी तरह का शारीरिक और मानसिक शोषण(डराना और बहिष्कार) करने पर सजा का प्रावधान रखा है।

  1. अगर संस्थान या हॉस्टल में किसी स्टूडेंट (छात्र या छात्रा) को उसके रंग रूप या पहनावे के आधार पर टिप्पणी की जाए और उसके स्वाभिमान को आहत किया जाए। उसे अजीबो गरीब नाम लेकर पुकारने और प्रताड़ित करने को भी रैगिंग माना जाएगा।
  2. किसी स्टूडेंट को उसकी क्षेत्रीयता , भाषा या जाति के आधार पर अपमान जनक नाम लेकर पुकारना और प्रचलित करना भी रैगिंग की श्रेणी में आएगा।
  3. स्टूडेंट की नस्ल या पारिवारिक अतीत या आर्थिक पृष्ठभूमि को लेकर उसे लज्जित करना और अपमान करना रैगिंग माना जाएगा।
  4. छात्राओं खासकर नई छात्राओं को अजीबोगरीब नियमों के तहत परेशान करना या अपमान जनक टास्क देना भी रैगिंग माना जाएगा।
  5. यूजीसी ने स्पष्ट कहा है कि यदि धर्म, जाति या क्षेत्रीयता के आधार पर किसी छात्र को मजाक से भी अपमानजनक लगता है तो उसे रैगिंग की श्रेणी में माना जाएगा।

झारखंड राय विश्व विद्यालय रांची के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सहयोग से नेशनल एंटी रैगिंग सप्ताह के अवसर पर आयोजित कार्यशाला को सफल बनाने में प्रो० ओ० पी ० सत्यम , प्रो० मानुषी रॉय, विधि संकाय की प्रो ० रजिया सैयद की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यक्रम में फार्मास्यूटिकल साइंस संकाय के प्रो० रणधीर गुप्ता भी उपस्थित थे।