2024 खत्म होने वाला है। इस साल चैट जीपीटी कई मेजर अपग्रेड्स के साथ पावरफुल हुआ है। 2024 में कई चैटबॉट और वॉयस असिस्टेंट्स लॉन्च हुए हैं। AI तेजी से अपना दायरा बढ़ा रहा है। Sora जैसे टूल हाइपर रियलिस्टिक वीडियो क्रिएट कर रहे हैं। जेनरेटिव एआई का दखल हर क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है। इमेज क्रिएटर चैटबॉट्स को लोग खूब पसंद कर रहे हैं। आने वर्ष 2025 AI वर्ष घोषित किया गया है।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने वर्ष 2025 को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस A I वर्ष घोषित किया है। देश के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों में 2025 एआई वर्ष के रूप में मनाया जायेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के तहत भारत को विश्वगुरु बनाने के सपने को साकार करने के लिए 14 हजार इंजीनियरिंग कॉलेजों के 40 लाख छात्रों को एआई में दक्ष करेगा। इसके तहत सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों 31 दिसंबर तक अपनी योजना को बनाकर एआईसीटीई को भेजनी होगी। खास बात यह है कि साल भर कैंपस में भारत को एआई, इनोवेशन और शिक्षा के क्षेत्र में भारत को विश्वगुरु बनाने का संकल्प लेने के साथ कार्यक्रम आयोजित होंगे।
AICTE के अध्यक्ष ने कहा है “जैसा कि हम 2025 को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के वर्ष के रूप में समर्पित करते हैं, आइए हम भविष्य के लिए तैयार कार्यबल का निर्माण करने के लिए एकजुट हों। साथ मिलकर, हम भारत को एआई नवाचार, नैतिकता और शिक्षा में वैश्विक नेता के रूप में आकार दे सकते हैं, जिससे आत्मनिर्भरता और समृद्धि के हमारे साझा दृष्टिकोण को पूरा किया जा सके।”
भारत अपने युवा शक्ति के दम पर दुनिया के लिए एआई वर्कफोर्स तैयार करेगा। इसके लिए 14 कॉलेजों के 40 लाख छात्रों को एआई में दक्ष किया जाएगा। इसके लिए कॉलेजों को एआई मल्टी डिसिप्लिनरी कोर्स और रिसर्च प्रोग्राम शुरू करने होंगे। साथ ही इंडस्ट्री की डिमांड आधारित एआई लैब स्थापित होंगी। एआई जागरूकता के लिए हैकथॉन, वर्कशॉप, विशेषज्ञों के विशेष एआई लेक्चर, एआई आधारित करियर काउंसलिंग
प्रोग्राम चलाए जाएंगे।
क्या होता है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI):
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक ऐसी तकनीक है, जो मशीनों और कंप्यूटरों को इंसानों की तरह सोचने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करती है। इसका उद्देश्य है मशीनों को इस काबिल बनाना कि वे डेटा का विश्लेषण करके समस्याओं को हल कर सकें, भविष्यवाणी कर सकें और कार्य को स्वचालित कर सकें।