“झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी में अगर कोई कार्यक्रम हो और उसकी एंकरिंग रामा ने नहीं की तो कार्यक्रम में मजा नहीं आता ” स्वाति और रामा की जुगलबंदी एंकरिंग में यूनिवर्सिटी के किसी भी कार्यक्रम में जोश भर देता है, रामा की मखमली आवाज का कैंपस में अपनी अलग पहचान है. ” ये कहना है झारखण्ड राय यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली कुमारी निशा और शशिकांत का. निशा फाइनल ईयर जर्नलिज्म की स्टूडेंट है और शशिकांत बीटेक कंप्यूटर साइंस का।
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रामानंद गोपी राय यूनिवर्सिटी के बीएससी एग्रीकल्चर के 3र्ड ईयर का स्टूडेंट है। रामानंद की प्रारंभिक पढ़ाई डॉन बोस्को स्कूल गुमला से हुयी है। इसके बाद हायर सेकंडरी जिला स्कूल से करने के बाद उसने एग्रीकल्चर में अपना कैरिएर बनाने के लिए राय यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। रामानंद बताते है ” गुमला से रांची पास है और मैंने पता किया था की राय यूनिवर्सिटी में बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई होती है। यहाँ एडमिशन होने से रांची आना और एग्रीकल्चर की पढ़ाई करने का सपना पूरा हुआ। “
अपने परिवार के बारे में बताते हुए रामानंद कहते है ” मेरा परिवार लोअर मिडिल क्लास रहा है, पिता जी झारखण्ड पुलिस में है , मेरे अलावा परिवार में 3 भाई बहन है, मेरी रूचि अग्रिकलचर में थी और मुझे इस सेक्टर में कुछ करना था, पढ़ाई पूरी करने के बाद शायद एनजीओ सेक्टर या अग्रिकलचर सेक्टर में कोई जॉब करूँगा।
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यूनिवर्सिटी कैंपस में अपनी पहचान एंकर के तौर पर बनाये जाने को एक अवसर के तौर पर देखते हुए रामानंद का कहना है की ” सभी कोई मुझे रामा – रामा पुकारते है , फैकल्टी भी मुझे इसी नाम से पुकारते है और फ्रेंड्स भी। 2017 में मुझे एंकरिंग करने मिला और वह अवसर था फ्रेशर्स डे। इसने मुझे कैंपस में पहचान दिलाई और सबने मेरे काम को सराहा।
रामानंद की हॉबी गिटार बजाना, एंकरिंग करना, स्पोर्ट्स और कल्चरल इवेंट्स में शामिल होना है , फ्रेंड्स के लिए लिटल मैजिशियन के तौर पर भी रामानंद की अपनी पहचान है।
स्टूडेंट्स के बिच रामा और स्वाति के जोड़ी के बारे में बताते हुए रामानंद बताते है ” ये बस एक इत्तेफ़ाक़ था की एंकरिंग करते समय इंग्लिश और हिंदी में डुएट फिलिंग के लिए बीएससी एग्रीकल्चर की स्टूडेंट स्वाति के साथ डायस पर एंकरिंग किया, इसके बाद ये सिलसिला चल पड़ा।
(Story written by Prof. Prashant Jaiwardhan)