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झारखंड राय विश्वविद्यालय का चतुर्थ दीक्षांत समारोह : 575 विद्यार्थियों को मिली डिग्री । 2 को चांसलर अवार्ड ,17 को गोल्ड मेडल, 44 को पीएचडी की डिग्री

झारखंड राय विश्वविद्यालय, रांची के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में 575 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई । इस दौरान 2 छात्रों को चांसलर अवार्ड एवं 17 को गोल्ड मेडल , 3 को डॉक्टरेट की मानद उपाधि, 44 शोध छात्रों को पी एच डी और 3 को एम टेक की डिग्री प्रदान की गई । दीक्षांत समारोह के दौरान 325 स्नातक उपाधि धारक, 93 स्नातकोत्तर की उपाधि वाले एवं 43 डिप्लोमा छात्रों को डिग्री दी गई।

समारोह के मुख्य अतिथि :

झारखंड राय विश्व विद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि ,किसान कल्याण एवं जनजातीय कल्याण विभाग के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में रिपब्लिक ऑफ़ नामीबिया टू इंडिया के हाई कमिश्नर गैब्रियल पी सीनिम्बो और राज्यपाल के शिक्षा सलाहकार प्रो० ई बालागुरुस्वामी उपस्तिथ थे। दीक्षांत समारोह के दौरान झारखंड राय विश्वविद्यालय की चांसलर डॉ. हरबीन अरोड़ा राय भी अतिथि की तौर पर उपस्थित रहीं।

दीक्षांत समारोह में तीन प्रसिद्ध व्यक्तित्व को मानद पी एच डी उपाधि से सम्मानित किया गया जिनमें नित्या मोहन खेमका : निदेशक ग्लोबल हेल्थ थिंक टैंक। नंद एंड खेमका ग्रुप की सलाहकार। मोनिका जिग्नोस: नामीबिया की प्रसिद्ध समाजसेवी और कानून की जानकार। रोहिता बोगोलागमा: यू के में श्रीलंका के हाई कमिश्नर। श्रीलंका के विख्यात कानून निर्माता शामिल थे।

झारखंड राय विश्व विद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण एवं जनजातीय कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने अपने संबोधन के दौरान शिक्षा और पर्यावरण की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इरादा आसमान छूने का हो लेकिन पांव जमीन पर हो। उन्होंने देश के विकास की चर्चा करते हुए कहा कि 2047 एक विकसित भारत का आह्वान है । एक विकसित भारत जिसमें सभी के लिए अवसर हो। दीक्षांत समारोह में उपस्थित छात्रों से उन्होंने कहा की 2047 का विकसित भारत कैसा हो उसमें रोजगार से जुड़े कैसे अवसर होंगे यह भी जानना आवश्यक है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं के महत्व पर बात करते हुए उन्होंने कहा की आज भाषाओं का बंधन टूटा है। मातृ भाषा का महत्व को बल मिला है।

देश में किसानों और कृषि क्षेत्र में अवसरों और उपलब्धियों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा की देश खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बना है। किसानों को सरकार के नई योजनाओं और तकनीक की जानकारी से भी अवगत कराने का कार्य किया जा रहा है। दीक्षांत समारोह में उपस्थित छात्रों से कहा की कुछ भी जीवन में प्राप्त करें कहीं भी कार्य करें जीवन में चेतना, संवेदना और सकारात्मकता को कभी नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जो बाजार में गुम हो जाता है उसे खोजा जा सकता है लेकिन जो खुद में गुम हो जाए उसे खोजना मुश्किल है।

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दीक्षांत समारोह को रिपब्लिक ऑफ नांबिया टू इंडिया के हाई कमीशन गैब्रियल पी सिनिंबो ने भी संबोधित किया। उन्होंने दीक्षांत समारोह में शामिल छात्रों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना देते हुए कहा भारत संभावनाओं से भरा देश है। इसकी युवा शक्ति इसकी पूंजी है।

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राज्यपाल के शिक्षा सलाहकार प्रो0 ई बालागुरु स्वामी ने भारत की प्राचीन ज्ञान और विज्ञान युक्त परंपरा की चर्चा करते हुए इसे एक समृद्ध परंपरा बताया। उन्होंने कहा भारत के युवा प्रचुर मात्रा में क्षमता रखते हैं । भारत एक तीव्र गति से आगे बढ़ने वाला देश बन चुका है जिसमें विज्ञान के क्षेत्र में भी कीर्तिमान स्थापित किया है। विद्यार्थियों से आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि आप कहीं भी कार्य करें लेकिन राष्ट्र प्रथम

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झारखंड राय विश्व विद्यालय की कुलाधिपति डॉ. हरबिन अरोड़ा राय ने दीक्षांत समारोह के दौरान विचार प्रकट करते हुए कहा कि छात्रों यहां से जाने के बाद सोचना है की जीवन कैसा होना चाहिए । उन्होंने विद्यार्थियों से कहा की आप जहां भी जाए अपनी संस्कृति को साथ लेकर जाएं। यह आपकी पूंजी है । एक संपत्ति है।

डॉ. अरोड़ा ने संसार, समरसता, सकारात्मकता और सतर्कता को वर्तमान जीवन के चार स्तंभ बताते हुए कहा कि आगे बढ़ने और सफल होने के लिए यह आवश्यक है। उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा, भारतीय होने पर गौरव करने पर भी विस्तार पूर्वक चर्चा की। दीक्षांत समारोह का स्वागत भाषण करते हुए झारखंड राय विश्वविद्यालय रांची की कुलपति प्रो. सविता सेंगर ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि” विश्वविद्यालय यूजीसी और शिक्षा मंत्रालय के निर्देशानुसार कार्य कर रहा है। अभी विश्वविद्यालय में 7 फैकल्टी में 19 से ज्यादा कोर्स चलाए जा रहे हैं। जिसमें 10 यूजी कोर्स 5 पीजी कोर्सेज और डिप्लोमा के कोर्स शामिल है।

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प्रो. सेंगर ने अकादमिक और शोध क्षेत्र में उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा की अब तक विश्वविद्यालय ने 21 से ज्यादा एम ओ यू देश के प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ किया है । वहीं 14 से ज्यादा पेटेंट भी विश्वविद्यालय के शिक्षकों के द्वारा प्राप्त किया गया है। विश्वविद्यालय को राज्य और केंद्र प्रायोजित 3 प्रोजेक्ट भी प्राप्त हुए है।

कुलपति सेंगर ने भारतीय ज्ञान परंपरा और मूल्यों की चर्चा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ विद्यार्थियों में नैतिकता के गुण भी समाहित करने का कार्य कर रहा है। विश्वविद्यालय ने शिक्षा के साथ शोध और अन्वेषण को प्रमुखता देते हुए छात्रों के लिए कैम्पस में इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल की स्थापना की है। यह सेल विद्यार्थियों के मौलिक विचारों को मंच प्रदान करते हुए उन्हें उद्यमिता की तरफ ले जाने का कार्य करता है। यहां पढ़ाई करने वाले छात्रों ने 20से ज्यादा स्टार्ट अप को अपने नाम से पंजीकृत कराया है।

विद्यार्थियों की उपलब्धि की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा की यहां पढ़ाई कर रहे छात्रों ने राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा में भी सफलता हासिल किया है। इनमें गेट, टॉफेल और सी ए की परीक्षाएं शामिल हैं। विश्वविद्यालय की एक छात्रा को 26 जनवरी के गणतंत्र दिवस परेड में कर्तव्य पथ पर चलने का भी अवसर प्राप्त हुआ है।

दीक्षांत समारोह के समापन पर धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कुलसचिव डॉ. पीयूष रंजन ने सभी विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना देते हुए जीवन में बड़े मुकाम हासिल करने के लिए तैयार होने को कहा। उन्होंने कहा की आप कैम्पस की दुनिया से निकल कर वास्तविक दुनिया के साथ परिचित होने जा रहे है। यहां आपका एक ही दोस्त है और वह है कौशल और ज्ञान।